Bageshwar dham sarkar complete information : बागेश्वर धाम भगवान हनुमान की कृपा के लिए मशहूर है. बागेश्वर धाम अनेक तपस्वियों की दिव्य भूमि है, जहां दर्शन मात्र से ही लोग बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं. हनुमान की कृपा और आशीर्वाद लेने के लिए भारत के सभी राज्यों से भक्त आते हैं. बागेश्वर धाम मंदिर से जुड़ी एक बात बताई जाती है कि जो भी व्यक्ति जाता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है.
इस आर्टिकल में हम बागेश्वर धाम से जुड़ी तकरीबन सभी जानकारियों को विस्तार से बताने वाले हैं. बागेश्वर धाम सरकार कैसे जाएं (How to visit Bageshwar Dham Sarkar), बागेश्वर धाम सरकार में अर्जी कैसे लगाएं (Bageshwar Dham Sarkar mein Arji Kaise Lagayen), बागेश्वर धाम सरकार का प्रसाद कैसे पाएं (Bageshwar Dham Sarkar ka prasad kaise payen), बागेश्वर धाम सरकार कौन सी ट्रेन जाती है (Bageshwar dham sarkar kaun si train jati hai), बागेश्वर धाम सरकार का मोबाइल नंबर क्या है (Bageshwar Dham Sarkar ka Mobile Number Kya Hai), ऐसी तमाम जानकारियां आपको इस ब्लॉग में मिल जाएंगी…
बागेश्वर धाम सरकार भूत भवन महादेव और स्वयंभू श्री बालाजी सरकार का चमत्कारी जीवंत स्थल है. श्री बालाजी महाराज का यह मंदिर मध्य प्रदेश के ग्राम गढ़ा पोस्ट गंज जिला छतरपुर में स्थित है. जनता में ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर चंदेल वंश काल का सिद्ध पीठ है.
बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं (Dhirendra Krishna Shastri). उनके पास एक बड़ी फैन फ्लोइंग है जो उनकी अलौकिक क्षमताओं के कायल हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम मंदिर राज्य के 26 वर्षीय स्वयंभू संत से जुड़ा है. 4 जुलाई 1996 को धीरेंद्र कृष्णा गर्ग का जन्म हुआ. बाद में उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नाम अपनाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मां का नाम सरोज गर्ग और पिता का नाम करपाल गर्ग है.
उनके दादा भगवानदास गर्ग एक सिद्ध संत थे. हनुमान मंदिर के पास निर्मोही अखाड़े में दरबार लगता था, जो उनके दादा से जुड़ा था. बाद में, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाना शुरू किया, जिसने बहुत लोकप्रियता हासिल की.
यह स्थान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित है. बागेश्वर धाम सरकार खजुराहो से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आपको छत्तरपुर के खजुराहो पन्ना रोड पर स्थित गंज नामक छोटे से कस्बे से सड़क यात्रा करनी होगी. इस सड़क मार्ग पर लगभग 3 किलोमीटर आगे जाने के बाद गढ़ा गांव नाम की जगह पड़ती है. यहां गढ़ा गांव में आपको एक भव्य मंदिर में हनुमान बालाजी महाराज के दर्शन होते हैं.
बागेश्वर धाम मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित है. यह बालाजी हनुमान का मंदिर है. 1986 में गांव के लोगों ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. इसके बाद गांव गढ़ा के लाल गर्ग बाबा सेतु चित्रकूट से दीक्षा लेकर अपने गांव गढ़ा के प्राचीन मंदिर पहुंचे और राम कथा करनी शुरू की. इसके साथ ही उन्होंने कुछ आध्यात्मिक पौराणिक अनुष्ठान भी करने शुरू कर दिए. यहीं से बागेश्वर धाम में कथित चमत्कार की शुरुआत हुई.
बागेश्वर धाम आप बस, कार, ट्रेन और हवाई जहाज से पहुंच सकते हैं. बागेश्वर धाम के आसपास हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है, बागेश्वर धाम का नजदीकी रेलवे स्टेशन छतरपुर रेलवे स्टेशन है. आप खजुराहो रेलवे स्टेशन और महोबा रेलवे स्टेशन से भी यहां पहुंच सकते हैं. बागेश्वर धाम का निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो हवाई अड्डा है जहां से आप बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं.
