Ban Ganga Mein Kyon Lagate Hain Dubki? : वैष्णो देवी यात्रा से पहले क्यों लगाते हैं बाणगंगा में डुबकी?
Ban Ganga Mein Kyon Lagate Hain Dubki?: वैष्णो देवी यात्रा में अक्सर ही आपने श्रद्धालुओं को दर्शन से पहले बाणगंगा में डुबकी लगाते देखा होगा. कई श्रद्धालु इस नियम का पालन करते हैं और दूसरों से भी ऐसा करने को कहते हैं. आपने भी इस नियम के बारे में सुना जरूर होगा. आखिर क्या वजह है बाणगंगा में डुबकी (Ban Ganga Mein Kyon Lagate Hain Dubki?) लगाने की? इसके पीछे क्या मान्यता है? वैष्णो देवी यात्रा से पहले के इस नियम के बारे में जानते हैं गहराई से
पुल के नीचे से बहती हैं बाणगंगा || Banganga flows from under the bridge
वैष्णो देवी यात्रा के पुराने मार्ग पर पुलिस चेक पोस्ट के बाद तीर्थयात्री एक छोटे से पुल पर पहुंचते हैं जिसके नीचे बाणगंगा बहती है, जो माता के चमत्कारों और किंवदंतियों से जुड़ी पौराणिक नदी है. नदी में साल भर पानी रहता है. सर्दियों के दौरान पानी में कमी आती है.
इसे पवित्र माना जाता है और जैसा कि सामान्य हिंदू परंपरा है, भक्त आगे बढ़ने से पहले इसमें स्नान करना पसंद करते हैं. बदले हुए समय में कई तीर्थयात्री पारंपरिक स्नान को छोड़ना पसंद करते हैं, लेकिन जिनके पास समय है या जो पारंपरिक रूप से इच्छुक हैं और किंवदंतियों और परंपराओं का पालन करना चाहते हैं, वे आगे बढ़ने से पहले डुबकी लगाना चाहेंगे. इस उद्देश्य के लिए कुछ घाट भी बनाए गए हैं.
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बाणगंगा, हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल और पवित्र नदी है. यहां कटरा में भक्त माता वैष्णो देवी यात्रा जारी रखने से पहले डुबकी लगाना पसंद करते हैं. हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला के दक्षिणी ढलान से निकली बान गंगा नदी में दो घाट हैं जहां बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाते हैं.
नदी चिनाब नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है और इसका नाम दो शब्दों से मिला है, बाण का अर्थ है तीर और गंगा जो भारत की पवित्र नदी गंगा के लिए है. इस प्रकार नदी को गंगा की जुड़वां भी कहा जाता है.
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बाणगंगा की पौराणिक कथा || Mythology of Ban Ganga
किंवदंती के अनुसार, जब माता वैष्णो देवी, लंगूर के साथ त्रिकुटा पहाड़ियों में अपने निवास की ओर जा रही थीं, तो उन्हें प्यास लगी. तब देवी ने जमीन में एक तीर चलाया और एक झरना निकला. इसी को आज बाण गंगा के रूप में जाना जाता है.
ऐसा माना जाता है कि देवी ने नदी के पानी में अपने बाल धोए थे और इस प्रकार इसे बाल गंगा के रूप में भी जाना जाता है.
बाण गंगा जाने का सबसे अच्छा समय || Best Time to go Ban Ganga
बाण गंगा की यात्रा अक्सर श्रद्धालु वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान ही करते हैं. ऐसे में सिर्फ इस नदी की यात्रा करने को लिए कोई खास समय तय नहीं हैं.
जिस तरह वैष्णो देवी यात्रा के लिए मार्च और अक्टूबर के बीच के समय को अच्छा माना जाता है, वैसे ही बाणगंगा के लिए भी यही समय लागू होता है.
हालांकि सर्दियों के महीनों में नदी का पानी कम हो जाता है या लगभग सूख जाता है.