Dwarka Expressway : पीएम मोदी ने 11 मार्च 2023 को द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. इससे जहां दिल्ली और गुरुग्राम के लोगों के लिए आना-जाना आसान होगा तो वहीं पूरे हरियाणा के लोगों को दिल्ली पहुंचने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इससे नेशनल हाईवे-48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात को सुचारू करने और भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी. ये एक्सप्रेस-वे हरियाणा के लोगों को दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और गुरुग्राम बाईपास से सीधा संपर्क रहेगा. दिल्ली-हरियाणा के बीच बना द्वारका एक्सप्रेस-वे विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग का बेस्ट उदाहरण है.
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे है. इसकी कुल लागत 5269 करोड़ रुपये है. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेस-वे की सभी लेन की लंबाई जोड़ दें तो ये 563 किलोमीटर लंबा हो जाता है. इसके साथ ही ये देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे है, जो सिंगल पियर पर बना है. इसमें देश की पहली 3.6 किलोमीटर लंबी 8 लेन चौड़ी अर्बन टनल भी शामिल है. इसके साथ ही इसमें भारत का पहला चार स्तरीय इंटरचेंज 2 जगहों और तीन स्तरीय इंटरचेंज 9 जगहों पर बनाया गया है. इसके अलावा प्रमुख इंटरचेंज एलिवेटेड सर्विस रोड से जुड़े हुए हैं.
ये ऐसा शहरी एक्सप्रेस-वे है जिसकी सर्विस लेन पर ही एंट्री पॉइंट का निर्माण किया गया है, जिससे ट्रैफिक जाम नहीं लगेगा. 8 लेन वाले इस एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ तीन-तीन लेन सर्विस रोड भी हैं. द्वारका एक्सप्रेस-वे में एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई 192 किलोमीटर है, जबकि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इनमें 34 अंडरपास, 31 सुरंग और 12 रोड ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है। ये एक्सप्रेसवे एनएच 8 पर शिव मूर्ति से शुरू होकर खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाता है.
द्वारका एक्सप्रेस-वे को बनाते समय 1200 पेड़ों को सही से रिप्लांटेशन किया गया. ऐसा इसलिए किया गया है कि पर्यावरण को नुकसान ना हो.इसके निर्माण में 2 लाख मिट्रिक टन स्टील का निर्माण हुआ है जो एफिल टॉवर से 30 गुना ज्यादा है. इसी तरह से इसे बनाने में 20 लाख क्यूबिक सीमेंट का निर्माण हुआ है, जो बुर्ज खलीफा में प्रयोग किए गए सीमेंट से 6 गुना ज्यादा है.
द्वारका एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद हरियाणा के लोगों का दिल्ली और दिल्ली के लोगों का हरियाणा के लिए यातायात बिल्कुल सुगम हो जाएगा। इसके साथ ही आप द्वारका से मानेसर सिर्फ 15 मिनट में पहुंच जाएंगे. वहीं मानेसर से आईजीआई एयरपोर्ट आने में आपको मात्र 20 मिनट ही लगेंगे. वहीं मानेसर से सिंधु बॉर्डर तक जाने में सिर्फ 45 मिनट लगेंगे. इसका प्रयोग करने पर दिल्ली से गुरुग्राम जाने में सिर्फ 25 मिनट का समय लगेगा.
इससे यात्रियों का काफी समय बचेगा. इसके साथ ही गुरुग्राम के 35 से अधिक सेक्टर्स और करीब 50 गावों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इसके अलावा व्यापारियों को भी कम समय में सामान का पहुंचना और ईंधन की कम खपत जैसे लाभ होंगे. इसके निर्माण से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर यातायात दबाब कम होगा और यहां लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी.
द्वारका एक्सप्रेस-वे को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे एवं सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) से जोड़ने के लिए खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर बनाया गया है. इससे वाहन पूरी रफ्तार के साथ किसी भी रोड पर आ-जा सकेंगे. एसपीआर गांव घाटा के नजदीक गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ा है.
निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है. साथ ही 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है. प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है. द्वारका एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे एयरपोर्ट पहुंचने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव 30 प्रतिशत से अधिक कम हो जाएगा.
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