Akshaya Tritiya 2024 : अक्षय तृतीया भारत में सबसे शुभ और बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक है. यह हिंदू माह वैशाख (अप्रैल-मई) के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन पड़ता है और माना जाता है कि यह समृद्धि, सौभाग्य और सभी प्रयासों में सफलता लाता है. 2024 में, अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती भी है. ‘अक्षय’ शब्द का अर्थ है ‘शाश्वत’ या ‘कभी न खत्म होने वाला’ और ‘तृतीया’ तीसरे दिन को संदर्भित करता है. इसलिए, अक्षय तृतीया को एक ऐसा दिन माना जाता है जब कोई भी नई शुरुआत या निवेश स्थायी परिणाम देगा. ऐसा माना जाता है कि इस दिन, सूर्य और चंद्रमा अपने सबसे चमकीले और सबसे शक्तिशाली स्थान पर होते हैं, जिससे यह नए बिजनेस शुरू करने या महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए परफेक्ट समय होता है.
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – सुबह 05:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक (कुल अवधि: 06 घंटे 44 मिनट)
तृतीया तिथि प्रारम्भ – 10 मई 2024 को प्रातः 04:17 बजे से
तृतीया तिथि समाप्त – 11 मई 2024 को प्रातः 02:50 बजे
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु परशुराम के रूप में प्रकट हुए थे और धन के देवता भगवान कुबेर को देवी लक्ष्मी ने शाश्वत समृद्धि का आशीर्वाद दिया था. इसलिए, इस दिन को कुछ क्षेत्रों में ‘आखा तीज’ या ‘आखा त्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है.
अक्षय तृतीया को विवाह के लिए भी बहुत शुभ दिन माना जाता है और कई जोड़े विवाह बंधन में बंधने के लिए इस दिन को चुनते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए विवाह से शाश्वत प्रेम और आपसी समझ का आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा, अक्षय तृतीया जैन धर्म के फॉलोअर्स के लिए भी बहुत महत्व रखती है. यह प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ की गन्ने के रस का सेवन करके उनकी एक वर्ष की तपस्या के अंत का प्रतीक है.
अक्षय तृतीया पर, भक्त जल्दी उठते हैं और सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं. किसी पवित्र नदी या झील में. फिर वे भगवान विष्णु, कुबेर और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा अनुष्ठान करते हैं. पूजा आमतौर पर सुबह ‘अभिजीत मुहूर्त’ के दौरान की जाती है, जिसे दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है. पूजा में देवताओं को फूल, फल और मिठाइयां चढ़ाना शामिल है.
भक्त दीये और अगरबत्ती भी जलाते हैं और भगवान विष्णु को समर्पित मंत्रों का जाप करते हैं. अक्षय तृतीया के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है ‘सत्यनारायण कथा’. ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र कथा को सुनने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है. अक्षय तृतीया का एक अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान सोना या कोई अन्य कीमती धातु खरीदना है। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है. कई आभूषण स्टोर खरीदारों को आकर्षित करने के लिए अक्षय तृतीया पर आकर्षक छूट और योजनाएं पेश करते हैं.
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