Janmashtami 2023 : श्री कृष्ण जन्मोत्सव नजदीक है और हिंदू भक्त बड़े उत्साह के साथ इस खुशी के अवसर की तैयारी कर रहे हैं. भगवान के जन्म का जश्न मनाने के लिए मंदिरों में भी तैयारियां चल रही हैं. लाखों की संख्या में लोग मथुरा आते हैं क्योंकि इस दिन को मनाने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव तीन दिनों तक चलेगा. हर साल की तरह, लोग इस त्योहार को मनाने के लिए दो तारीखों को लेकर असमंजस में हैं. कई भक्त उसी तिथि का पालन करते हैं जिस दिन मथुरा में जन्माष्टमी मनाई जाती है.
जन्माष्टमी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आती हैं. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने उस तारीख का खुलासा किया जिस दिन मथुरा और बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी मनाई जाएगी. जानिए उसे क्या कहना है.
मथुरा में जन्माष्टमी 2023 तिथि ||Janmashtami 2023 date in Mathura
ब्रज में तीन दिन तक मनाई जाएगी जन्माष्टमी. ठाकुर श्री केशव देव के प्राचीन मंदिर में 6 सितंबर को उत्सव मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी के दिन मनाया जाता है. तो, मथुरा के अन्य मंदिर 7 सितंबर को त्योहार मनाएंगे। नंदगांव में, यह 8 सितंबर को मनाया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि अष्टमी 6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4.14 बजे तक रहेगी। अष्टमी 6 और 7 सितंबर को रहेगी, इसलिए यह त्योहार दो दिन मनाया जा रहा है.
भगवान कृष्ण महाभिषेक का समय || Time of Lord Krishna Mahabhishek
– श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना: रात्रि 11 बजे
– सहस्त्रार्चन: रात्रि 11.55 बजे तक
– दर्शन के लिए दरवाजे बंद: रात 11.59 बजे
– प्राकट्य दर्शन, आरती: रात्रि 12 बजे से 12.05 बजे तक
– महाभिषेक: रात 12.05 बजे से 12.20 बजे तक
– भगवान श्रीकृष्ण का जन्म महाभिषेक: रात 12.20 बजे से 12.40 बजे तक
– श्रृंगार आरती: रात 12.40 बजे से 12.50 बजे तक
– शयन आरती: रात 1.25 बजे से 1.30 बजे तक
प्रबंधन की चेतावनी, मंदिर में रहें अलर्ट || Management’s warning, stay alert in the temple
प्रबंधन ने चेतावनी दी है कि श्रद्धालु गुंडों और असामाजिक तत्वों से सावधान रहें. मंदिर के अंदर जेबकतरे और मोबाइल चोर भी सक्रिय हैं. भक्तों को निर्धारित गेट से ही मंदिर में प्रवेश और निकास मिलेगा। जूते-चप्पलों के लिए सभी प्रवेश मार्गों पर जूता घर बनाए गए हैं। यहां श्रद्धालु जूते-चप्पल उतारने के बाद ही मंदिर की ओर बढ़ेंगे।
पिछले साल ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रात दो बजे मंगला आरती के दौरान भीड़भाड़ के कारण दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई की तबीयत बिगड़ गई थी। ऐसे में इस बार भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है. मंदिर प्रबंधक ने बताया कि भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गयी है.
रक्षाबंधन के आठवें दिन कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है
अष्टमी तिथि को सूर्योदय के समय जयंती मनाई जाएगी। नंदगांव में 8 सितंबर को जन्मोत्सव मनाया जाएगा. यहां यह आयोजन गोपद गणना (खुर गणना) द्वारा किया जाता है. रक्षाबंधन के आठवें दिन कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
बांकेबिहारी मंदिर प्रशासन ने जारी की सलाह || Banke Bihari temple administration issued advice
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए अहम एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने अपील की है कि सभी श्रद्धालु बांकेबिहारी के दर्शन से पहले एक बार यह एडवाइजरी जरूर पढ़ें।
मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु बैग और कीमती सामान न लाएं.
मंदिर में किसी भी परेशानी से बचने के लिए निर्धारित प्रवेश और निकास मार्गों का ही उपयोग करें.
मंदिर में आने-जाने का रास्ता और गेट अलग-अलग बनाए गए हैं. ऐसे में भक्तों को जूते-चप्पल पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए. मंदिर से जुड़ने वाले सभी मुख्य मार्गों पर मंदिर की ओर से जूते-चप्पल की व्यवस्था की गयी है.
सभी श्रद्धालुओं को जेबकतरों, चेन खींचने वालों और मोबाइल चोरों से सावधान रहना चाहिए.
प्रमुख त्योहार के कारण दर्शकों को वृन्दावन में ट्रैफिक जाम और सड़कों पर भीड़ के अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए अनावश्यक परेशानियों से बचने के लिए भीड़ की स्थिति का आकलन करने के बाद ही वृन्दावन आएं.
श्रद्धालुओं को अपने परिजनों की जेब में पता और फोन नंबर की पर्ची अवश्य रखनी चाहिए. ताकि अलगाव की स्थिति में आपको सूचित किया जा सके.
मंदिर की ओर से श्रीबांकेबिहारी जी पुलिस चौकी पर खोया-पाया केंद्र स्थापित किया गया है.
श्रद्धालुओं को चोर और अन्य असामाजिक तत्वों से सावधान रहना चाहिए और अपने सामान की देखभाल स्वयं करनी चाहिए.
भीड़ के दौरान श्रद्धालु छोटे बच्चों, बूढ़ों, विकलांगों और मरीजों को मंदिर में न लाएं.
गर्मी के दिनों में व्रत रखने और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उचित दवा न लेने के कारण वृद्ध लोगों और विशेषकर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. इसलिए चिकित्सीय परामर्श, औषधि और चिकित्सीय लाभ लेने के लिए ही मंदिर आएं.
ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
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