बागेश्वर धाम छतरपुर की महिमा को बहुत ही चमत्कारी बताया जाता है. यहां पर हनुमान जी के महाराज बालाजी धाम के नाम से व्याख्या होने वाली एक खूबसूरत प्रतिमा को देखा जा सकता है. बताया जाता है कि यहां के महाराज श्री धीरेंद्र कृष्ण लोगों की तकरीबन सभी समस्याओं का समाधान कर देते हैं. लोगों का यहां तक भी कहना है कि कोई भी व्यक्ति इनके पास अपने समस्या को समाधान कराने जाता है तो बिना बताए ही महाराज समस्याओं को समझ जाते हैं और उसका समाधान बता देते हैं.
आपको क्या क्या दिक्कत है आप किस समस्याओं से गुजर रहे हैं यह सभी बिना बताए ही महाराज एक पेपर पर लिख कर आपको दे देते हैं. यहां पर भूत प्रेत के समस्याओं से जुड़ी समाधान के लिए भी लोग काफी दूर-दूर से आते हैं. अगर आप इस मंदिर को विजिट कर रहे हैं और यहां पर होने वाले चमत्कार को आप भी मानते हैं, तो यहां पर होने वाले चमत्कार के बारे में कमेंट बॉक्स में थोड़ा विवरण हमें भी बताएं कि क्या सच में ऐसा होता है.
मध्य प्रदेश का बहुत ही कम समय में लोकप्रिय पवित्र धार्मिक स्थल, बागेश्वर धाम जो बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जाना जाता है, ये बागेश्वर धाम भारत के मध्य प्रदेश राज्य में छतरपुर जिले में पड़ता हैं. यह छतरपुर से 35 किलोमीटर दूर पन्ना छतरपुर मार्ग पर गंज नामक एक छोटे से कस्बे से 3 किलोमीटर अंदर गढ़ा गांव में स्थित है. बागेश्वर धाम बालाजी सरकार का मंदिर है. यहां पर बागेश्वर बालाजी के दर्शन करने को मिलते हैं.
बागेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. छतरपुर में आप बागेश्वर धाम सरकार के अलावा छतरपुर में आप महाराजा छत्रसाल म्यूज़ियम ,भीमकुंड, गंगऊ बांध और रनेह झरना घूम सकते हैं.
“बागेश्वर धाम ट्रेन” लेते समय, आप जहां भी जा रहे हैं, वहां से आपको सबसे पहले छतरपुर की यात्रा करनी होगी. अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं तो उस शहर से एक या दो ट्रेन सीधे छतरपुर के लिए रवाना होती हैं. लेकिन अगर आप भोपाल की तरफ से आ रहे हैं तो यहां से 4 से 5 ट्रेनें छतरपुर के लिए चलती हैं. इन ट्रेनों का प्रयोग करके आप छतरपुर की यात्रा कर सकते हैं. छतरपुर जाने के लिए आप बस भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
हवाई जहाज द्वारा बागेश्वर धाम पहुंचने के लिए सबसे पहले आप भारत के विभिन्न शहरों से खजुराहो हवाई अड्डे पहुंचें. खजुराहो हवाईअड्डे से आप बस और कार की सहायता से हवाई अड्डे से केवल 40 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं.
बस द्वारा बागेश्वर धाम पहुंचने के लिए आप पहले भारत के विभिन्न शहरों से छतरपुर जिला या मध्य प्रदेश के पन्ना जिले पहुंंचते हैं. छतरपुर बस अड्डा ही बागेश्वर धाम सरकार का नजदीकी बस अड्डा है. इसके बाद आप पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH39 पर पहुंचते हैं. 25-30 किलोमीटर की दूरी पर गंज नामक एक छोटे से कस्बे से होकर एक रास्ता गढ़ा गांव की ओर जाता है. यहीं पर 3 किलोमीटर आगे बागेश्वर धाम सरकार हैं.
बागेश्वर महाराज ने वह लोगों के मन की बात बिनाए बताए ही जान लेते हैं. वह खुद इसे ईश्वर का आशीर्वाद इसे हनुमान जी की कृपा मानते हैं. साथ ही वह इसे अपने दादा का भी आशीर्वाद मानते हैं.
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम राम करपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है
धीरेन्द्र कृष्ण का जिस परिवार में जन्म हुआ था, वो बागेश्वर धाम को काफी माना करते हैं. उनके दादाजी बागेश्वर धाम में ही रहा करते थे. यहीं पर उनके दादाजी गुरू संन्यासी बाबा की समाधि भी मौजूद है. संन्यासी बाबा भी इनके वंश के थे. जिन्होंने करीबन 320 साल पहले समाधि ली थी.
