Ganesh Temples in India – भगवान गणेश शिवजी और मां पार्वती के पुत्र हैं. उनका वाहन डिंक नामक मूषक है. गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है. ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं. हाथी जैसा शीश होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं. गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है. इसलिए इन्हें प्रथमपूज्य भी कहते हैं. गणेश की उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपत्य कहलाता है, गणेश चतुर्थी भारत के पश्चिमी और दक्षिणी भागों का भव्य त्योहार है. गणेश जी बड़ी मूर्तियां, भव्य समारोह सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. हमने आप सभी गणपति प्रेमियों के लिए भारत में गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश जी के 10 सबसे फेमस मंदिरों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे
गणपतिपुले मंदिर, रत्नागिरी
तिरुचिरापल्ली के उची पिल्लयार मंदिर में गणेश चतुर्थी
कानिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर
मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर
कालामसेरी महागणपति मंदिर, केरल
वरसिद्धि विनायक मंदिर, चेन्नई
गणेश टोक मंदिर, गंगटोक
रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान
सिद्धिविनायक मंदिर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गणपति बप्पा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. गणपति बप्पा के दर्शन के लिए यहां भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु और सैलानी आते हैं. यह लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. वर्ष 1801 में स्थापित यह मुंबई के भव्य मंदिरों में से एक है. यहां के गणेश को नवसाचा गणपति भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि अगर आप वास्तव में कुछ चाहते हैं तो इसे प्रदान किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि Apple के सीईओ, टिम कुक ने सिद्धिविनायक मंदिर की यात्रा के साथ अपने भारत दौरे की शुरुआत की थी. बॉलीवुड की सेलिब्रिटीज की ये पहली पसंद है. सितारे अपनी फिल्मों के रिलीज से पहले, मूहूर्त शॉट से पहले यहां तक की पदयात्रा भी कर चुके हैं.
SiddhiVinayak Mandir , Mumbai – इतिहास, बनावट, फोटो और गणपति का स्वरूप
यहां की विशाल गणपति की मूर्ति 7.5 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी ,है जिसे अनमोल स्वर्ण आभूषण से सजाया गया है. ऐसा माना जाता है कि मिठाई बेचने वाले दगडूशेठ गडवे ने अपने बेटे को एक महामारी में खो दिया था. एक बच्चे को खोने के बाद दुखी और निराश होकर उसने इस गणेश मंदिर का निर्माण किया और लोकमान्य तिलक प्रसिद्ध नेता ने यहां से गणेश उत्सव की शुरुआत की.
रत्नागिरी जिले में कोंकण तट पर यह मंदिर मौजूद है. यह देश के प्राचीन मंदिरों में एक यह भी शामिल है. यह लोकप्रिय स्वयंभू गणपति मंदिर गणपतिपुले मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ये करीबन 400 साल पुराना मंदिर हैं. यहां के लोगों के अनुसार गणेश जी यहां खुद प्रकट हुए. जिससे इस प्राचीन मंदिर को स्वयंभू का खिताब दिया गया. मंदिर में स्थित गणेश जी की प्रतिमा सफेद रेत से बनी हुई है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है. मंदिर को सूरज की पहली किरणें फरवरी से नवंबर तक मिलती हैं.
भगवान गणेश का उच्ची पिल्लयार नाम का प्रसिद्ध मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में त्रिचि नाम के स्थान पर रॉक फोर्ट पहाड़ी की चोटी पर बसा हुआ है. भगवान गणेश पर्वत की चोटी पर उच्ची पिल्लयार के रूप में स्थित हैं और उनके शरीर पर चोट का निशान भी मौजूद है. इस मंदिर के बारे में प्रसिद्ध है कि इस मंदिर की स्थापना का कारण बना था रावण का धर्मनिष्ठ भाई विभीषण. यह मंदिर लगभग 273 फुट की ऊंचाई पर है और मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 400 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है.
11 वीं शताब्दी की शुरुआत में चोल राजा कुलोथुंगा चोल द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी. जबकि 1336 में विजयनगर वंश के सम्राटों द्वारा इस मंदिर का विकास कार्य आगे बढ़ाया गया था. यह मंदिर भगवान गणेश के बाकी मंदिरों से काफी अलग और अनूठा है. यह एक ऐसा मंदिर है जिसके बीचों बीच नदी बहती है और यहां भगवान गणेश की बहुत विशाल और अनूठी मूर्ति है जो अपने आप बढ़ती रहती है. कहते हैं कि यहां आने वाले भक्त की हर इच्छा पूरी होती है और भगवान गणेश भक्त के पाप को हर लेते हैं. गणेश चतुर्थी को वार्षिक उत्सव ब्रह्मोत्सव के साथ भी मनाया जाता है. त्योहार 21 दिनों तक चलता है. इस दौरान भव्य जुलूस निकाले जाते हैं.
