Garh Ganesha Temple : राजस्थान में दुनिया का एकमात्र मंदिर, जहां विराजे हैं बिना सूंड के भगवान गणेश, जानें इतिहास
Garh Ganesh Temple : जयपुर के कई धार्मिक स्थानों में से है गढ़ गणेश मंदिर एक और आध्यात्मिक स्थल है जिसे अक्सर पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान देखने आते हैं. यह अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश एक छोटे बच्चे के रूप में निवास करते हैं. इस मंदिर की एक और अनोखी बात यह है कि यहां गणेश जी की मूर्ति में सूंड नहीं है क्योंकि वह अपने बाल रूप में बनी है. मंदिर के सभी कार्यों और व्यवस्थाओं की देखभाल औधच्य परिवार द्वारा बहुत सावधानी से की जाती है. दिवाली के बाद पहले बुधवार को मंदिर परिसर में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं जब अन्न-कूट नामक त्योहार मनाया जाता है.
यहां आयोजित होने वाला एक अन्य अवसर पौष बड़े का है जो पौष महीने के आखिरी बुधवार को आयोजित किया जाता है. वर्ष के इस समय में बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते हैं. मंदिर में रिद्धि सिद्धि और उनके दो बच्चों शुभ और लाभ की मूर्तियां भी नजर आती हैं. मंदिर के अंदर मंत्रों के जाप और धूप की सुगंध से बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल बनता है.
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गढ़ गणेश मंदिर का इतिहास || History of Garh Ganesh Temple
गढ़ गणेश की अनोखी प्रतिमा और किलेनुमा मंदिर के साथ ही इससे कई रोचक बातें और भी जुड़ी हैं. यह मंदिर करीब पांच सौ फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है. यहां तक पहुंचने के लिए कुल 365 सीढ़ियों का निर्माण किया गया है. कहा जाता है कि ये सीढ़ियां एक साथ नहीं बनाई गईं, बल्कि हर रोज सिर्फ एक ही सीढ़ी का निर्माण किया जाता था. ऐसा एक साल तक होता रहा, जिसके बाद इन 365 सीढ़ियों का निर्माण पूरा हुआ. आज भी लोग इन्हीं सैकड़ों साल पूर्व बनी सीढ़ियों को चढ़कर मंदिर में दर्शन करने जाते हैं. आज के समय में जब लोग मंदिर में दर्शन करने के साथ ही भगवान की तस्वीरें खींचते हैं, वहीं स्थापना के करीब 300 साल बाद भी इस मंदिर के अंदर की एक भी तस्वीर नहीं खींची गई है. यहां करीब 300 साल से फोटोग्राफी पर पूर्ण रूप से पाबंदी है. ऐसे में गणेश के इस बाल रूप की एक भी तस्वीर नहीं है.
इसलिए भी खास है गढ़ गणेश मंदिर || That’s why Garh Ganesh temple is special
इस मंदिर का निर्माण इस प्रकार से करवाया गया है कि सिटी पैलेस से खड़े होकर इसके दर्शन किए जा सकते हैं. कहा जाता है कि सवाई जयसिंह सुबह और शाम दोनों समय मंदिर के दर्शन करते थे. इतना ही नहीं गढ़ गणेश मंदिर का निर्माण इस प्रकार करवाया गया है कि यहां से सिटी पैलेस, गोविंद देव जी मंदिर और अल्बर्ट हॉल एक ही दिशा में साफ नजर आते हैं। इस मंदिर की मान्यता इतनी ज्यादा है कि यहां हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है. माना जाता है कि सात बुधवार तक जो भी अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए गढ़ गणेश के दर्शन को आता है, वो कभी खाली हाथ नहीं जाता है. 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है और इस दिन यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन को आते हैं.
कैसे पहुंचे गढ़ गणेश || How to reach Garh Ganesh
अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचें और यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए कैब या बस किराए पर लें. दूसरा ऑप्शन यह है कि जयपुर हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरें और फिर वहां उपलब्ध किसी भी सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से मंदिर तक पहुंचें.
गढ़ गणेश के आसपास करने लायक चीज़ें || Things to do around Garh Ganesh
एक धार्मिक स्थल होने के अलावा, मंदिर के आसपास एक सुंदर परिदृश्य है जो इसे जयपुर का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस बनाता है. अरावली पहाड़ी की चोटी से गुलाबी शहर अधिक आकर्षक दिखाई देता है,
खुलने/बंद होने का समय और दिन || Opening/closing hours and days Garh Ganesh
मंदिर सभी दिन सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है.
गढ़ गणेश प्रवेश शुल्क || Garh Ganesh Entry Fee
कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है लेकिन आप अपनी इच्छानुसार हमेशा मंदिर कोष में कुछ पैसे दान कर सकते हैं.
गढ़ गणेश घूमने का सबसे अच्छा समय || Best time to visit Garh Ganesh
जयपुर में इस मंदिर के दर्शन के लिए गणेश चतुर्थी सबसे अच्छा समय है जब हर साल यहां पांच दिनों तक चलने वाले मेले का आयोजन किया जाता है.