Bageshwar Dham Yatra in MP Chhatarpur : बागेश्वर धाम, छतरपुर, मध्य प्रदेश… ये नाम इन दिनों बेहद चर्चा में है. बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने प्रवचनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोर रहे हैं. बागेश्वर धाम से बाहर अब वह देशभर में भ्रमण करते हैं और भक्तों की समस्याओं का निवारण करते हैं.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के कई ऐसे वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहे हैं जिसमें दिखाई देता है कि वह भीड़ में से किसी भी भक्त को बुलाते हैं और उसके कहने से पहले ही उसकी समस्याओं को कागज पर लिख डालते हैं. चमत्कार से भरे ऐसे कई किस्से हैं.
आज इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि किस तरह से मैंने बागेश्वर धाम की अपनी यात्रा को पूरा किया और वहां पर क्या क्या किया? इस दौरान मैं आपको ये भी बताउंगा कि आप बागेश्वर धाम कैसे पहुंच सकते हैं, कहां पर ठहर सकते हैं और गढ़ा गांव, जहां पर ये मंदिर स्थित है, वह जगह कैसी है…
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. छतरपुर रेलवे स्टेशन से धाम की दूरी किलोमीटर है. इस यात्रा को NH-34 के जरिए कर सकते हैं. इस यात्रा में कुल आधे घंटे का वक्त लगता है.
यानी कि मध्य प्रदेश का छतरपुर रेलवे स्टेशन यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. आप दिल्ली, मुंबई सहित देश के दूसरे शहरों से सीधी ट्रेन लेकर छतरपुर आ सकते हैं.
अगर आपको छतपुर तक की सीधी ट्रेन न मिले तो क्या करें? ऐसे में आप नजदीकी दूसरे रेलवे स्टेशन जैसे कि महोबा, खजुराहो के लिए ट्रेन ले सकते हैं. इन दोनों रेलवे स्टेशनों से आप 2 घंटे में धाम पहुंच जाएंगे.
मैंने अपनी यात्रा दिल्ली से शुरू की थी. मुझे छतरपुर के लिए सीधी ट्रेन नहीं मिली तो मैंने महोबा के लिए टिकट बुक करा ली. निजामुद्दीन से U P Sampark Kranti (12448) से मैंने टिकट बुक की थी.
Google Map पर मुझे Mahoba Railway Station to Bageshwar Dham Sarkar की दूरी 37 किलोमीटर दिख रही थी. इस यात्रा में जो समय Google Map बता रहा था, वह 47 मिनट का था लेकिन जब मैंने खुद वास्तव में ये यात्रा की तो सिर्फ छतरपुर तक के लिए ही मुझे डेढ़ घंटे लग गए.
हो सकता है कि ऐसा इसलिए हुआ हो क्योंकि Google Map जो दूरी दिखाता है वह सीधा धाम तक की दिखाता है लेकिन बस पहले आपको छतरपुर उतारती हैं और वहां से आपको ऑटो लेकर बागेश्वर धाम तक जाना होता है.
नजदीकी स्टेशनों में दूसरा विकल्प खजुराहो स्टेशन का है. Khajuraho Railway Station से धाम की दूरी 55 किलोमीटर से ज्यादा है. इस यात्रा में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है.
अगर आप अपने वाहन से बागेश्वर धाम सरकार जा रहे हैं तब तो कोई समस्या नहीं… खजुराहो-झांसी हाईवे कमाल का है. आप यहां से फटाफट धाम पहुंच सकते हैं.
बागेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में है. ये पूरा इलाका बुंदेलखंड में स्थित है. आपको नजदीकी बस अड्डा भी छतरपुर का ही मिलता है.
हमे महोबा रेलवे स्टेशन से सबसे पहले एक ऑटो मिला, जिसने हमें महोबा के प्राइवेट बस स्टैंड छोड़ा. प्राइवेट बस स्टैंड से एक निजी बस मिली जिसने हमें छतरपुर बस अड्डे पर छोड़ा. इस पूरी यात्रा में डेढ़ घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया.
आप अगर अपने साधन से नहीं आ रहे हैं, तो छतरपुर बस अड्डे के लिए ही बस पकड़ें. ये बसें आपको भोपाल, झांसी सहित दूसरे कई शहरों से मिल जाती हैं.
बागेश्वर धाम पन्ना-खजुराहो हाइवे के पास स्थित है. इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के नाम से जाना जाता है. इसी हाइवे से 6 किलोमीटर की दूरी पर गढ़ा गांव है. इसी गांव में बागेश्वर धाम है.
