Roopkund Lake Travel Blog : अगर आपको रोमांच पसंद हैं तो आपके लिए उत्तराखंड की रूपकुंड झील काफी अच्छी डेस्टिनेशन हो सकती है। इस झील में नरकंकाल दिखाई देते हैं। इस कारण रूपकुंड झील को रहस्यमयी झील भी कहा जाता है। ठंड के दिनों में ये झील पूरी तरह से जम जाती है और गर्मी में यहां की बर्फ पिघलने से झील में कंकाल दिखाई देने लगते हैं। इसे कंकाल झील भी कहते हैं। चारों ओर से ग्लेशियर और पहाड़ से घिरी ये झील ट्रैकिंग के लिए बहुत प्रसिद्ध है। हर साल गर्मी के दिनों में यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं।
हिमालय पर स्थित रूपकुंड झील के आसपास का प्राकृतिक वातावरण बहुत सुंदर दिखाई देता है। यहां पर गर्मी के दिनों में काफी पर्यटक आते हैं। ये झील हिमालय की 2 चोटियों के पास स्थित है। एक है त्रिशूल और दूसरी है नंदघुंगटी। यहां पर हर साल पतझड़ में एक धार्मिक त्योहार भी मनाया जाता है। इस त्योहार में आसपास के गांवों के लोग शामिल होते हैं। नंदा देवी का खास उत्सव 12 साल में एक बार मनाया जाता है। रूपकुंड की यात्रा एक सुखद अनुभव देती है। पूरे रास्ते में चारों ओर पर्वत श्रृंखलाएं दिखती है।
इस रहस्यमयी झील तक पहुंचने के लिए आपको लोहाजंग पहुंचना होगा। ये जगह करन प्रयाग से करीब 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लोहाजंग पहुंचने के लिए प्राइवेट कार कर सकते हैं। अगर आप ऋषिकेश से आ रहे हैं तो वहां से करन प्रयाग तक के लिए बस मिल सकती है। करन प्रयाग से लोहाजंग तक पहुंचने में करीब 4 से 5 घंटे का वक्त लगता है।
जैसा कि हमने पहले भी जिक्र किया कि रूपकुंड सर्दियों में जम जाता है, तो इसलिए सलाह यहीं दी जाएगी कि इस ट्रेकिंग के लिए गर्मियों के मौसम को ही चुनें। अगर बात करें कि कब जाना सबसे सही रहेगा तो इसके लिए आप जुलाई से नवंबर के बीच में जाएं। इस दौरान मौसम काफी ज्यादा सुहावना होगा। ठंडी हवाओं के बीच में ट्रेकिंग करने से आपको और ज्यादा आनंद आएगा।
कुछ चेक पॉइंट पर जरूरी प्रवेश शुल्क देनी होती है। इसके अलावा पूरी ट्रेकिंग के लिए अनिवार्य वन शिविर शुल्क और परमिट की आवश्यकता होगी। साथ ही अपना कोई भी पहचान पत्र जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर कार्ड साथ में रखें। इसके अलावा पासपोर्ट साइज फोटो के साथ, एक मेडिकल सर्टिफिकेट जो कि ट्रेक के लिए आपकी फिटनेस को सुनिश्चित करता है। साथ में आपको एक डिस्क्लेमर सर्टिफिकेट देना होगा जो कि आपके ट्रेक में स्वेच्छा से भाग लेने के बारे में होगा। आपको बता दें कि लोहरजंग में परमिट हासिल कर सकते हैं। जहां पर आपको वन अधिकारी को कैम्पिंग शुल्क भी देनी होगी।
एक अच्छी तरह से तैयार की गई फर्स्ट ऐड किट को अपनी ट्रेक के दौरान साथ ही रखें। साथ ही हम आपको ये भी सलाह देंगे कि खुद के इस्तेमाल के लिए जरूरी चीजें जैसे कि दवाइयां, एंटीसेप्टिक्स, कीट रिपेलेंट्स, प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स आदि साथ में लेकर ही चलें। अपनी सुरक्षा और सेहत को सुनिश्चित करने के लिए सभी तरह के तरीकों को पहले से ही तैयार करें लेकिन फिर भी साथ में जनरल बातों को जरूर ध्यान में रखें। सीपीआर और बाकी ऊंचाई से जुड़ी बीमारी (एक्यूट माउंटेन सिकनेस) के लिए आपके पास पहले से ही समाधान होना चाहिए। ये बीमारी सिर दर्द, अनिद्रा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, फेफड़ों की समस्याओं आदि से संबंधित लक्षणों के साथ ट्रेकिंग से जुड़ी हुई है। इसलिए इससे जुड़ी तैयारियां करके ट्रेकिंग के लिए जाएं। अपनी यात्रा से पहले अपने डॉक्टर से इनके बारे में परामर्श करें ताकि ऐसी संभावित स्थितियों के लिए दवाओं का सेवन किया जा सके और अगर जरूरत लगे तो ही इनका सेवन करें। रूपकुंड चमोली क्षेत्र में आता है तो जरूरी आपातकालीन नंबर हर वक्त अपने साथ रखें।
Uttarakhand Helpline: 0135 – 2710334, 0135 – 2710335, 0135 – 2710233
Army Control Number: 0135 – 2716201, 0135 – 2710925, 0135 – 2716201, 0135 – 2710925
Army Medical Emergency numbers – 18001805558, 18004190282, 8009833388
Police: 100 Fire: 101 Ambulance: 102
Chamoli Control Room – 01372-251437, 251077, 09411352136
Flood Information – 01372-251437, 09411352136
साथ रखने वाली जरूरी चीजें
– Durable good-quality trekking shoes
– Camping shoes for crossing streams
– Thick woolen socks
– Thermal inner wear
– Heavy fleece clothes
– Torch
– Whistle
– Covers to store used/wet clothing
– Winter jacket and water proof coat
– Trekking pants
– Woolen cap, gloves, etc.
– Sunglasses
– Sun screen lotion and other toiletries
– Water bottle
– Trekking pole
– First aid kit
– Personal medication
– Swiss knife
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