Amazing Temples in Thailand : थाईलैंड के अनोखे मंदिर जिसे देख आप हो जाएंगे हैरान!
Amazing Temples in Thailand : दोस्तों आपने अक्सर हमारे देश के लोगों को विदेश जाते हुए देखा होगा. इसमें ज्यादातर इंग्लैंड, अमेरिका, फ्रांस जैसे देश जाते हैं. लेकिन एक देश और भी जहां आपको भारतीय ज्यादा संख्या में देखने को मिलेंगे, वो है थाईलैंड.
आपको बता दें कि थाईलैंड एशिया में मौजूद छोटा सा देश है. इस छोटे से देश में ऐसी कई चीजें मौजूद है जो दुनियाभर के लोगों को अट्रैक्ट करती है. यहां का सबसे बड़ा शहर बैंकॉक है. आपने भी इस जगह के बारे में कई सुना या पढ़ा होगा. थाईलैंड की एक और चीज बहुत मशहूर है वह है यहां के अनोखे मंदिर.
थाईलैंड सिर्फ अपनी आकर्षक नाइटलाइफ और थाई मसाज के लिए ही जाना जाता है, ऐसा बिलकुल नहीं है. थाईलैंड मंदिरों का भी देश है. यहां दुनिया के सबसे खूबसूरत और अनोखे मंदिर हैं, कोई ताबूत के लिए, तो कोई बीयर के लिए मशहूर हैं. अगर आप थाईलैंड घूमने जा रहे हैं, तो इन मंदिरों में जरूर घूमने जाएं. आइए जानते हैं थाईलैंड के इन अनोखे और खूबसूरत मंदिरों के बारे में…
1. ताबूत मंदिर, बैंकॉक || Coffin Temple, Bangkok
थाईलैंड में एक ‘द कॉफिन टेंपल’ नाम का मंदिर मौजूद है. इस मंदिर में जाकर लोग ताबूत खरीदते हैं. यह ताबूत उन लोगों को समर्पित किए जाते हैं, जिनकी डेथ के बाद कोई उनका अंतिम क्रियाक्रम करनेवाला न हो, या फिर जो लोग ताबूत खरीद सकने में असमर्थ हों. इस मंदिर को वाट हुआ लैंफॉन्ग (Wat Hua Lamphong) भी कहा जाता है. वाट हुआ लैम्फोंग में बहुत अधिक पर्यटक नहीं आते हैं, लेकिन ये बैंकॉक में रहने वाले थाई लोगों के बीच बहुत फेमस है.
2. द बीयर बॉटल टेंपल, खुन हान, सिसाकेट || The Beer Bottle Temple, Khun Han, Sisaket
क्या आप ने कभी सोचा या फिर देखा है कि किसी मंदिर का निर्माण बीयर की बोतलों से हुआ हो, नहीं ना. लेकिन ऐसा मंदिर सच में है, ‘द बीयर बोटल टेंपल’ नाम का यह मंदिर थाईलैंड के सिसकेट प्रांत के खुन हान जिले में स्थित है. पहली बार इस मंदिर की छत को देखने पर आपको कुछ भी असामान्य दिखाई नहीं देगा.
थाईलैंड के इस बौद्ध मंदिर ने स्थानीय लोगों और यात्रियों के बीच इस तथ्य के लिए लोकप्रियता और प्रसिद्धि प्राप्त की कि मंदिर पूरी तरह से बीयर की बोतलों से बना है, लेकिन इसे बारीकी से देखने पर पता चलेगा कि इस मंदिर की पूरी छत बीयर की बोतलों से बनी हुई है. मंदिर और आसपास की इमारतों को एक मिलियन से अधिक खाली बोतलों से बनाया गया है, जिनमें ज्यादातर बीयर और एनर्जी ड्रिंक की बोतलें हैं.
3.द व्हाइट टेंपल, चियांग राय || The White Temple, Chiang Rai
थाईलैंड के चियांग राय में स्थित द व्हाइट टेंपल अपनी खूबसूरत बनावट की वजह से दुनियाभर में बहुत फेमस है. यह मंदिर किसी स्वर्ग से कम नहीं है. इसको वाट रोंग खुन मंदिर नाम से जाना जाता है. इस बौद्ध मंदिर की खासियत इसकी अद्वितीय नक्काशी है.
वाट रोंग खुन, जिसे “व्हाइट टेम्पल” के रूप में जाना जाता है, थाईलैंड में सबसे अधिक पहचाने जाने वाले मंदिरों में से एक है. च्यांग राय शहर के बाहर का मंदिर बड़ी संख्या में थाई और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो इसे च्यांग राय के सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक बनाता है.