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में गढ़ा गांव में स्थित है. गढ़ा गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. गांव में स्थानीय लोगों ने अपने घरों में ठहरने के व्यवस्था कर रखी है लेकिन यह सुविधाजनक नहीं है.
गांव में मंदिर के रास्ते में जो घर हैं, उन घरों में लोगों ने टीन शेड डालकर कहीं कहीं होटल की टेंपररी व्यवस्था की हुई है.
ये गढ़ा गांव हाईवे से 6 किलोमीटर अंदर है. यहां सड़क भी अच्छी नहीं है. रास्ता बेहद संकरा है. हमारा सुझाव है कि आप अगर परिवार के साथ या अकेले बागेश्वर धाम के दर्शन करने आते हैं, तो छतरपुर में ही ठहरें.
छतरपुर शहर में बाजार हैं. यहां आपको रोजमर्रा की जरूरत की चीजें भी मिल जाती हैं. शहर में कई बजट होटल हैं.
हम छतरपुर में ही ठहरे थे. हमें 900 रुपये में AC Room मिल गया था. ये OYO Hotel था.
हम भी आपको यही सुझाव देंगे कि यदि आप छतरपुर शहर के नजदीक से होकर गढ़ा गांव जा रहे हैं और आपका प्लान एक-दो दिन रुकने का है, तो आप छतरपुर शहर में ही रुकें.
वैसे हमें कुछ ऐसे भी लोग मिले जो सीधा मंदिर ही आते हैं और दर्शन करके चले जाते हैं. जिस होटल में हम रुके थे उसमें 3 दोस्त बाड़मेर से आकर ठहरे थे.
ये सभी देर रात छतरपुर पहुंचे थे. ये लोग सुबह सुबह दर्शन करने चले गए और फिर वहां से सीधा बाड़मेर निकल गए.
इनके लिए आसानी इसलिए थी क्योंकि ये अपने वाहन से थे. हमने एक चीज और भी देखी. मंदिर से लौटते वक्त हाईवे के रास्ते में एक ओवरब्रिज है.
इसके नीचे से ट्रेन गुजरती है. जब हम लौट रहे थे तो इस ट्रेन को किसी मुसाफिर ने चेन पुलिंग करके रोक दिया था.
सैंकड़ों की संख्या में पैसेंजर्स पटरियों से होते हुए सीधा सड़क तक आ गए थे.
इससे जहां जाम की स्थिति बन गई थी तो बागेश्वर धाम की ओर जाने वाली और वहां से आने वाली गाड़ियां भी फंस गई थी. सुरक्षा की दृष्टि से भी यह उचित नहीं है.
गढ़ा गांव ही वह जगह है जहां बागेश्वर धाम का तीर्थ स्थित है. गढ़ा गांव मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है.
गांव झांसी-खजुराहो हाईवे से 6 किलोमीटर दूर है. जब आप हाईवे से गांव के लिए मुड़ते हैं तब यहीं पर आपको एक छोटा सा बाजार मिलता है.
यहां मुझे कुछ कंस्ट्रक्शन भी दिखाई दिया.
कुछ और आगे बढ़ने पर रास्ता और संकरा हो गया जिसमें से एक बार में एक वाहन जा सकता है और एक वाहन आ सकता है.
ये रास्ता कहीं कहीं से टूटा भी हुआ था… आगे आपको कुछ पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं. गांव से एक किलोमीटर पहले ही एक अस्थायी पार्किंग है.
कुछ पुलिसवाले यहीं पर गाड़ियों को रोक देते हैं. हालांकि मैंने आगे चलकर इस बैरिकेडिंग के आगे भी गाड़ियां आई हुई देखीं.
ऑटोवाले पार्किंग के अंदर से होकर आगे आ रहे थे जबकि कुछ गाड़ियों में आए लोग अपने अपने पद का इस्तेमाल करके.
खैर, यहीं से मुझे खाने पीने और खिलौनों की दुकानें दिखाई देने लगीं. गढ़ा गांव के बारे में मुझे कोई ये कह रहा था कि वहां अच्छे अच्छे होटल हैं और कोई कह रहा था कि नहीं है.
यहां आकर मैं समझ गया कि छतरपुर में रहने का फैसला सही निर्णय था.
गांव में न तो बुनियादी सुविधाएं हैं और न ही होटल या रेस्टोरेंट जैसी कुछ खास व्यवस्था.
हां चटर पटर खाने के लिए काफी ऑप्शंस हैं यहां. मुझे मंदिर के रास्ते में कुछ होटल्स भी दिखाई दिए. लौटते वक्त इसी में से एक में हमने भोजन भी किया.
