Famous Kali Temples in India : मां काली को नौ देवियों में सबसे शक्तिशाली और ताकतवर माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार उन्हें शिव की तरह दिखाया गया है. मां काली का ये रूप बुराई से अच्छाई को जीत दिलवाने वाला है. मां काली पापियों के विनाश के लिए जानी जाती हैं. तो चलिए आज हम आपको मां काली के भारत में बने फेमस मंदिरों के बारे में बताते हैं.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित चामुंडा देवी मंदिर माता काली को समर्पित है. माता काली शक्ति और संहार की देवी हैं. यह मंदिर पूरे हिमाचल की शान है. मंदिर के मुख्य द्वार से मां की मूर्ति दिखाई देती है और इसके किनारे पर भगवान भैरव और भगवान हनुमान की प्रतिमाएं हैं.
इस मंदिर का निर्माण साल 1762 में राजा उम्मेद सिंह द्वारा करवाया गया था. चामुण्डा देवी मंदिर 51 शक्ति पीठो में से एक है. मान्यता है कि चामुण्डा देवी मंदिर में माता सती के चरण गिरे थे.
कालीघाट काली मंदिर पश्चिम बंगाल में स्थित भारत के सबसे प्रसिद्ध काली मंदिरों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि माँ सती के दायें पैर की कुछ अंगुलियां इसी जगह पर गिरी थी. आज यह जगह काली भक्तों के लिए सबसे बड़ा मंदिर है. मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा प्रचंड रूप में है. माता की जिव्हा (जीभ) सोने की है जो की बाहर तक निकली हुई है. मां काली ने भगवान शिव की छाती पर पैर रखा हुआ है. उनके गले में नरमुंडो की माला है उनके हाथ में कुल्हाड़ी है.
कृपामयी काली मंदिर कोलकाता के पास हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. मंदिर के देवता कृपामयी हैं, जिन्हें काली का ही एक रूप माना जाता है. मंदिर का निर्माण जयराम मित्रा ने करवाया था, जो 1848 के प्रसिद्ध जमींदार और काली मां के सच्चे भक्त थे.
यह एक विशाल नौ-प्रायोजित मंदिर है, जिसमें शिव, काली को समर्पित बारह मंदिर बने हुए हैं.
दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता के पास दक्षिणेश्वर में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि रानी रासमणि को मां काली ने सपना देकर कहा था कि यहां उनका मंदिर बनवाया जाए, जिसके बाद उन्होंने साल 1855 में यहां मंदिर का निर्माण कराया था. इस भव्य मंदिर में माँ की मूर्ति श्रद्धापूर्वक स्थापित की गई है. इस मंदिर की मुख्य देवी, भवतारिणी है, जो हिन्दू देवी काली माता हैं. महाकाली का आशीर्वाद लेने के लिए दूर- दूर से भक्त इस मंदिर में आते हैं.
श्री भद्रकाली मंदिर तमिलनाडु के कोल्लम कोड गांव में स्थित है. यह एक बहुत लोकप्रिय मंदिर है जिसे श्री भद्रकाली देवस्वाम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में दो देवी हैं जिन्हें बहन के रूप में जाना जाता है.बड़ी बहन भद्रा और छोटी रूद्र.
भद्र और रुद्र दोनों बहने एक ही मंदिर में पूजी जाती हैं. कोल्लेमोड थुक्कम के रूप में जाना जाने वाला त्योहार हर साल श्री भद्रकाली देवास्वम के मंदिर में मनाया जाता है.
यह त्योहार शादीशुदा जोड़ों द्वारा मनाया जाता है.
कालकाजी में स्थित यह भारत में महाकाली के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. न केवल भारत से, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भक्त महाकाली का आशीर्वाद लेने के लिए इस मंदिर में आते हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी अपने भक्तों की मंदिर में शुद्ध हृदय और पूर्ण भक्ति के साथ पूजा करने से उनकी इच्छा को पूरा करती हैं.
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Christmas : इस लेख में हम बात करेंगे कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और इससे… Read More
Christmas Shopping 2024 : क्रिसमस आने वाला है. ऐसे में कई लोग किसी पार्टी में… Read More
Kumbh Mela 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Hot water : सर्दियां न केवल आराम लेकर आती हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं… Read More
Jaunpur Tour : उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर की यात्रा करना हमेशा एक सुखद अनुभव… Read More