Kedarnath Dham Full Travel Guide | Kedarnath Mandir Full Travel Guide | केदारनाथ ( Kedarnath Dham ) उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। ये समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर गढ़वाल हिमालय में स्थित है। केदारनाथ मन्दिर ( Kedarnath Dham Full Travel Guide ) को हिन्दुओं के पवित्रतम गंतव्यों यानी कि चार धामों में से एक माना जाता है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊंचा यहीं पर स्थित है। आपको बता दें कि इस मन्दिर के पास से ही शानदार मन्दाकिनी नदी भी बहती है। गर्मियों के दौरान इस तीर्थस्थल पर पर्यटकों की भारी भीड़ भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिये आती हैं। ये मन्दिर लगभग 1000 साल पुराना है। मंदिर के गर्भगृह की ओर ले जाती सीढ़ियों पर श्रृद्धालुओं को पाली भाषा के शिलालेख देखने को मिल जाते है। समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण चारों धामों में से यहां पर पहुंचना सबसे ज्यादा मुश्किल है। ये मन्दिर गर्मियों के दौरान सिर्फ 6 महीनों के लिए ही खुला रहता है। ये तीर्थस्थान सर्दियों के वक्त बंद कर दिया जाता है क्योंकि सर्दियों में यहां पर भारी बर्फबारी होती है, जिस कारण यहां का वातावरण दर्शन करने के लिए सही नहीं माना जाता है। इस दौरान केदारनाथ के मूल निवासी निचले हिस्सों में चले जाते हैं और भगवान केदारनाथ की पालकी को उखिमठ ले जाया जाता है।
केदारनाथ ( Kedarnath Dham Full Travel Guide ) के आस पास के पर्यटक स्थल केदारनाथ आने वाले यात्रियों को मन्दिर के पास बने आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि पर अवश्य जाना चाहिये। शंकराचार्य प्रसिद्ध हिन्दू सन्त थे जिन्हें अद्वैत वेदान्त के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पहचाना जाता है। चारों धामों की खोज के बाज 32 साल की उम्र में उन्होंने यहीं पर समाधि ले ली थी। सोनप्रयाग केदारनाथ से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये मुख्य रूप से बासुकी और मन्दाकिनी नदियों का संगम स्थल है। ये स्थान यहां के पानी की जादुई शक्तियों के कारण काफी मशहूर है। माना जाता है कि लोगों को इस जल को सिर्फ छूने से बैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।
केदारनाथ से 8 किमी की दूरी पर और समुद्रतल से 4135 मी की ऊंचाई पर स्थित वासुकी ताल एक और प्रमुख स्थान है। ये झील हिमालय की पहाड़ियों से घिरी है जो इसकी सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। वहीं शानदार चौखम्भा चोटी भी इसी झील के पास है। वासुकी ताल तक पहुंचने के लिए चतुरंगी और वासुकी हिमनदियों को पार करना पड़ता है जिसके लिए सहनशक्ति की आवश्यकता होती है. Kedarnath Dham Full Travel Guide इसके बिना अधूरा है.
साल 1972 में बनी केदारनाथ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी अलकनन्दा नदी की घाटी में स्थित है। ये सैंक्चुरी 967 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है। सैंक्चुरी में चीड़, ओक, भूर्ज, बगयल और ऐल्पाइन के घने पेड़ मिल जाते हैं। इस स्थान की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां पर अलग अलग तरह के पौधे और जानवर मिलते हैं भारल, बिल्लियां, गोरल, भेड़िये, काले भालू, सफेद तेंदुये, सांभर, तहर और सेराव जैसे जानवरों को इस सैंक्चुरी में आसानी से देखा जा सकता है।
केदारनाथ ( Kedarnath Dham Full Travel Guide ) में कस्तूरी मृग जैसे विलुप्त जीवों को भी देखा जा सकता है। वहीं इसके अलावा पक्षियों में रूचि रखने वाले लोगों को यहां पर फ्लाईकैचर, मोनल, स्लेटी चित्ते वाले वार्बलर जैसी अलग अलग तरह की पक्षी दिख जाएगी। इसके अलावा पर्यटक मन्दाकिनी नदी में शाइजोथोरैक्स, नेमाचेलियस, गारा, बैरिलियस मछलियों को भी देखा जा सकता हैं। अगर आपके पास वक्त हो ता गुप्तकाशी भी जरूर जाना चाहिये।
इस क्षेत्र में 3 मन्दिर हैं जिनमें प्राचीन विश्वनाथ मन्दिर, मणिकर्णिक कुण्ड और अर्द्धनारीश्वर मन्दिर शामिल हैं। भगवान शिव को समर्पित अर्द्धनारीश्वर मन्दिर में श्रृद्धालु भगवान की मूर्ति को आधे पुरूष और आधे स्त्री के रूप में देख सकते हैं। विश्वनाथ मन्दिर में भी भगवान शिव के कई अवतारों की मूर्तियां हैं। लगभग आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित भैरवनाथ मन्दिर केदारनाथ का एक और लोकप्रिय मन्दिर है। ये मन्दिर भगवान शिव के एक गण भैरव को समर्पित है।
1982 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गौरीकुण्ड केदारनाथ का एक प्रमुख आकर्षण है। यहां पर एक प्राचीन मन्दिर है जो कि हिन्दू देवी पार्वती को समर्पित है। पुरानी कथाओं के मुताबिक यहीं पर देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। गौरीकुण्ड में एक गर्म पानी का सोता है जिसके पानी के न सिर्फ औषधीय गुण हैं बल्कि इससे लोगों को अपने पापों से भी मुक्ति मिलती है। Kedarnath Dham Full Travel Guide के लिए ये एक प्रमुख जगह है.
केदारनाथ के लिए सबसे पास का हवाईअड्डा 239 किलोमीटर दूर देहरादून का जॉली ग्रान्ट हवाईअड्डा है। वहीं जो यात्री रेल के द्वारा आना चाहते हैं वो 227 किमी की दूरी पर स्थित ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक आ सकते हैं। केदारनाथ आने के लिए आपको मई से अक्टूबर के बीच का समय चुनना चाहिए क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम काफी सुखद रहता है। भारी बर्फबारी में ये बंद हो जाता है। आपको Kedarnath Dham Full Travel Guide की हमारी जानकारी कैसी लगी, हमें जरूर बताएं.
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More