वाट रोंग खुन एक अनूठा मंदिर है जो सफेद रंग और प्लास्टर में कांच के टुकड़ों के उपयोग के माध्यम से धूप में जगमगाता है. सफेद रंग बुद्ध की पवित्रता का प्रतीक है, जबकि कांच बुद्ध के ज्ञान और धम्म, बौद्ध शिक्षाओं का प्रतीक है.
वाट रोंग खुन को एक प्रसिद्ध थाई दृश्य कलाकार चलेरमचाई कोसिटपिपत द्वारा डिजाइन किया गया था. आज तक मंदिर बनकर तैयार नहीं हुआ है. आखिरकार एक उबोसॉट सहित नौ इमारतें होंगी, बौद्ध अवशेषों को स्थापित करने के लिए एक हॉल, एक ध्यान कक्ष, भिक्षुओं के रहने वाले क्वार्टर और एक आर्ट गैलरी.
5 मई 2014 को च्यांग राय में एक ज़ोरदार भूकंप आया. हालांकि सफेद मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, चलर्मचाई कोसिटपिपत ने वाट रोंग खुन को बहाल करने और आगे बढ़ाने का फैसला किया.
इसका निर्माण सन् 1997 में थाई आर्टिस्ट चालरेमशाई कॉसिपिपैट ने किया था, तब से ही यह लोगों को खूब आकर्षित करता आया है. इस मंदिर में हैंड्स ऑफ हेल है, हैंड्स ऑफ हेल यानि कि यह नरक से आते हुए हाथ हैं, जो टूरिस्टों को संदेश देते हैं.
4. द बोट टेंपल, बैंकॉक || The Boat Temple, Bangkok
द बोट टेंपल नाम का यह मंदिर नाव के आकार की इमारत के रूप में बना है. यह मंदिर वाट यनावा का हिस्सा है, जो सफान तकसीन बीटीएस स्टेशन के पास और चाओ फ्राया नदी के बगल में मौजूद है. यह मंदिर यहां होनेवाले एक एनुअल फेस्टिवल के दौरान लोकल निवासियों द्वारा कवर कर दिया जाता है.
साथोर्न जिले में चाओ फ्राया नदी के तट पर वाट यानवावा मंदिर है, जो विदेशी पर्यटकों के लिए बहुत कम जाना जाता है.
वाट यान्नावा जिसे “नाव मंदिर” के रूप में भी जाना जाता है, एक तीसरी श्रेणी का शाही मंदिर है. बड़े परिसर की सबसे विशिष्ट विशेषता एक चीनी कबाड़ पोत, 19 वीं सदी के नौकायन जहाज के आकार में निर्मित विहार है.
वाट यान्नावा बैंकॉक के पुराने मंदिरों में से एक है. यह रतनकोसिन साम्राज्य और बैंकॉक शहर की स्थापना से पहले, अयुत्थाया साम्राज्य के समय में बनाया गया था.
उस समय मंदिर को वाट कोक ख्वाई कहा जाता था. राजा नांगक्लो (1824 -1851) के शासनकाल के दौरान एक विहार बनाया गया था और मंदिर का नाम बदलकर वाट यानवा रखा गया, जिसका अनुवाद “नाव मंदिर” है.
राजा के पास नाव जैसी संरचना थी जो चीनी कबाड़ जहाजों के लिए एक स्मारक के रूप में सेवा करने के लिए बनाई गई थी जो चीन के साथ व्यापार के लिए गहन रूप से उपयोग किए गए थे और इससे साम्राज्य में समृद्धि आई थी. राजा नांगक्लो के शासनकाल के दौरान चीनी नौकायन जहाजों को भाप जहाजों द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा था.
5.द चिकन एंड मंकी टेंपल, अयुत्थाया || Wat Kai, Ayutthaya – A Hell Temple & A Monkey Temple
थाईलैंड के अयुत्थाया में स्थित इस मंदिर को ऐसे चिकन को श्रद्धांजलि देते हुए बनाया गया है जो किसी जमाने में यहां एकसाथ भारी संख्या में मर गए थे. वाट काई (Wat Kai) नाम के प्राचीन मंदिर को Ayuttaya Kingdom बनाया गया था लेकिन अयुत्थाया साम्राज्य के पतन के बाद इसे जस का तस छोड़ दिया गया. वर्ष 1992 में, भिक्षुओं के एक ग्रुप ने यहां पुजारी निवास बनाया था. 1997 में इस मंदिर का नाम वाट काई यानी कि मुर्गी रखा गया. ऐसा इसलिए क्योंकि एक जमाने में यहां ढेर सारी मुर्गियां प्लेग से मर गई थीं. इस मंदिर में कई बंदर भी हैं लेकिन वे पालतू और मिलनसार हैं.
