Diwali Puja 2023
Diwali Puja 2023 : दिवाली का त्योहार शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. लोग अभी से ही त्योहार की जोर-शोर से तैयारी में जुट गए हैं. दिवाली पर लोग दीये जलाते हैं, घर का बना खाना खाते हैं और मिठाइयां खिलाते हैं, घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है और सभी एक-दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देकर जश्न मनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ दिवाली पर ही नहीं बल्कि हर खास मौके पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है? हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश ‘प्रथम पूज्य’ कैसे बने, इसकी एक महत्वपूर्ण कहानी है. आइए अब इसके बारे में जानें.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार स्नान के लिए जाने से पहले माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसका नाम गणेश रखा. पार्वती जी ने बालक को आदेश दिया कि किसी को भी अन्दर न आने दिया जाये. जब भगवान शिव लंबी तपस्या के बाद अपने निवास वापस आये और माँ पार्वती को देखने की इच्छा की. हालांकि, उसे बच्चे द्वारा रोक दिया गया था, शिव जी ने गणेश को बहुत समझाया कि पार्वती उनकी पत्नी हैं. लेकिन छोटा लड़का इतना जिद्दी था कि किसी की भी बात नहीं सुनता था.
बाद में भगवान शिव को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश की गर्दन काट दी और अंदर चले गये. तब सच्चाई जानने के बाद देवी पार्वती क्रोधित हो गईं, उन्होंने उग्र रूप धारण कर लिया और घोषणा की कि यदि उनके पति उनके पुत्र को जीवित करने में विफल रहे तो वह पृथ्वी को नष्ट कर देंगी. भगवान शिव ने मां पार्वती को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं मानीं। सभी देवताओं ने एकत्रित होकर देवी को मनाने का प्रयास भी किया लेकिन वह नहीं मानीं.
तब भगवान शिव ने भगवान विष्णु से एक बच्चे का सिर लाने को कहा जिसकी माँ बच्चे की ओर पीठ करके सो रही थी. विष्णु जी ने तुरंत भगवान गरुड़ को आदेश दिया कि ऐसे बच्चे की खोज करो और तुरंत उसकी गर्दन लेकर आओ.काफ़ी खोजबीन के बाद उसे केवल एक हथिनी मिली जो अपने बच्चे की ओर पीठ करके सो रही थी। भगवान गरूड़ तुरंत उस बालक का सिर लेकर भगवान शिव के पास आये. भगवान शिव ने वह सिर भगवान गणेश पर रखकर उन्हें जीवनदान दिया और यह वरदान भी दिया कि आज से कहीं भी की जाने वाली किसी भी पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। भगवान गणेश को उसी दिन भगवान विष्णु द्वारा मंगल मूर्ति की उपाधि भी दी गई थी, क्योंकि उनका मानना था कि गणपति की पूजा से, आड़ू प्रबल होगी और लोग अपने-अपने कार्यों में सफल होंगे. इसलिए अगर हम कोई भी काम करते हैं तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए, नहीं तो काम सफल नहीं होगा.
Rangbhari Ekadashi 2025: हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी… Read More
Char Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री… Read More
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में एकाग्रता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है.… Read More
Spring Season 2025 : वसंत ऋतु सबसे सुखद मौसमों में से एक है, जिसमें फूल… Read More
Dharamshala travel Blog Day 1 धर्मशाला उत्तर भारत का एक शहर है. यह हिमाचल प्रदेश… Read More
Vietnam Travel Blog : वियतनाम एक खूबसूरत देश है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार लैंडस्केप… Read More