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माउंट आबू जाएं तो Dilwara Jain Temple जरूर घूमें, इसकी बनावट है बहुत भव्य

Dilwara Jain Temple-दिलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान में सिरोही जिले के पर्वतीय स्थल माउंट आबू में लगभग 12-13वीं शताब्दी मे विमल शाह द्वारा बनाया गया भव्य जैन मंदिर है. कहते है की इसको बनाने मे पत्थर गुजरात के पाटन से हाथियों पर लाया गया था. जिससे पत्थरों को लाने में 400 हाथियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था. इस बात का धनी व्यापारी विमलशाह को बड़ा दुख हुआ.

उसने कहा भविष्य में इस मंदिर को देखकर यहां के राजा को और मेरे को तो लोग याद करेंगे पर इन सैंकड़ों हाथियों के बलिदान को कौन याद करेगा. इसलिए विमलशाह ने उसी समय जैन मंदिर परिसर मे ही हाथियों का मंदिर बनवाया जिसमें हाथियों की विशाल मूर्तियां लगी है जो मंदिर निर्माण मे हाथियों के बलिदान को दर्शाता है.

Dilwara Jain Temple History

माउंट आबू जैन मंदिर के इतिहास के बारे में आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण चालुक्य वंश द्वारा 11 वीं और 13 वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था. भले ही यह मंदिर बाहर से बहुत सामान्य दिखता है, लेकिन इनके प्रवेश द्वार के असाधारण दरबाजो से इसकी वास्तु श्रेष्ठता के बारे में पता चलता है.

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इस मंदिर की छत, द्वार, स्तंभ और पैनल में बहुत ही बारीकी से साथ नक्काशीदार सजावट की गई है, जो इसकी वास्तुकला की अद्वितीयता को बताते हैं. इस मंदिर की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि उस ज़माने में 1200 मीटर की ऊंचाई पर संगमरमर के इतने बड़े ब्लॉकों को ले जाने की कोई सुविधा नहीं थी. तब हाथियों का इस्तेमाल करके उनकी पीठ पर अम्बाजी से माउंट आबू तक संगमरमर ले जाने का काम किया जाता था.

Architecture of Jain Temples

जैन मंदिरों की वास्तुकला नगर शैली से प्रेरित है और प्राचीन पांडुलिपियों का एक संग्रह है. दिलवाड़ा मंदिरों में एक ही आकार के पांच मंदिर शामिल हैं, और ये सभी एकल मंजिला हैं.

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सभी मंदिरों में कुल 48 स्तंभ हैं जिनमें विभिन्न नृत्य मुद्राओं में महिलाओं की सुंदर आकृतियाँ हैं. मंदिर का मुख्य आकर्षण ‘रंगा मंडप’ है जो गुंबद के आकार की छत है. इसकी छत के बीच में एक झूमर जैसा ढांचा है, और पत्थर से बनी विद्यादेवी की सोलह मूर्तियां हैं, जो ज्ञान की देवी हैं. नक्काशी के अन्य डिजाइनों में कमल, देवता और अमूर्त पैटर्न शामिल हैं.

The Five Marvels Of Dilwara Jain Mandir

बता दें कि भव्य दिलवाड़ा मंदिर में पांच समान रूप से मंदिर बने हुए हैं जिनके नाम है विमल वसाही, लूना वसाही, पित्तलहर, पार्श्वनाथ और महावीर स्वामी मंदिर है. यह मंदिर क्रमश: भगवान आदिनाथ, भगवान ऋषभभो, भगवान नेमिनाथ, भगवान महावीर स्वामी और भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित हैं.

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इन सभी मंदिरों में से हर एक मंदिर में मंडप, गर्भग्रह, एक केंद्रीय कक्ष और अंतरतम गर्भगृह जहाँ भगवान का निवास माना गया है. इन मंदिरों में नवचोकी है जो नौ सजावट वाली छतों का एक समूह है. कुछ अन्य संरचनाओं में किर्थी स्तम्भ और हाथिशला भी है जो अपने जैन मूल्यों और सिद्धांतों को बताता है.

