Laxmi Vilas Palace : भारत में आज भी कई शाही महल हैं जो भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास की कहानी कहते हैं. राजस्थान में मौजूद शाही महल हो या फिर मध्य प्रदेश में. हर शाही महल का अपना एक अगल ही इतिहास है. लक्ष्मी विलास पैलेस का भी कुछ ऐसा ही इतिहास है. लक्ष्मी विलास पैलेस गुजरात के वडोदरा शहर में स्थित है. इस महल को लंदन में मौजूद बकिंघम पैलेस से भी बड़ा पैलेस माना जाता है. इसके इंटीरियर्स और डिजाइन इतने एलिगेंट हैं कि यहां एक बार घूमने के बाद आप खुद बोलेंगे कि इस से अच्छा महल पूरे हिंदुस्तान में नहीं. लक्ष्मी विलास पैलेस की खूबसूरती और बेहतरीन वास्तुकला बार-बार देखने को मन करेगा. तो चलिए इस पैलेस के बारे में और करीब से जानते हैं
इस महल का निर्माण 1890 में महाराजा सयाजीराव ने करवाया था. इस पैलेस को बनवाने के बारे में कहा जाता है कि राजा ने इसे बनवाने के लिए दो अंग्रेज अधिकारीयों को नियुक्त किया था. इस महल को इंडो-सारासेनिक परंपरा के तहत बनवाया गया है, लेकिन यहां आप इस्लामिक और यूरोपीय वास्तुशिल्प का भी मिला जुला रूप देख सकते हैं.
कहा जाता है कि इस महल में तक़रीबन 170 कमरे हैं, जिसे दो भागों में बनाया गया है. एक भाग महाराजा के लिए और दूसरा महारानी के लिए. कहा जाता है कि आज भी इस पैलेस का प्रवेश द्वार विनीशियन झूमर और बेल्जियम ग्लास से सजा हुआ है. महल के अंदर एक संग्रहालय भी है, जहां आज भी युद्ध में इस्तेमाल होने वाली तलवारों और अन्य सामानों को प्रदर्शित किया जाता है.
लक्ष्मी विलास पैलेस परिसर में एक स्विमिंग पूल भी है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस महल में एक विशाल दरबार हॉल भी है. कहा जाता है कि इस महल के अंदर एक गोल्फ कोर्स है. यही नहीं, इस पैलेस के अंदर एक चिड़ियाघर और एक म्यूज़ियम भी है. इस महल में आपको बेहतरीन कांच की कारीगरी भी देखने को मिलेगी.
लक्ष्मी विलास पैलेस के बारे में बोला जाता है कि यह इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस से चार गुना ज्यादा बड़ा है. इस महल में फूलों के कई बगीचे भी हैं, जहां हजारों तरह के फूल लगे हुए हैं. इस महल के प्रवेश द्वार पर आकर्षक फव्वारे भी हैं. महल में घूमने के लिए भारतीयों पर लगभग 150 रुपये और विदेशी यात्रियों पर तक़रीबन 225 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च आता है
अगर आपको लक्ष्मी विलास पैलेस घूमने जाना है तो आप अक्टूबर से मार्च के महीनों में जा सकते हैं, क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है. वैसे आप साल के किसी भी महीने में भी घूमने जा सकते हैं. यहां जाने के लिए आप बस, ट्रेन या हवाई मार्ग से भी जा सकते हैं.
ByAir-अगर आप हवाई मार्ग से लक्ष्मी विलास महल वडोदरा की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि वडोदरा का अपना एक एयरोड्रम है, लेकिन यह सिर्फ केवल घरेलू उड़ानों को ही संचालित करता है. वडोदरा का हवाई अड्डा भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है इसलिए आपको यहां पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके अलावा अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी इसके पास स्थित है जो 100 किमी दूर है.
By Road- अगर आप सड़क मार्ग से वडोदरा की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि सड़क मार्ग भी यहां की यात्रा के लिए बेहद अनुकूल है. यह शहर अच्छी तरह से विकसित है और सुपर फास्ट राजमार्गों के साथ भारत के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. वडोदरा जाने के लिए आप एसटीसी बस स्टेशन से बसों की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं जो वड़ोदरा जंक्शन के पास स्थित है.
By Train- वडोदरा जंक्शन रेलवे स्टेशन भारत के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है और गुजरात का सबसे व्यस्त स्टेशन भी है. लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा जाने के लिए पर्यटक दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस प्रीमियम और सुपर फास्ट ट्रेनों से भी यात्रा कर सकते हैं.
लक्ष्मी विलास पैलेस का प्रवेश शुल्क 150 रुपये प्रति व्यक्ति है.
महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय का प्रवेश शुल्क 60 रूपये प्रति व्यक्ति है.
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