Dhanteras 2023
Dhanteras 2023 : धनतेरस का त्योहार नजदीक है. देश में त्योहारी माहौल छाया हुआ है और बाजार दिवाली की खरीदारी के सामानों से भरे हुए हैं.लोग धनतेरस की खरीदारी के लिए भी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम धनतेरस का त्योहार क्यों मनाते हैं? कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धन त्रयोदशी या धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धन त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धन्वंतरि को देवताओं का चिकित्सक कहा जाता है और उनकी भक्ति और पूजा से स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
धर्मग्रंथों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अवतार हैं. संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था. धनतेरस का त्योहार भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
धनतेरस से जुड़ी एक और कहानी यह है कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान विष्णु ने देवताओं के कार्य में बाधा डालने के कारण दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ ली थी. कथा के अनुसार, देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंचे. शुक्राचार्य ने भी वामन रूप में भगवान विष्णु को पहचान लिया और राजा बलि से अनुरोध किया कि वामन जो भी मांगे उसे अस्वीकार कर दें.
बलि ने शुक्राचार्य की बात नहीं मानी. वामन भगवान के कहे अनुसार तीन पग भूमि और कमंडल से जल दान करने का संकल्प लेने लगे. बलि को दान देने से रोकने के लिए शुक्राचार्य ने राजा बलि के कमंडल में लघु रूप धारण कर प्रवेश कर लिया. इससे कमंडल से पानी निकलने का रास्ता बंद हो गया। वामन भगवान शुक्राचार्य की चाल समझ गए और उन्होंने अपने हाथ में लिए कुशा को कमंडल में इस प्रकार रखा कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई. शुक्राचार्य संघर्ष करते हुए कमंडल से बाहर आये. बलि ने प्रतिज्ञा करके तीन पग भूमि दान कर दी.
इसके बाद भगवान वामन ने एक पैर से संपूर्ण पृथ्वी और दूसरे पैर से अंतरिक्ष को नाप लिया. तीसरा कदम रखने के लिए कोई जगह नहीं होने पर, बलि ने अपना सिर भगवान वामन के चरणों में रख दिया और बलिदान में अपना सब कुछ खो दिया. इस प्रकार देवताओं को बाली के भय से मुक्ति मिल गई और देवताओं को बाली ने उनसे जितना धन छीन लिया था उससे अधिक धन प्राप्त हुआ। इसी उपलक्ष्य में धनतेरस का त्योहार भी मनाया जाता है और धनतेरस पर सोना खरीदने के पीछे का कारण भी इसी कहानी से पता चलता है.
Char Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री… Read More
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में एकाग्रता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है.… Read More
Spring Season 2025 : वसंत ऋतु सबसे सुखद मौसमों में से एक है, जिसमें फूल… Read More
Dharamshala travel Blog Day 1 धर्मशाला उत्तर भारत का एक शहर है. यह हिमाचल प्रदेश… Read More
Vietnam Travel Blog : वियतनाम एक खूबसूरत देश है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार लैंडस्केप… Read More
Trek With Friends : फरवरी दोस्तों के साथ रोमांचक सर्दियों की यात्रा पर निकलने का… Read More