धीरेन्द्र कृष्ण के दादाजी बहुत समय से बागेश्वर धाम में दरबार लगाया करते थे. जिसको देखकर उनके अंदर भी इसकी आस्था जागी. उनके दादा जी ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया. वहीं से उन्होंने इन सिद्धियों की शिक्षा प्राप्त की और बागेश्वर धाम की सेवा करनी शुरू कर दी.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पिताजी से मंत्र वगैरह का ज्ञान लिया, उसके बाद 2012 में सिद्धी मिली.
बागेश्वर धाम के बाहर काउंटर पर भभूति मिलती है, जिसके लिए 20 रुपये देने होते हैं. जिस पुड़िया में भभूति मिलती है, उसमें 2 लड्डू भी होते हैं. और दूसरा यज्ञशाला से मिलती हैं. यहां दर्शन के बाद कई लोग परिक्रमा करते हैं और यज्ञ में से ही भभूति ले लेते हैं.
बागेश्वर धाम में मां अन्नपूर्णा रसोई चलाई जाती है. मां अन्नपूर्णा रसोई बिल्कुल फ्री है. बागेश्वर धाम की ओर से रसोई को चलाया जाता है. अन्नपूर्णा रसोई में लाखों श्रद्धालु अब तक प्रसाद ग्रहण कर चुके हैं. मंगलवार को 10 हजार से अधिक भक्त मां अन्नपूर्णा रसोई से प्रसाद ग्रहण करते हैं इसी प्रकार से शनिवार को भी मां अन्नपूर्णा रसोई से 4 से 5 हजार भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं.
बागेश्वर धाम मंदिर के आसपास आपको बहुत सारे सस्ते और महंगे होटल्स मिल जाएंगे. अगर आप सस्ते होटल्स में रुकना चाहते हैं, तो आपको यहां पर रुपए 500-800 तक एक सस्ता होटल आसानी से मिल जाएगा और अगर आप महंगे होटल में रात को ठहरना चाहते हैं तो उसके लिए भी सुविधा मौजूद है. अगर आप ठहरने की अच्छी व्यवस्था चाहते हैं, तो छतरपुर शहर का रुख करें. छतरपुर शहर में हर कैटिगरी के रूम अवेलेबल हैं. जिस गढ़ा गांव में ये धाम है, वहां चलाऊ व्यवस्था गांव वालों ने ही की हुई है. ये एक तरह की टेंपररी व्यवस्था है.
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के लिए आपको सबसे पहले छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम जाना होगा. यहां पर आपको अपने लिए टोकन प्राप्त होगा. टोकन प्राप्त करने के लिए आपको किसी खास दिन बुलाया जाएगा जिस दिन आप जाकर लाल कपड़े में एक नारियल के साथ बांध सकते हैं और अर्जी लगा सकते हैं.
अगर कोई श्रद्धालु मंदिर तक नहीं आ सकता तो वह अपने घर से ही मन में भगवान बागेश्वर धाम को याद करके कपड़े में नारियल बांधकर अर्जी लगा सकता है. अर्जी का यह नारियल घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए और काम हो जाने पर वह श्रद्धालु बागेश्वर धाम जाकर भगवान के दर्शन कर सकता है.
बागेश्वर धाम सरकार को तीन कपड़ों में बांधकर अर्जी लगाई जाती है, पहला लाल कपड़े में- ये अर्जी नौकरी, कोर्ट-कचहरी, प्रॉपर्टी आदि से संबंधित समस्याओं के लिए लगाई जाती है. परिवार में किसी की शादी नहीं हो रही है, या रिश्ते नहीं आ रहे हैं तो पीले रंग के कपड़े में अर्जी लगाई जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जैसी अर्जी होती है, उसी के अनुसार उस रंग के कपड़े में अर्जी लगती है. अगर किसी व्यक्ति की समस्या प्रेत बाधा से जुड़ी है, तो उसकी अर्जी काले रंग के कपड़े में लगाई जाती है.