Mount Abu Dilwara Jain Temple Timings

जैन मंदिर जैन भक्तों सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है और अन्य धर्म के लोगो के लिए यह दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा. यहां जाने से पहले इस बात का जरुर ध्यान रखे कि इस मंदिर में किसी भी पर्यटक और तीर्थ यात्री को मंदिर परिसर में फोटो खींचने की अनुमति नहीं है.

Dilwara Jain Temple Entry Fees

अगर आप दिलवाड़ा मंदिर घूमने या दर्शन करने जा रहे हैं तो बता दें कि इन मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता.

Best Time To Visit Dilwara Temples

अगर आप दिलवाड़ा मंदिरों की यात्रा के लिए जा रहे हैं तो आपको बता दें कि माउंट आबू में पूरे साल अच्छा मौसम रहता है. हालांकि अप्रैल से लेकर जून के महीने गर्म होते हैं. लेकिन मानसून और सर्दियों का मौसम यह जगह घूमने के लिए बहुत अच्छी है. क्योंकि इस जगह न बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है न बहुत ज्यादा बरसात होती है.

Best Places To Visit Near Dilwara Jain Mandir

अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ माउंट आबू की यात्रा का प्लान बना रहे है तो नीचे दिए गए जगह पर अवश्य घुमने जाये. माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य एक समृद्ध जैव विविधता वाली ऐसी जगह है जो इसे एक छोटे और अच्छे पर्यटक स्थलों की सूची में शामिल करता है.

यह अभयारण्य माउंट आबू पर्वत श्रृंखलाओं की सबसे पुरानी जगहों में से एक है और यहां के कई उत्तम दृश्यों के साथ आपको कई दर्शनीय स्थल भी देखने को मिलते हैं. इस पूरे क्षेत्र को वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने के लिए एक वन्यजीव अभयारण्य बनाया गया था.

यह अभयारण्य एक ऐसी जगह है, जिसमे सदाबहार जंगलों की जीवंत वनस्पति पाई जाती है. अगर आप राजस्थान की यात्रा के समय कुछ अच्छे वन्यजीवों को देखना और प्राकृतिक जगह का अनुभव लेना चाहते हैं तो यह इसके लिए बहुत अच्छा स्थान है.

How To Reach Dilwara Temples Mount Abu

माउंट आबू और दिलवाड़ा मंदिर के बीच की दूरी सिर्फ 2.5 किलोमीटर है. यदि आपके पास अपना वाहन है, तो आप आसानी से मंदिर तक या तो देलवाड़ा रोड या तीर्थयात्रा मार्ग से पहुँच सकते हैं. इस मार्ग पर बसें नहीं चलती हैं, हालांकि, टैक्सी या ऑटोरिक्शा यहां उपलब्ध हैं.

By Air

अगर आप दिलवाड़ा जैन मंदिर घूमने के लिए हवाई जहाज से जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि माउंट आबू से कोई डायरेक्ट एअरपोर्ट जुड़ा नहीं है. इसका निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर राजस्थान में है. अगर आप किसी और देश से आ रहे हैं तो आपको अहमदाबाद हवाई अड्डा उतरना बेहतर होगा, जो एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. इसके अलावा आप दिल्ली, मुंबई, जयपुर से उदयपुर के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट ले सकते हैं. इसके बाद आप माउंट आबू या दिलवाड़ा जैन मंदिर पहुंचने के लिए टैक्सी या कैब ले सकते हैं.

By train

अगर आप ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो आपको जयपुर और अहमदाबाद से माउंट आबू के लिए कई नियमित ट्रेन मिल जाएँगी. यदि आप जयपुर और अहमदाबाद के अलावा किसी दूसरे शहर से यात्रा कर रहे हैं तो हम आपको यही कहना चाहते हैं कि टैक्सी को प्राथमिकता दें क्योंकि ट्रेन से आने में आपको दिक्कत हो सकती है. आपको ट्रेन से माउंट आबू तक पहुंचने के लिए लंबे मार्ग से जाना होगा.

By road

दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू जाने के लिए आपको राज्य परिवहन की बस मिल जाएंगी. अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए माउंट आबू पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका दिल्ली से उदयपुर के लिए फ्लाइट पकड़ना है. यहां से माउंट आबू के लिए आपको निजी कार या टैक्सी मिल जाएगी.

 

Komal Mishra

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