आगे एक रास्ता आपको गांव के ऐसे रास्ते से लेकर जाता है जहां दोनों ओर मिट्टी के पुराने घर बने दिखाई देते हैं.
ये खपड़ैल वाले घर मैंने बचपन में अपने गांव में भी खूब देखें हैं. इक्का दुक्का अब भी हैं. यहीं पर देखा कि कई घरों में होटल की व्यवस्था है जहां लोग ठहर सकते हैं लेकिन वह टेंपररी टाइप अधिक लगी.
आगे सिंदूर, चूड़ियों की दुकानें भी दिखाई दीं. यहां बाहर से आकर कई लोगों ने दुकानें खोल ली हैं. एक बड़ा बाजार बन गया है.
बागेश्वर धाम मंदिर के रास्ते में जब आप पैदल आगे बढ़ते हैं तभी आपको कई प्रसाद की दुकानें मिलती हैं.
हमने भी एक ऐसी ही दुकान से नारियल और फूल खरीदे. चप्पल जूते का ख्याल आया तो हम मंदिर के पास आ चुके थे.
यहां एक ठेले पर मिठाई बेच रहे बच्चे से कहकर अपनी चप्पलें और जूते वहीं रख दिए.
हम लोग बागेश्वर धाम में शनिवार को गए थे. इस दिन और मंगलवार को यहां खासी भीड़ होती है.
जब हम पहुंचे तो भीड़ ज्यादा नहीं थी. मंदिर में जाने के लिए लोहे के ग्रिल की बाउंड्री से रास्ता बना है.
अक्सर ऐसा ही रास्ता आप हर जगह देखते होंगे. इसमें प्रवेश करने के बाद हम कुछ ही मिनटों में मंदिर पहुंच गए.
अंदर पुलिस का बंदोबस्त भी सख्त है.
बागेश्वर धाम मंदिर में मैंने लाल कपड़े में बंधे नारियल खूब देखे. नारियल का टीला बना हुआ था. सेवक इन्हें एक तरफ रख रहे थे. मंदिर में बागेश्वर बालाजी के दर्शन किए और यहीं पर कैमरे से उनका वीडियो बनाने लगा. अचानक पुलिसवाले ने मुझे टोक दिया.
मैं अपना प्रसाद पहले ही मंदिर में चढ़ा चुका था.
बागेश्वर धाम जाएं तो दर्शन के बाद विशेष प्रसाद और भभूति लेना न भूलें. इसके लिए आपको एक लाइन में लगना होता है. यहां 20 रुपये में छोटी से पीले रंग की पॉलिथिन में आपको दो लड्डू और एक भभूति की पुड़िया मिलती है. आप इसे घर लेकर आएं और परिवार-दोस्तों में वितरित कर दें.
बागेश्वर बालाजी धाम में भंडारे का आयोजन भी होता है. हमें जानकारी मिली कि यहां सदैव भंडारा होता रहता है और कोई भी भक्त भूखा नहीं जाता है.
बागेश्वर धाम में हमें जूते चप्पल के लिए कोई व्यवस्थित जगह दिखाई नहीं दी. हमने जिस जगह से प्रसाद लिया, वहां चप्पलें उतारना भूल गए थे, तो आगे एक दूसरे ठेले के नीचे चप्पलें उतार दीं.
बागेश्वर धाम में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. हमें जगह जगह मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तैनात दिखाई दिए. कुछ महिला पुलिसकर्मी भी थीं.
बागेश्वर मंदिर से एक किलोमीटर पहले ही सड़क के बगल में पार्किंग स्थल है. यहां आप गाड़ियों को पार्क कर सकते हैं.
जैसा कि हमने वीडियो में भी बताया है, बागेश्वर में घरों में टेंपररी होटल की व्यवस्था है. हालांकि हम सुझाव ये देंगे कि आप छतरपुर शहर में ही रुकें. वहां से ऑटो करके आप मंदिर तक जाएं और फिर लौट आएं.
अगर आपको बागेश्वर धाम से जुड़ी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो हमें लिख भेजें- gotraveljunoon@gmail.com पर… ऐसे ही दिलचस्प ब्लॉग पढ़ते रहने के लिए हमें फॉलो करें और हमारे वीडियो देखने के लिए हमारे Youtube Channel को सब्सक्राइब भी करें.
Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More
Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है. यह… Read More
Prayagraj Travel Blog : क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More
10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More
Mirza Nazaf Khan भारत के इतिहास में एक बहादुर सैन्य जनरल रहे हैं. आइए आज… Read More
Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस भारत के सबसे खास दिनों में से एक है.… Read More