घर बैठे अर्जी में आपको घर पर एक नारियल लेकर लाल कपड़ा बिछाना है और फिर नारियल को कपड़े में लपेटकर ‘ॐ बागेश्वराय नम:’ मंत्र का जाप करना है. आप बागेश्वर धाम की महिमा प्राप्त कर सकते हैं. इस मंत्र का जाप करने के बाद अगर आपको अपनी दो से तीन बार जो समस्या है उसको बोलना है, उसके बाद जल्द ही बालाजी की कृपा होगी और अर्जी की सुनवाई भी होगी.
लक्ष्मी यंत्र लेने के लिए आपको बागेश्वर धाम जाना होगा और वहां से आप बागेश्वर धाम श्री लक्ष्मी यंत्र की बुकिंग करा सकते हैं. बागेश्वर धाम श्री लक्ष्मी यंत्र को फोन कॉल से भी बुक किया जा सकता हैं. श्री लक्ष्मी यंत्र बुक करने के लिए बागेश्वर धाम कॉन्टैक्ट नंबर पर कॉल कर सकते हैं. बागेश्वर धाम लक्ष्मी यंत्र पाने के लिए इस नंबर पर कॉल करें कर सकते हैं. 8120592371, 9630313211.
धीरेंद्र के ताऊ स्वामी प्रसाद गर्ग ने कहा, ‘हनुमान जी का मुगदर-गदा प्रेतों को डराने के लिए है. झोला का रहस्य मैं नहीं बताऊंगा. लोग अलग-अलग टोपी बांध देते हैं, जिस पर वह व्यक्तियों को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग पोज बनाते हैं. सेनापति अलग है, सैनिक कला के कांटे ही कांटे को निकालता है.’
इस फोन नंबर पर ही आपको अर्जी के बारे में जानकारी मिल सकती है, पेशी के बारे में जान सकते हैं. बागेश्वर धाम कॉन्टैक्ट नंबर, बागेश्वर धाम का संपर्क सूत्र और बागेश्वर धाम सरकार का मोबाइल नंबर जैसे कई सवाल भक्त इंटरनेट पर भी तलाशते रहते हैं. बागेश्वर धाम सरकार का मोबाइल नंबर – 8982862921 / 8120592371 है.
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में एक ब्राह्मण घर में हुआ. महाराज धीरेन्द्र कृष्ण को बचपन से आध्यात्मिक चीजें का काफी शौक रहा है. जिसकी शिक्षा उन्होंने अपने दादाजी से प्राप्त की है.
धीरेन्द्र कृष्ण की अभी शादी नहीं हुई है, वो अभी भी अविवाहित हैं.
गढ़ा, गंज, छतरपुर, मध्य प्रदेश.
बागेश्वर धाम मंदिर सेवा समिति के कर्मचारी हर महीने एक विशेष डेट और दिन में ही दर्शन के लिए टोकन बांटते हैं. हर महीने यह टोकन विशेष तिथि को भक्तों को दर्शन के लिए वितरित किये जाते हैं. यह टोकन आपको किस विशेष तारीख या दिन मिलेगा यह जानकारी आपको बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के कर्मचारी से मिल जाएगी. जानकारी लेने के बाद आप उस तिथि /डेट /तारीख में मंदिर में जाकर टोकन ले सकेंगे. क्योंकि बिना टोकन के आप बागेश्वर धाम मंदिर के दर्शन नहीं कर सकेंगे.
छतरपुर से बागेश्वर धाम की दूरी लगभग 35 km है. बागेश्वर धाम छतरपुर से खजुराहो-पन्ना रोड से 35 ( via – NH39 ) किलोमीटर दूर चलने पर बागेश्वर धाम महाराज का आश्रम है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खजुराहो मंदिर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जिसका नाम है गढ़ा गांव. इसी गांव में रामकृपाल और सरोज के घर साल 1996 में धीरेंद्र पैदा हुए थे.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कुछ और जानना चाहते हैं तो आप उनकी वेबसाइट पर जाकर पता लगा सकते हैं. यहां पर आपको उनकी वेबसाइट का लिंक दे रहे हैं. जहां पर जाकर उनके बारे में जानें.
बागेश्वर धाम पहुंचने के लिए आपको छतरपुर रेलवे स्टेशन का टिकट लेना होगा. उसके बाद 30 किमी और आगे जाना होगा, क्योंकि रेल वहां तक नहीं जाती है. इसके लिए आप बस, ऑटो जैसे साधन ले सकते हैं जो आपको मंदिर तक आसानी से पहुंचा देंगे. इससे आप आसानी से वहां तक पहुंकर दर्शन कर पाएंगे.
