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Leap Day 2024 : लीप डे सेलिब्रेट कर रहा गूगल का नया डूडल, जानें क्या होता है लीप ईयर

Leap Day 2024  : गूगल ने  29 फरवरी के लीप डे के मौके पर एक नया डूडल लॉन्च किया है. साल 2024 में 29 फरवरी के लीप डे को गूगल खास अंदाज में सेलिब्रेट कर रहा है. गूगल के डूडल में दिखाया गया है कि 28 फरवरी और 1 मार्च के बीच में 29 फरवरी इस बार आकर बैठ गई है.

गूगल का डूडल क्यों है खास || Why is Google’s doodle special?

किसी भी इवेंट पर गूगल के डूडल को देखने के लिए लोग एक्साइटेड रहते हैं. 29 फरवरी का दिन चाल साल बाद आता है. इस दिन के लिए पूरी दुनिया में एक अलग क्रेज देखने को मिलता है. वहीं गूगल ने भी इस दिन को अपने नए डूडल के साथ सेलिब्रेट किया है और ये काफी खास भी है. गूगल के डूडल आमतौर पर किसी शख्स, इवेंट, या कार्यक्रम को लेकर होते हैं जो किसी खास देश से जुड़े हों, लेकिन लीप ईयर सेलिब्रेशन का डूडल यूनिवर्सल है यानी सभी देशों से जुड़ा है.

29 फरवरी-लीप डे || 29th February-Leap Day

29 फरवरी को लीप डे का दिन माना  जाता है. ये साल 2024 एक लीप ईयर है. लीप ईयर में फरवरी में 29 दिन होते हैं. इस साल 29 फरवरी का दिन आया है जबकि हर बार फरवरी 28 दिन की होती है. कलेंडर को बैलेंस रखने के लिए हर चाल साल बाद फरवरी महीने में 29 फरवरी की तारीख को जोड़ा जाता है.

क्यों होता है लीप ईयर || Why does leap year happen?

लीप ईयर केवल वो नहीं है, जो हर चाल साल बाद आए, इसकी अपनी एक अलग अहमियत है. पृथ्वी के एक दिन में पूरे 24 घंटे न होकर 23.262222 घंटे होते हैं. वहीं, हर साल अगर 29 फरवरी की तारीख को जोड़ दिया जाए, तो कलेंडर 44 मिनट आगे हो जाएगा, जिसकी वजह से सभी मौसम और महीनों के बीच एक अलग डिफरेंस पैदा हो जाएगा.

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लीप डे ना हो, तो क्या होगा || What will happen if there is no leap day?

29 फरवरी का दिन कैलेंडर और पृथ्वी के ऑर्बिट के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है. अगर ये लीप डे न हो, तो मई-जून में आने वाली गर्मी नवंबर के महीने में पहुंच जाएगी. 29 फरवरी का दिन आने से सभी मौसम अपनी सही महीने में ही हर साल आते हैं. इससे कैलेंडर में बैलेंस बना रहता है.

कैसे बना लीप डे || How did Leap Day become?

पहले के समय में सूरज की स्थिति से दिनों का पता लगाया जाता था. लेकिन समय की मांग ने कैलेंडर को लोगों के समक्ष ला दिया. जूलियस सीजर ने 45 BC में, अपने जूलियन कैलेंडर में एक एक्स्ट्रा डे को शामिल किया. लेकिन इससे भी 11 मिनट प्रति सोलर ईयर का डिफरेंस दिखाई दे रहा था. इसके बाद 16वीं शताब्दी में पॉप ग्रिगोरी XIII ने ग्रिगोरियन कैलेंडर दिया, जिसमें लीप डे 29 फरवरी को शामिल किया गया, जिसमें बताया गया कि लीप डे उस साल में आएगा, जो कि 100 से भाग होने की बजाय 4 से हो जाएगा. साथ ही 400 से डिवाइड होने वाले साल को भी लीप ईयर कहा जाएगा.

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Komal Mishra

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