Bhima Betka : भीम बेटका के बारे में जानें इंटरेस्टिंग फैक्ट

Bhima Betka  : 10 हजार साल पुरानी संस्कृति में किस प्रकार से लोग रहा करते थे. किस प्रकार वह शिकार करते थे. उसका जीता जाता उदाहरण चंबल क्षेत्र के पहाड़गढ़ में आज भी देखने को मिल रहा है. पुरातन काल में मानव सभ्यता के चिन्ह आज भी गवाह है कि उस समय की संस्कृति कैसी रही होगी.

यह जानकर कुछ लोगों को आश्चर्य होगा कि भीमबेटका के समकालीन शैल चित्र चंबल संभाग के मुरैना जिले की पहाड़गढ़ तहसील में आज भी मौजूद है.  अपने वजूद को लेकर उस समय के लोग किस प्रकार से रहते थे और अपना जीवन यापन करने के लिए किस प्रकार से शिकार किया करते थे. उनकी इस जीवन शैली से जीवन जीने का एक आधार दिखता है. उनकी कला एवं संस्कृति आज भी प्रासंगिक है.

पहाड़गढ़ के घने जंगलों में है भीम बेटका || Bhima Betka is in the dense forests of Pahargarh

मुरैना से 70 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ के घने जंगलों में छाज नामक स्थान पर यह चित्र पत्थर पर लाल रंग से उकेरे गए हैं.  हजारों साल निकलने के बाद भी यह चित्र आज भी अच्छी स्थिति में है.  आज सरकार द्वारा इनको संरक्षण की आवश्यकता है.  अगर संरक्षण मिल जाता है, तो आगे आने वाले समय में जो पीढ़ियां आंएगी वह इन्हें देख सकेगी एवं इन विषयों पर शोध भी कर सकेगी. शोध के द्वारा लोगों को पता चल सकेगा कि 10 हजार साल पुरानी संस्कृति में किस प्रकार से लोग रहा करते थे.

Bhimtal Trip: भीमताल और उसके आसपास हैं कई खूबसूरत जगहें

80 गुफाएं हैं भीम बेटका में || There are 80 caves in Bhima Betka

भीम बेटका में कुल 80 गुफाएं हैं, जिनमें से 20 गुफाएं ही वर्तमान में देखी जा सकती हैं.इसे लिखि संस्कृति कहते हैं. इसमें बताया गया हैै कि 10 हजार साल पहले लोग नदीं के कनारे कैसे रहते थे तथा क्या खाते थे.

भीम बेटका घने जंगल में है.  वहां गाड़ी नहीं जा सकती है. जंगली जानवरों का डर है. पहले डाकू रहते थे, जिसकी वजह से लोग वहां बहुत कम जाते हैं. पुरातत्व विभाग द्वारा भी वहां कोई नहीं रहता है. नदी का किनारा है. वहां आसन्न और सांख नदी दोनों का मिश्रण पड़ जाता है.

कहां है Bhimbetka Cave ? क्या है खासियत ? कैसे पहुंचे वहां पर ?

क्या कहते हैं पुरातत्व अधिकारी || What are Archaeological Officers called?

भीम बेटका घने जंगह में है. इसिलए लोग नहीं जाते हैं. जंगली जानवरों का डर है. विभाग द्वारा भी अभी वहां कोई व्यक्ति नहीं रखा गया है. कई लोग भित्त चित्रों को खराब भी कर आते हैं. इसीलिए हमने पहले मुख्यमंत्री से एप्रोच रोड की घोषणा करवाई थी. जिसमें स्थानीय विधायकों ने साथ दिया था. इसमें वन विभाग से परमीशन लेने की बात कही गई थी. वन विभाग से जगह लेने का प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हु्आ है.

Recent Posts

Maha Kumbh 2025: कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जा रहे हैं? ठहरने के लिए जाएं इन किफायती जगहों पर

Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More

2 days ago

Christmas: Happy की बजाय क्यों कहते हैं Merry Christmas? Festival में कहां से हुई Santa Claus की एंट्री

Christmas : इस लेख में हम बात करेंगे कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और इससे… Read More

3 days ago

Christmas Shopping 2024 : क्रिसमस की Shopping के लिए Delhi-NCR के इन बाजारों में जाएं

Christmas Shopping 2024 :  क्रिसमस आने वाला है.  ऐसे में कई लोग किसी पार्टी में… Read More

6 days ago

Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में किला घाट कहां है? जानिए क्यों है मशहूर और कैसे पहुंचें

Kumbh Mela 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More

1 week ago

सर्दियों में खाली पेट गर्म पानी पीने के 5 फायदे

Hot water : सर्दियां न केवल आराम लेकर आती हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं… Read More

1 week ago

Jaunpur Tour : जौनपुर आएं तो जरूर घूमें ये 6 जगह, यहां से लें Full Information

 Jaunpur Tour : उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर की यात्रा करना हमेशा एक सुखद अनुभव… Read More

1 week ago