Bahá’í Religion: जानें बहाई धर्म का इतिहास और इसकी उत्पत्ति के बारे में
Bahá’í Religion – आप अगर दिल्ली के लोटस टेंपल (Lotus Temple in Delhi) गए होंगे तो आपने बहाई धर्म (Bahá’í Religion) के बारे थोड़ी बहुत जानकारी तो जरूर ली होगी. ऐसे वक्त में क्या आपके दिमाग में ये सवाल नहीं आया कि ये धर्म (Bahá’í Religion) है क्या और इस दौर में जब हम चुनिंदा धर्मों के बारे में ही सुनते हैं, तो ये नया धर्म कौन सा है? इस लेख में आप बहाई धर्म और आस्था के बारे में सबकुछ जानेंगे.
बहाई धर्म विश्व में एक ऐसा धर्म है जिसका उद्देश्य दुनिया की सभी जातियों और लोगों को एकजुट करना है. बहाई धर्म के सदस्यों को बहाई कहा जाता है जिसका अर्थ है “बहाउल्लाह का फॉलोअर्स.
बहाई आस्था एक ऐसा धर्म है जिसकी उत्पत्ति 1863 में ईरान में हुई थी. इसकी मान्यताएं ईश्वर के विभिन्न रूपों पर आधारित हैं, जिन्हें एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए ईश्वर द्वारा भेजे गए कई दूत माने जाते हैं, और मानव जाति को विकसित और आगे बढ़ने में मदद करते हैं. इनमें से कुछ दूत यीशु, मूसा, बुद्ध और मुहम्मद थे. आज, बहाई धर्म के 60 लाख से अधिक फॉलोअर्स पूरी दुनिया में फैले हुए हैं.
बहाई आस्था के बारे में अधिक जानकारी || More about the Bahá’í Faith
बहाउल्लाह का जीवन || Bahá’u’lláh’s life
बहाई आस्था की उत्पत्ति इसके फाउंडर बहाउल्लाह से शुरू होती है, लेकिन इस धर्म को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमें इस धार्मिक नेता के जीवन के बारे में जानना चाहिए.
प्रारंभिक जीवन || Early life
बहाउल्लाह के नाम से जाने जाने वाले हुसैन अली का जन्म नवंबर 1817 में तेहरान, फारस (आधुनिक ईरान) में हुआ था. उनका जन्म एक धनी परिवार में हुआ था. अपने पिता की मृत्यु के कुछ समय बाद पिता के करोबार संभालने के बजाय खुद को और अधिक परोपकारी गतिविधियों के लिए समर्पित कर दिया, जैसे कि गरीबों की मदद करना. इससे उन्हें गरीबों का पिता उपनाम मिला. इसी दौरान उन्होंने तीन शादी की.
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बहाउल्लाह और बाबिस्मो || Bahá’u’lláh and Babismo
1844 में, हुसैन की मुलाकात सैय्यद अली-मुहम्मद से हुई, जिन्हें बाब (अरबी में अर्थ गेटवे) के रूप में जाना जाता है, जो बाबवाद के फाउंडर थे. यह एक अद्वितीय और निराकार ईश्वर के विश्वास पर आधारित विश्वास था, जिसने मानव जाति को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए कई दूत भेजे,. कुछ ही समय बाद, हुसैन ने उनके लेखन को देखा और बाब के संदेश से इतने प्रभावित हुए कि वह उनके सबसे एक्टिव और वफादार फॉलोअर्स में से एक बन गए. उन्हें बहाउल्लाह के नाम से जाना जाने लगा, जिसका अर्थ है ईश्वर की महिमा, और वे बाबवाद के नेता बन गए. उन्होंने बहाई धर्म की स्थापना की.
बहाउल्लाह की प्रमुख शिक्षाएं || Major Teachings of Bahá’u’lláh
⦁ ईश्वर एक है , सभी अवतार उसी एक ईश्वर के द्वारा भेजे जाते हैं.
⦁ समस्त पूर्वाग्रहों का सर्वथा त्याग
⦁ विश्व शान्ति
⦁ महिलाओं और पुरुषों की एक समान
⦁ सार्वभौमिक शिक्षा
⦁ सत्य की स्वतंत्र खोज
⦁ विज्ञान और धर्म के बीच समन्वय
⦁ विश्व एकता
⦁ विश्व न्याय मंदिर
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दिल्ली का लोटस टेंपल बहाई धर्म का प्रतीक || Delhi’s Lotus Temple Symbol of the Bahá’í Faith
दिल्ली का लोटस टेंपल बहाई धर्म के विश्व में स्थित सात मंदिरों में से एक है. बहाई धर्म के फॉलोअर्स विश्व शांति और एकता के कार्यों में व्यस्त हैं और वसुधैव कुटुम्बकम के लिए काम करते हैं. बहाई फॉलोअर्स सभी धर्मों को मान्यता देते हैं और ईश्वर एक है और समस्त ज्ञान का स्त्रोत ईश्वर ही है, में विश्वास रखते हैं.