6. डोनाल्ड डक टेंपल, बैंकॉक || Donald Duck Temple, Bangkok
अभी इस मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है और इसे पूरी तरह तैयार होने में अभी कई साल लग सकते हैं. लेकिन फिर भी इस मंदिर में आप घूम सकते हैं और उन तस्वीरों को निहार सकते हैं, जो यहां उकेरी जा चुकी हैं. इनमें डोनाल्ड डक की तस्वीरें और स्टेच्यू शामिल हैं.
इस मंदिर का निर्माण 7 साल पहले शुरू हुआ था और इसके पूरा होने में लगभग 20 साल लगने की उम्मीद है. लगभग सभी सजावट चीनी चाय के कपों के छोटे-छोटे टुकड़ों से बनाई जाती है, इसलिए यह काम बहुत जटिल और समय लेने वाला है.
7. डेविड बेकहम मंदिर, बैंकॉक || David Beckham Temple, Bangkok
इस मंदिर के मुख्य पुजारी मैनचेस्टर यूनाइटेड के बड़े फैन हैं. उन दिनों में जब फुटबॉल के प्रसिद्ध खिलाड़ी डेविड बेकहम का करियर चरम पर था, तब उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में बेकहम की भी एक मूर्ति लगवाने का निर्णय लिया था. यह मंदिर केवल विशेष अवसरों पर ही खोला जाता है.
8. बैंकॉक फेलिक श्राइन || Bangkok phallic shrine
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक की यात्रा पर पहली बार जानेवाले ज्यादातर यात्री इस धार्मिक स्थल को देखकर शर्म से लाल हो जाते हैं. इसका कारण इस धार्मिक स्थल की एक अनोखी पूजा पद्धति है. ख्लोंग नदी के किनारे पर स्थित चाओ माई के मंदिर में लकड़ी के पेनिस का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. इसके पीछे मान्यता यह है कि ऐसा करने से प्रजनन क्षमता बढ़ती है.
9. टाइगर टेंपल || Kanchanaburi-Tiger Temple in Bangkok
बैंकाक से लगभग 130 किलोमीटर दूर, कंचनबुरी वाइल्ड लाइफ और नेचर का पता लगाने और अनुभव करने के लिए एक शानदार जगह है. कंचनबुरी में टाइगर टेंपल तेजी से बैंकॉक के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक बनता जा रहा है. यह दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां टूरिस्ट पालतू जानवरों को पाल सकते हैं और बाघों के साथ तस्वीरें खिंचवा सकते हैं. आपको वहां बाघ के शावकों को खाना खिलाना और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाना अच्छा लगेगा.
सेंचुरी अनाथ बाघों के लिए बौद्ध भिक्षुओं द्वारा चलाया जाता है और यहां की यात्रा एक जरूरी है. जगह का एक अन्य आकर्षण क्वाई नदी है. कंचनबुरी जिले में आसपास के क्षेत्र में प्राचीन गुफाएं हैं जहां कुछ सुंदर झरनों के साथ-साथ पूर्व-ऐतिहासिक आवासों के अवशेष पाए गए हैं, विशेष रूप से एरावन, सैयोक नोई और सैयोक वाई फॉल्स. इसके अलावा, हाथियों को नहलाएं, ‘डेथ रेलवे’ की सवारी करें और अपने फ्लोटिंग होटल में अच्छा समय बिताएं. आप एटीवी सवारी, हाथी की सवारी और बांस राफ्टिंग भी आजमा सकते हैं.
10. सेंचुरी ऑफ ट्रुथ मंदिर || Sanctuary of Truth Temple
सेंचुरी ऑफ ट्रुथ थाईलैंड के पटाया में एक धार्मिक स्थल है. बौद्ध और हिंदू परम्पराओं की मूर्तियों से सजा यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है. इनमें द्रविड़, चीनी, सोम द्वारवती, श्रीविजयन और थाई कलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है. इस बौद्ध मंदिर की मुख्य शैली थाई वास्तु कला पर आधारित है. इसमें खासतौर से बौद्ध और हिंदू देवताओं की हाथ से बनी लकड़ियों की मूर्तियां नजर आती हैं.
इसको बनाने का मकसद प्राचीन कला और संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाना था. इस परिसर में आने वाले लोगों को प्राचीन जीवन, मूल विचार, जीवन चक्र और इंसान की जिम्मेदारियों का पता चल जाएगा.
किसी पुराने मंदिर की तरह नजर आने वाले इस स्थल का निर्माण 1981 में थाई व्यवसायी लेक विरीफानेंट ने करवाया था, जो कि 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस मंदिर की ऊंचाई 105 मीटर है.