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Dhanteras Festival : क्यों मनाते हैं धनतेरस? जानें त्योहार से जुड़ी हर जानकारी

Dhanteras Festival: दिवाली का त्योहार ‘धनतेरस’ से शुरू होता है. धनतेरस का सुख संपदा का पर्व माना जाता है. भारत में इस दिन बर्तन और गहने खरीदने का रिवाज है. इसी दिन से औपचारिक तौर पर दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है. दिवाली 5 दिन का उत्सव होता है. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व भी मनाया जाता है.

इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. यह त्योहार नए बर्तन और गहने खरीदने वाले लोगों के साथ मनाया जाता है. विशेष रूप से, ‘धनतेरस’ हिंदू कैलेंडर के कृष्ण पक्ष के शुभ महीने के तेरहवें दिन पड़ता है और यह दो शब्दों ‘धन’ और ‘तेरस’ से बना है.

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धनतेरस 2022 इतिहास || Dhanteras 2022 History

धनतेरस के त्योहार के पीछे की कहानी प्राचीन काल की है जब हिमा नाम का एक शक्तिशाली राजा था. राजा ने अपने परिवार की तरह पूरे प्यार  के साथ अपने पूरे राज्य की देखभाल की. जब हिमा को एक बेटा हुआ, तो ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि उसके बेटे को अपने जीवन के सोलहवें वर्ष में सांप के काटने के कारण अपने जीवन का अंत होगा.

इससे हिमा ने अलग-अलग तरीकों की खोज की कि वह अपने बेटे को कैसे बचा सकता है. ज्योतिषियों का अनुसरण करते हुए हिमा ने अपने बेटे की शादी एक ऐसी लड़की से की, जो एक भाग्यशाली कुंडली के लिए जानी जाती थी.

कुछ वर्षों तक दोनों खुशी-खुशी रहे. जब लड़का 16 साल का हुआ तो उसकी पत्नी ने एक योजना बनाई और अपने सारे गहने मुख्य दरवाजे पर जमा कर दिए. लड़की ने अपने पति से कहा कि वह सो न जाए और दोनों रात भर जागकर मुख्य द्वार पर पहरा देते रहे.

मृत्यु के देवता, भगवान यम एक नाग के रूप में उनके निवास पर पहुंचे, जैसे ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी. जब सांप ने घर में घुसने की कोशिश की तो सामने रखे जेवर ने रास्ता रोक लिया.

इस बीच लड़की सांप का ध्यान भटकाने के लिए मधुर गीत गाती रही. सर्प भी उसकी धुन सुनता रहा और हिमा के पुत्र की मृत्यु का समय बीत गया. इस प्रकार, भगवान यम हिमा के पुत्र की जान लिए बिना लौट आए. इसने धनतेरस की रस्म को जन्म दिया.

धनतेरस 2022 का महत्व || Significance of Dhanteras 2022

धनतेरस के अवसर पर हिंदू भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि देवता समुद्र मंथन के दौरान एक हाथ में अमृत से भरा कलश और दूसरे हाथ में आयुर्वेद के बारे में पवित्र पाठ पकड़े हुए प्रकट हुए थे. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन अमृत का एक जार लेकर प्रकट हुए थे. इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है.

भगवान धन्वंतरि का पूजन मुख्य रूप से क्यों किया जाता है? || Why is Lord Dhanvantari worshiped?

पौराणिक मान्यता है कि ऐसा करने भगवान धन्वंतरि आरोग्य और धन का आशीर्वाद देते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो कुछ भी आप खरीदते हैं उसमें 13 गुणा बढ़ोतरी होती है.

धन्वंतरी देवी कौन है? || Who is Dhanwantari Devi?

हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के 12वें अवतार भगवान धन्वंतरि जी को ही बताया गया है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के ही दिन धनतेरस मनाया जाता है.

धनवंतरी का जन्म कब हुआ था? || When was Dhanvantari born?

धनतेरस के दिन की भगवान धन्वंतरि जी का जन्म हुआ था. स्कंद पुराण के मुताबिक समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे. जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथ में अमृत कलश और पीतल के आभूषण थे. इसलिए धनतेरस पर भगवान की पूजा के साथ बर्तन या किसी पीली धातु को जरूर खरीदा जाता है.

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धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए? What to buy on Dhanteras?

धनतेरस पर झाड़ू,सरसो के बीज, पितल के बरतन और नमक का पैकट खरीदना चाहिए. ऐसा करने ले घर में वृद्धि होती है.

धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब है? || When is the auspicious time of Dhanteras?

22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक है. इस दिन धनतेरस पूजा के लिए आपको करीब सवा घंटे का शुभ समय प्राप्त होगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और परिवार की उन्नति होती है.

धनतेरस के दिन क्या करना पड़ता है? || What to do on the day of Dhanteras?

धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है.  इस दिन भगवान कुबेर को खुश करने से हर विश पूरी हो जाती है और व्यक्ति को धन से जुड़ी किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. धनतेरस के दिन भगवान कुबेर को लौंग, इलायची, कमल गट्टा, इत्र, सुपारी ,धनिया और दूर्वा चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है.

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धनतेरस कितने बजे से है? || From what time is Dhanteras?

धनतेरस का शुभ मुहूर्त  22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है. 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी

धनतेरस को कितनी झाड़ू खरीदनी चाहिए?|| How many brooms should I buy for Dhanteras?

धनतेरस के द‍िन तीन झाड़ू खरीदना अत्‍यंत शुभ होता है. लेक‍िन जोड़े में यानी क‍ि दो या फ‍िर चार की संख्‍या में झाड़ू खरीदने से बचें

क्या धनतेरस पर पैसा देना शुभ है? || Is it auspicious to give money on Dhanteras?

धन को भी लक्ष्‍मी का स्‍वरूप माना गया है. इसलिए धनतेरस के दिन किसी भी व्‍यक्ति को पैसा उधार नहीं देना चाहिए और न ही पैसा उधार लेना चाहिए

हम धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं?|| Why do we buy brooms on Dhanteras?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है.

धनतेरस के दिन कौन सी चीज नहीं खरीदना चाहिए? || What should not be bought on the day of Dhanteras?

धनतेरस के शुभ त्योहार पर एल्यूमिनियम की कोई भी नई चीज खरीदने से बचना चाहिए. धनतेरस के दिन धारदार वस्तुएं जैसे कि चाकू, कैंची, पिन, सूई या कोई धारदार सामान खरीदने से बचना चाहिए. धनतेरस के दिन इन चीजों को खरीदना शुभ नहीं माना जाता है

धनतेरस पर झाड़ू की पूजा कैसे की जाती है? || How is the broom worshiped on Dhanteras?

धनतेरस के दिन शाम में पुरानी झाड़ू की पूजा करें. इसके बाद नई झाड़ू की भी पूजा करें और घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.

धनतेरस के दिन दीपक कैसे जलाएं? || How to light a lamp on the day of Dhanteras?

दिवाली की तरह धनतेरस पर भी दीपक जलाया जाता है. इस दिन शाम के समय पूजा  करने के बाद अपने घर में 13  दीपक जलाएं. पहला दिया दक्षिण दिशा में यम के नाम का, दूसरा दिया पूजन स्थान पर मां लक्ष्मी के सामने, दो दीपक मुख्य द्वार पर, एक दिया तुलसी के पौधे में, एक दिया छत की मुंडेर पर और बाकी दीपक घर को कोनों में रख दें.

धनतेरस पर क्या खाना चाहिए?|| What to eat on Dhanteras?

धनतेरस के दिन नमक खरीद कर घर लाने से धन लाभ होता है. घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

धनतेरस पर कितने दिए जलाने चाहिए? || How many diyas should be lit on Dhanteras?

धनतेरस के दिन 13 दिपक जलाएं

झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है? || Why is the broom called Lakshmi?

झाड़ू को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. जब गंदगी बाहर जाएगी तो ही स्वच्छता, पवित्रता और धन संपदा अंदर आएगी. जब दरिद्रता बाहर होती है तभी लक्ष्मी माता का प्रवेश होता है. इसलिए लक्ष्मी माता के स्वरूप में झाड़ू को माना गया है.

धनतेरस का अर्थ क्या है? || What is the meaning of Dhanteras?

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है.

घर पर धनतेरस कैसे मनाते हैं? || How to celebrate Dhanteras at home?

इस दिन घर के द्वार पर तेरह दीपक जलाकर रखे जाते हैं. यह त्योहार दीपावली आने सूचना देता है.  इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा का महत्व है.

धनवंतरी का अर्थ क्या है? || What is the meaning of Dhanvantari?

धन्वंतरि का मतलब देवताओं के डॉक्टर होता है.

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