Happy Diwali 2023 : दिवाली के त्योहार पर लोग अपने घर में तरह- तरह के पकवान बनाते है. भारत के हिस्सों और खासतौर से उत्तर भारत के परिवारों में दिवाली की रात भोजन में जिमीकंद या सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा निभाई जाती है. दिवाली की रात जिमीकंद की सब्जी बनाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दिवाली के भोजन का जिमीकंद की सब्जी से क्या संबंध है? आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे. आइए जानते हैं जिमीकंद बनाने के पीछे की क्या है मान्यता…
जिस तरह से होली पर गुजिया, मकर संक्रांति पर खिचड़ी और ईद पर सेवई खाने की परंपरा है उसी तरह से दिवाली की रात जिमीकंद की सब्जी खाना शुभ माना जाता है. इस दिन सभी के घर में जिमीकंद की सब्जी बनाई ही जाती है.
प्रभु श्रीराम बेहद पसंद था सूरन ||Prabhu Shri Ram liked Suran very much
जिमीकंद या सूरन की सब्जी को लेकर एक मान्यता ये है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम, उनके भाई लक्ष्मण और धर्मपत्नी सीता ने जंगल में जो कंदमूल खाकर गुजर बसर किया था, उनमें जिमीकंद या सूरन की सब्जी भी शामिल थी.
क्यों बनाते है जिमीकंद की सब्जी || Why make Jimikand vegetable?
आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की जिमीकंद की सब्जी को अगर आप जड़ से काट या निकाल देते है तो भी वह उग जाती है. इस वजह जिमीकंद की सब्जी को दिवाली के दौरान धन के भंडारण और बढ़ती हुई सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में दिवाली के दिन सभी के घर जिमीकंद की सब्जी अवश्य ही बनाई जाती है.
जानें क्या है मान्यता || Know what recognition is
माना जाता है कि दिवाली की रात भोजन में जिमीकंद यानी सूरन की सब्जी खाने से घर में धन-संपदा और सुख-समृद्धि बढ़ती जाती है और ये कभी ख़त्म नहीं होती हैयऐसें में इसलिए भी लोग जिमीकंद की सब्जी अपने घर बनाते ही है.
जिमीकंद क्या होता है || What is Jimikand?
बता दें कि जिमीकंद एक जड़ है. ये एक कंद के रूप में होती है और ये नॉर्मल तौर पर अपने आप ही उगती है. इस सब्जी के कई फायदे होते है जैसे की ये एंटी -इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ये कई बीमारी में भी खाया जाता है इसके कई अन्य फायदे भी होते है.
जिमीकंद के फायदे || Benefits of Jimikand
नॉर्मल दिनों में भी लोग जिमीकंद खाना पसंद करते है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जिमीकंद में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. जिसकी वजह से ये कई तरह की दिक्कतों को दूर करने में भी मदद करती है. इसका सेवन करने काफी अच्छा माना जाता है.
तो धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसके गुणों को भी ध्यान में रखते हुए आप इस दिवाली जिमीकंद की सब्जी बनाएं. यही है ना? इससे पहले कि आप यहां-वहां रेसिपी खोजना शुरू करें, हमने आपके लिए इसे व्यवस्थित कर दिया है. हम आपके लिए लेकर आए हैं बिना प्याज-लहसुन के बनने वाली जिमीकंद की सब्जी की रेसिपी. तो, इस अद्भुत स्वादिष्ट करी को बनाने के लिए, नीचे दिए गए स्टेप का पालन करें:
सामग्री || Material
½ किलो जिमीकंद
3 टमाटर (शुद्ध किये हुए)
1 कप दही
1 तेज पत्ता
½ छोटा चम्मच जीरा
½ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
¾ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
½ छोटा चम्मच गरम मसाला
2 चम्मच अमचूर पाउडर
1 चम्मच धनिया पाउडर
नमक स्वादानुसार
तलने के लिए तेल
मुट्ठी भर धनिया पत्ती
तरीका || Method
जिमीकंद को अच्छे से धोकर छील लीजिये.
फिर इसे क्यूब्स में काट लें और इन पर अमचूर पाउडर लगा लें.
सूखे आम के पाउडर लगे जिमीकंद के टुकड़ों को 2 से 3 घंटे के लिए धूप में रख दीजिए.
सुनिश्चित करें कि आप जिमीकंद को एक झुकी हुई प्लेट में रखें ताकि इससे निकलने वाला पानी निकल जाए.
जब पक जाए तो एक पैन लें और उसमें पानी डालें.
इसमें सूखे जिमीकंद के टुकड़े डालें और 5 से 6 मिनट तक उबलने दें.
इसके बाद, क्यूब्स को बाहर निकालें और पानी को पूरी तरह से निकाल दें.
फिर, एक पैन लें और इन्हें सुनहरा भूरा होने तक तलें.
जब हो जाए तो उन्हें एक तरफ रख दें.
एक और पैन लें और उसमें जीरा और तेजपत्ता डालें. उन्हें हिलाओ.
टमाटर की प्यूरी डालें और इसे तब तक पकने दें जब तक तेल अलग न होने लगे.
लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और एक चुटकी अमचूर पाउडर डालें.
इसके बाद ग्रेवी में फेंटा हुआ दही डालें. गरम मसाला डालें और धीमी आंच पर अच्छी तरह मिला लें.
फिर इसमें तले हुए जिमीकंद के टुकड़े डालें और 10 मिनट तक पकने दें. (ज्यादा न पकाएं).
पक जाने पर धनिये की पत्तियों से सजाकर परोसें।
हैप्पी दिवाली दोस्तों!
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