250 साल से अधिक पुराना मोती डूंगरी मंदिर वर्ष 1761 में बनाया गया था. किलों और पहाड़ियों से घिरा यह जयपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक है. माना जाता है कि यह मूर्ति लगभग 500 साल पुरानी है. एक चूना पत्थर और संगमरमर का निर्माण जो आपको स्कॉटिश वास्तुकला की याद दिलाता है. इसे नगर शैली में बनाया गया है. भक्त महाशिवरात्रि पर मंदिर में शिव लिंग की पूजा भी करते हैं. यह जयपुर शहर से लगभग 6 किमी दूर है और राजस्थान में एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है.
उदयपुर का बोहरा गणेश मंदिर, जहां भक्तों को पैसे उधार देते हैं भगवान
मंदिर केरल में स्थित है. यह सुब्रमण्यन और नवग्रहों जैसी मूर्तियों का घर है. आप इस मंदिर में भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान राम की मूर्तियों को भी देख सकते हैं. मंदिर 1980 के दशक में बनाया गया था, जो एक ठोस संरचना है जो मंदिरों को घेरता है. रघुनाथ मेनन द्वारा निर्मित यह मंदिर एक आम व्यक्ति के प्यार और विश्वास का परिणाम है. इसमें कोई शाही आडंबर नहीं है. तीर्थयात्री यहां अष्ट द्रव्य महा गणपति हवना का हिस्सा बनने के लिए आते हैं. यह मंदिर मलयालम कैलेंडर के महीने के पहले दिन अणायुतट्टू का आयोजन भी करता है. गजपूजा हर चार साल में एक बार होती है. मंदिर इतना सरल और सड़क के करीब है कि तीर्थयात्री इसे प्यार से रोडसाइड गणपति कहते हैं.
चेन्नई में बसंत नगर में स्थित यह चेन्नई में एक प्रसिद्ध भगवान गणेश मंदिर है. हिंदू हाथी भगवान विनायक को समर्पित यह वह जगह है जहां आप सिद्धि के साथ विनायक की मूर्ति देख सकते हैं. एक छोटी मूर्ति भी है जिसकी शुरुआत में पूजा की गई थी. हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान आप पूरे भारत के तीर्थयात्रियों और संगीत प्रेमियों को आकर्षित करने वाले विस्तृत संगीत कार्यक्रम सुन सकते हैं. मंदिर में एक सभागार भी है जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
गंगटोक में कंचनजंघा पहाड़ों के शानदार दृश्यों के साथ एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित गणेश टोक टेम्पल एक सुंदर मंदिर है. पर्यटक और तीर्थयात्री गणेश टोक को बहुत पवित्र स्थान मानते हैं. सुंदर हरियाली और खड़ी ऊंचाई यात्रा के साथ-साथ पैदल यात्रियों और ट्रेकर्स के लिए भी अच्छी है.
भारत का सबसे पुराना गणेश मंदिर रणथंभौर गणेश मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मिणी ने अपनी शादी के दौरान इस मंदिर से आशीर्वाद मांगा था. जंगलों में स्थित, 1000 साल पुराने रणथंभौर किले में स्थित गणेश मंदिर पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों का बहुत श्रद्धा है. हर साल इस मंदिर में शादी के निमंत्रण और उपहार मिलते हैं. क्योंकि सभी अपनी नई यात्रा शुरू करने से पहले गणेश का आशीर्वाद लेना चाहते हैं. यह हिंदू धर्म का प्रथम गणेश या त्रिनेत्र मूर्ति है. 13 वीं शताब्दी के दौरान, राजा ने एक विकट संकट के दौरान इस मंदिर की स्थापना की जिससे इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि आई.
गणेश चतुर्थी पूरे भारत में मनाया जाता है, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्यों में भव्य समारोहों का आयोजन करती है. लेकिन यहां दी गई सूची में प्रसिद्ध मंदिर हैं जो गणेश चतुर्थी मनाते हैं. यदि आप इन मंदिरों में भगवान का आशीर्वाद लेना चाहते हैं और भव्य समारोहों का हिस्सा बने.
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