Surajkund Mela 2024: कुछ इवेंट का इंतजार लोगों को सालभर रहता है. इन्हीं में से एक है सूरजकुंड मेला. इसे हर साल फरवरी में आयोजित किया जाता है. ये कला प्रेमियों के साथ ही घूमने-फिरने के शौकीनों के लिए परफेक्ट जगह है. सूरजकुंड मेला कला, संस्कृति और विरासत का एक उत्सव है. हर साल फरवरी में आयोजित होने वाला यह प्रतिष्ठित मेला दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है. 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाएगा. आइए जानते हैं कि इस बार मेले में क्या खास है और क्या थीम रखी गई है.
सूरजकुंड मेला 2024 2 फरवरी से शुरू होगा और 18 फरवरी तक चलेगा. यह मेला हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक टूरिस्ट के लिए खुला रहेगा, जिससे आपको इसमें मौजूद सभी चीजों को देखने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.
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सूरजकुंड मेला 2024 के टिकटों की कीमत टूरिस्ट की अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए उचित है. एडल्ट के लिए प्रवेश शुल्क वर्किंग डेज के दौरान 120 रुपये और वीकेंड में 180 रुपये है.
सूरजकुंड मेला हरियाणा राज्य में फ़रीदाबाद से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से शहर सूरजकुंड में लगता है. यह अनोखा शहर अपने शानदार लैंडस्केप के लिए जाना जाता है और दिल्ली और क्षेत्र के अन्य प्रमुख शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. यह मेला सूरजकुंड मेला मैदान में आयोजित किया जाता है, जो इस दौरान एक रंगीन उत्सव में बदल जाता है.
सूरजकुंड मेले का एक मुख्य आकर्षण कारण यहां मिलने वाली अनोखी चीजें हैं. यह मेला उन लोगों के लिए एक खजाना है जो पूरे भारत से पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य कलाकृतियां खरीदना चाहते हैं. आप विभिन्न प्रकार की वस्तुएं पा सकते हैं जैसे हाथ से बुने हुए वस्त्र, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, लकड़ी के शिल्प और भी बहुत कुछ. सबसे अच्छी बात यह है कि आप कारीगरों से सीधे बातचीत कर सकते हैं और उनकी तकनीकों और परंपराओं के बारे में जान सकते हैं.
सूरजकुंड मेला भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति का उत्सव है, और यह मेले के दौरान होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शनों में परिलक्षित होता है. भांगड़ा और कथक जैसे पारंपरिक नृत्यों से लेकर लोक संगीत और कठपुतली शो तक, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है. ये प्रदर्शन न केवल मनोरंजन करते हैं बल्कि पर्यटकों को को भारत की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में रूबरू कराते हैं.
भारत में कोई भी सांस्कृतिक मेला अपने स्वादिष्ट भोजन के बिना पूरा नहीं होता है और सूरजकुंड मेला भी इसका साक्षी है. मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न प्रकार के क्षेत्रीय व्यंजनों की पेशकश करने वाले फूड स्टालों की भरमार होती है. मसालेदार स्ट्रीट फूड से लेकर पारंपरिक व्यंजनों तक, आप भारत के स्वादिष्ट स्वादों को एक ही स्थान पर चख सकते हैं.
खरीदारी और मनोरंजन के अलावा, सूरजकुंड मेला टूरिस्ट को विभिन्न वर्कशॉप और एग्जीबीशन में भाग लेने का मौका भी देता है. ये वर्कशॉप मिट्टी के बर्तन बनाने, बुनाई और पेंटिंग जैसे पारंपरिक शिल्पों की जानकारी प्रदान करती हैं. आप जैविक कृषि पद्धतियों के बारे में भी सीख सकते हैं और ग्रामीण कारीगरों के साथ इंटरैक्टिव सत्र में भाग ले सकते हैं.,
इस बार अफ्रीका, यूरोप और एशिया के लगभग 40 देश इस बार मेले में हिस्सा लेने वाले हैं. मतलब भारत के अलावा आपको दूसरे देशों की हस्तकलाओं और लोक कलाओं से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा.
इस साल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की थीम गुजरात राज्य पर रखी गई है. गुजरात को दूसरी बार मेले का थीम स्टेट चुना गया है.
सूरजकुंड मेला 2024 के लिए ट्रॉस्पोर्ट के ऑप्शन बहुत हैं हैं, दिल्ली के आईएसबीटी और शिवाजी स्टेडियम के साथ-साथ गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी शहरों से सूरजकुंड बस स्टैंड की ओर जाने वाली बसें आसानी से उपलब्ध हैं. वैकल्पिक रूप से, पर्यटक अतिरिक्त सुविधा के लिए सीधे दिल्ली से कोच या टैक्सियों का ऑप्शन चुन सकते हैं, हालांकि ऑन-साइट पार्किंग सीमित है.
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दिल्ली से सूरजकुंड तक: 24 किमी
नोएडा से सूरजकुंड तक: 31 किमी
गुड़गांव से सूरजकुंड तक: 36 किमी
सूरजकुंड मेला 2024 सड़क, ट्रेन और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो एक सुगम यात्रा सुनिश्चित करता है:
ट्रेन द्वारा: नजदीकी स्टेशन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) है, जहां से मेले तक पहुंचने के लिए टैक्सी या मेट्रो ली जा सकती है.
हवाई मार्ग से: दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नजदीकी हवाई अड्डा है, जो मेले में परिवहन के लिए बसें, टैक्सी और मेट्रो सेवाएं देता है.
मेट्रो द्वारा: नजदीकी मेट्रो स्टेशन वायलेट लाइन पर बदरपुर स्टेशन है. वहां से मेले के अंतिम पड़ाव तक टैक्सी, बस या ऑटो उपलब्ध हैं.
सड़क के रास्ते कैसे पहुंचे: सूरजकुंड मेला 2024 तक दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद के माध्यम से सभी नेशनल हाईवे के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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