बागेश्वर धाम में श्रद्धालु सुबह 5:00 बजे से दर्शन करने के लिए पहुंच जाते हैं. धाम पर आरती भी होती है, लोग आरती में भी शामिल होते हैं और बालाजी महाराज के दर्शन करते हैं. बागेश्वर धाम रात्रि में भी खुला रहता है लेकिन कुछ समय के लिए बंद रहता है. दर्शकों की भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि बागेश्वर धाम अक्सर खुला ही रहता है.
बागेश्वर धाम में हनुमानजी श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के रूप में मंदिर में वास करते है. बागेश्वर धाम क्यों प्रसिद्ध है ? बागेश्वर अपने चमत्कारों के लिए जाना जाता है.
मार्च से जून के बीच बागेश्वर धाम के आसपास भारी गर्मी पड़ती है और तापमान 35 डिग्री से 45 डिग्री के बीच रहता है, जिसकी वजह से गर्मी के दौरान बागेश्वर धाम की यात्रा करने वाले पर्यटकों को इस यात्रा पर जाने के लिए मना किया जाता है, क्योंकि यहां की गर्मी सभी लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. हालांकि, भक्त सालभर यहां जाते हैं.
आप महीने में एक बार, 2 महीने में एक बार, 5 महीने में, 6 महीने में एक बार, साल भर में एक बार, धाम पर जाकर पेशी कर सकते हैं. 11 पेशी या 21 पेशी का संकल्प ले सकते हैं. जब काम सफल हो जाए जो मनोकामना आप बागेश्वर धाम सरकार से बोल रहे हैं, वह पूर्ण हो जाए तो इसी नारियल को ले जाकर के बालाजी के चरणों में बांध देना है.
बागेश्वर धाम मंदिर के आसपास आपको बहुत सारे सस्ते और महंगे होटल्स देखने को मिल जाएंगे. अगर आप सस्ते होटल्स में रुकना चाहते हैं, तो आपको यहां पर ₹ 500-800 तक एक सस्ता होटल आसानी से मिल जाएगा और अगर आप महंगे होटल में रात को ठहरना चाहते हैं, तो आपको यहां ₹ 2000-2500 तक के भी होटल देखने को मिल जाएंगे.
आप अपने बजट एवं सुविधा को देखते हुए होटल बुक कर सकते हैं और बागेश्वर धाम सरकार से दर्शन करने के बाद रात में ठहर सकते हैं. खाने-पीने का खर्च- ₹ 500. कुल मिलाकर आपको बागेश्वर धाम जाने में 5 हजार से 7 हजार के बीच खर्च हो जाएगा.
बागेश्वर धाम भगवान हनुमान की कृपा के लिए प्रसिद्ध है. बागेश्वर धाम अनेक तपस्वियों की दिव्य भूमि है, जहां दर्शन मात्र से ही लोग बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं. हनुमान की कृपा और आशीर्वाद लेने के लिए भारत के सभी राज्यों से भक्त आते हैं.
ट्रैन नंबर | ट्रेन का नाम (train name) | ट्रेन का दिल्ली/ सफ़दर गंज /नई दिल्ली /हजरत निजामुद्दीन से चलने का समय | भोपाल ,मध्य प्रदेश पहुँचने का समय | ट्रेन के सीटों की केटेगरी |
18238 | ASR BSP EXP (सोम से रविवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 4 बजकर 25 मिनट | शाम 6 बजे | GRD,2S,SL,PC,3A,2A,1A |
12148 | NZM-KOP EXPRESS (गुरुवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 5 बजकर 10 मिनट | दोपहर 3 बजकर 25 मिनट | GEN,2A,3A,SL |
12646 | NZM-ERS MILLENNIUM EXP (गुरुवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 5 बजकर 10 मिनट | दोपहर 3 बजकर 25 मिनट | GEN |
12644 | NZM-TVC SF EXP (शुक्रवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 5 बजकर 10 मिनट | दोपहर 3 बजकर 25 मिनट | GEN,3A,2A |
12804 | NZM-VSKP SWARNA JAYANTI (बुधवार , रविवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 5 बजकर 10 मिनट | दोपहर 3 बजकर 25 मिनट | GRD,2S,2A,3A,PC,SL |
