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मेघालय की वो रहस्यमयी गुफा जहां मिली थी डायनासोर की हड्डियां

Cave – भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो रहस्यों से भरी हुई हैं. एक ऐसी ही जगह मेघालय में भी है. क्रेम पुरी गुफा भारत में सबसे लंबी प्राकृतिक cave होने का गौरव प्राप्त करती है. मेघालय के जैंतिया पहाड़ियों जिले में लगभग 150 ज्ञात गुफाएं हैं, क्रेम पुरी गुफा उनमें से एक है और इसे लगभग 25 किलोमीटर लंबा माना जाता है, हालांकि वह इससे भी लंबे हो सकते हैं क्योंकि इस क्षेत्र की खोज जारी है.मेघालय में कई गुफाएं हैं और कई लोग मानते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय और पुरातत्व विरासत स्थलों का एक हिस्सा होना चाहिए.

दुनिया की सबसे बड़ी cave बलुआ पत्थर से बनी है. इस गुफा की लंबाई 24,583 मीटर (लगभग 24.5 किमी) है. मेघालय के पहाड़ अपनी जटिल गुफा प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं. इस गुफा की खोज करने वाली संस्था मेघालय एडवेंचर एसोशिएसन ने इस गुफा का नाम क्रेम पुरी दिया है. इस गुफा की खोज 2016 में की गई थी.

यह गुफा दुनिया की सबसे लंबी रिकॉर्डधारी cave से भी 6000 मीटर लंबी हैं. अभी तक दुनिया की सबसे लंबी बलुआ पत्थर की गुफा का रिकॉर्ड वेनुजुएला के एडो जुलिया में स्थित क्यूवा डेल समन के नाम है. जो 18,200 मीटर लंबी है. यह गुफा सामान्य श्रेणी में भारत की दूसरी सबसे लंबी गुफा है. भारत की सबसे बड़ी गुफा (लाइमस्टोन) मेघालय की जैंतिया पहाड़ियों में स्थित है. इसकी लंबाई 31 किमी है
यह गुफा ईस्ट खासी हिल जिले में स्थित है. इस गुफा से शार्क के दांत और समुद्री डायनासोर की कुछ हड्डियां भी मिली थीं, जो करीब छह करोड़ साल पहले समुद्र में पाए जाते थे. इस गुफा में 66-76  साल पहले धरती के सबसे सरीसृप मोसासौरस रहते होंगे. इस गुफा की खोज  टीम में इंग्लैंड, आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, रोमानिया, पोलैंड, नीदरलैंड, इटली आदि देशों के तीस वैज्ञानिक शामिल थे. इस टीम ने 25 दिनों में इस गुफा की माप की और छानबीन की.

कहां है Bhimbetka Cave ? क्या है खासियत ? कैसे पहुंचे वहां पर ?

इस गुफा में तापमान हमेशा 16-17 डिग्री के बीच बना रहता है, चाहे बाहर का तापमान कुछ भी हो. यहां ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि छोटी दरारों और दो प्रवेशद्वारों से होकर हमेशा अंदर हवा आती रहती है.

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प्रवेश शुल्क – 20 रुपए प्रति व्यक्ति
समय – सुबह – 07:30 से शाम 04:00 तक
घूमने में समय – 2 घंटे

कब जाएं

चेरापूंजी एक उच्च वर्षा वाला क्षेत्र है, जिसमें साल भर वर्षा होती है. हालांकि, चेरापूंजी में गुफाओं को देखने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई तक होता है क्योंकि तब यहां का  मौसम अच्छा और ठंडा होता है.

यहां का नार्मल तापमान पूरे दिन में 22 डिग्री सेल्सियस रहता है. आप दिन में कम बारिश का अनुभव कर सकते हैं. आखिरकार, चेरापूंजी पृथ्वी पर सबसे अधिक बारिश वाली जगह है.

Komal Mishra

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