कहां है Tipu Sultan की पसंदीदा तलवार और तख्त
Tipu Sultan: मैसूर का शेर नाम से मशहूर टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे. उन्होंने 18 वर्ष की आयु में अंग्रेजों के खिलाफ पहला युद्ध जीता था. उन्होंने अंग्रेजों के सामने अपना सिर नहीं झुकाया और आखरी दम तक लड़ते रहे. उनके मारे जाने के बाद अंग्रेज अपने साथ उनकी तलवार और दूसरी चीज़े इंग्लैंड ले गए थे.
बताया जाता हैं कि, टीपू सुल्तान के पास कई तलवारे थी लेकिन वह सबसे ज्यादा जिस तलवार का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते थे. उस पर रत्नजडित बाघ बना हुआ हैं और उसका वजन 7 किलो 400 ग्राम हैं.
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टीपू सुल्तान की यह तलवार, अंगूठी, रॉकेट और दूसरी चीज़े आज लंदन के म्यूजियम में रखी हुई हैं. एक वेबसाइट के अनुसार टीपू सुल्तान की इस तलवार की 21 करोड़ रुपए में नीलामी हुई हैं. इस तलवार की मूठ पर रत्नजड़ित बाघ बना हुआ है. वहीं एक तोप 13 करोड़ रुपए में नीलाम हुई.’टाइगर ऑफ मैसूर’ कहे जाने वाली टीपू सुल्तान का प्रतीक चिन्ह बाघ था जो उनसे जुड़ी चीजों पर प्रमुख रूप से अंकित मिलता है टीपू सुल्तान के कुछ हथियार और कवच लंदन में 60 लाख पाउंड यानी 56 करोड़ रुपए में नीलाम हुए हैं.
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कभी टीपू ने खुद कहा था, “मैं सारी उम्र मेमने की तरह जीने की बजाय एक दिन शेर की तरह जीना पसंद करूंगा.”
नीलाम घर बॉनहैम्स ने टीपू सुल्तान से जुड़ी चीज़ें नीलाम कीं, जिनमें रत्न जड़ित मूठ वाली तलवारें, नक्काशीदार तरकश, खूबसूरत लोहे के टोप, बंदूकें, निशानेबाज़ी में काम आने वाली बंदूकें, पिस्टल, कांसे की तोपे भी हैं. टीपू के सभी हथियार अपने आप में कारीगरी का बेहतरीन उदाहरण कहे जा सकते हैं. ब्रितानी ईस्ट इंडिया कंपनी से टीपू का संघर्ष 1799 में उनकी मृत्यु तक चलता रहा.
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