12138 | FZR-CSMT EXP (प्रतिदिन) | नई दिल्ली से सुबह 5 बजकर 15 मिनट | शाम 4 बजकर 45 मिनट | GRD,GEN,1A+2A,2A,3A,PC,SL |
12782 | NZM-MYS SWARNA JAYANTI EX (सोमवार) | हजरत निजामुद्दीन से सुबह 5 बजकर 10 मिनट | दोपहर 3 बजकर 25 मिनट | GEN,SL,PC,3A,2A |
12716 | ASR-NED SACHKHAND EXP (प्रतिदिन ) | नई दिल्ली से दोपहर 1 बजे | रात 10 बजकर 25 मिनट | |
12622 | NDLS-MAS SF EXP (प्रतिदिन ) | नई दिल्ली से रात 9 बजकर 5 मिनट | सुबह 6 बजकर 50 मिनट | 2S,SL,2A,3A,1A+2A |
22710 | AADAR-NED (गुरूवार) | नई दिल्ली से रात 11 बजकर 15 मिनट | सुबह 8 बजकर 35 मिनट | GRD,2S,SL,3A,2A |
बागेश्वर धाम का मूल मंत्र “ॐ बागेश्वराय नमः” हैं और सभी लोग इसी मंत्र का जाप करते हैं , बागेश्वर धाम महाराज श्री धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री जी इसी मंत्र का उच्चारण करने के लिए कहते हैं. कहा जाता हैं कि मंत्रों का उच्चारण करने से देवी देवतओं को प्रसन्न किया जा सकता हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा किया जा सकता है. हिन्दू धर्म में आज भी बहुत से मंत्र प्रचलित हैं
इस स्थान को व्याघ्रेश्वर तथा बागीश्वर से कालान्तर में बागेश्वर के रूप में जाना जाता है
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर की फोटो आप मंदिर परिसर में मौजूद मंदिर के ऑफिस से मिल सकती हैं, जिसके लिए आपको कुछ पैसे देने होंगे. बागेश्वर धाम सरकार के आसपास कई दुकानें हैं, आप वहां से भी इन्हें ले सकते हैं.
छतरपुर से बागेश्वर धाम की दूरी तकरीबन 35 किलोमीटर के आसपास है.
बागेश्वर धाम का निर्माण पूर्णतः पता नहीं है. यह बहुत समय पहले का चमत्कारी मंदिर है. यहां पर कई पीढ़ी से प्रसिद्ध संत हुए हैं. जो पहले से ही दिव्य दरबार का आरंभ करते आए हैं, परंतु उस समय तक इंटरनेट की सुविधा अधिक नहीं हो पाने के कारण इस तरह जो वर्तमान समय में प्रचार-प्रसार हो गया, तब वह इतना नहीं हो पाया. ऐसा लोगों के द्वारा कहा जाता है कि श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज के पूर्वजों के समय से ही यहां दरबार लग रहा है. पहले उनके पूर्वज यानी उनकी दादा गुरु को सिद्धि प्राप्त हुई उसके पश्चात उन्होंने अपना जीवन उन्हीं की शरण में रहकर प्रारंभ किया.
बागेश्वर धाम सरकार का प्रसाद आपको मंदिर के बाहर दुकानों से खरीदना होगा. दर्शन में बागेश्वर बालाजी को चढ़ाए जाने के बाद इसी प्रसाद को आप घर पर वितरित कर सकते हैं. बागेश्वर धाम सरकार की ओर से मंदिर के बाहर खास प्रसाद की सुविधा भी दी गई है. आप इसे 20 रुपये में ले सकते हैं.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के परम मित्र का नाम शेख मुबारक है, जिन्होंने हर मुश्किल घड़ी में बाबा बागेश्वर का साथ दिया. शेख मुबारक ने बागेश्वर बाबा की बहन की शादी कराने में मदद की. दोनों के मिलने की कहानी काफी दिलचस्प है, दोनों अलग-अलग धर्मों से आते हैं. एक बार शेख मुबारक को सनातन धर्म के सम्बन्ध में कुछ भ्रम हुआ तो उन्होंने बागेश्वर धाम से चर्चा करना आवश्यक समझा.
बागेश्वर धाम ने शेख मुबारक की सारी शंकाओं को दूर कर दिया, दोनों ने अपने-अपने धर्मों पर खूब बातें कीं और यहीं से उनमें घनिष्ठ मित्रता हो गई. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा के दौरान वह अक्सर अपने परम मित्र का नाम लेते रहते हैं.
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