Kurnool Travel Blog : कुरनूल आंध्र प्रदेश का एक शहर है. ये उत्तर में तेलंगाना राज्य और पश्चिम में कर्नाटक के बेल्लारी जिले से घिरा है. इसे अक्सर ‘रायलसीमा का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है. यह शहर अपने पुरातात्विक निष्कर्षों के लिए जाना जाता है जिसमें रॉक पेंटिंग्स और गुफाएं शामिल हैं. कोंडा रेड्डी किला या कोंडा रेड्डी बुरुजू, जो शहर के केंद्र में स्थित है, कुरनूल के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है.
रायलसीमा के गेटवे के रूप में भी प्रसिद्ध कर्नूल शहर तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है. इस ऐतिहासिक शहर का एक गौरवशाली अतीत है. इस पर पहले चोलों का शासन था और बाद में 12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान काकतीयों का रहा और फिर 16वीं शताब्दी में विजयनगर के शासकों ने शहर पर शासन किया. यह शहर 1686 में मुगल सम्राट औरंगजेब के बादशाहत के अधीन आ गया.
कुरनूल के ट्रैवल ब्लॉग (Kurnool Travel Blog) में आइए जानते हैं यहां 8 बेस्ट जगहों के बारे में…
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में यागंती एक एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है. ये जगह श्री यागंटीस्वामी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यह भगवान शिव को समर्पित है. प्राचीन श्री यागंटीस्वामी मंदिर 5 वीं और 6 वीं शताब्दी का है और यह उमा महेश्वर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. मंदिर में शिव और पार्वती की एक साथ जुड़ी हुई मूर्ति है, जिसे अर्धनारीश्वर कहा जाता है. यह आकर्षक मूर्ति एक ही पत्थर से उकेरी गई है.
आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित बेलम गुफाएं भारत में सबसे बड़ी और सबसे लंबी गुफा प्रणाली है. मेघालय में क्रेम लियाट प्रा के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी गुफाएं हैं और अपनी स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट संरचनाओं जैसी अपनी अनूठी संरचनाओं के लिए फेमस है. गुफाओं का निर्माण चूना पत्थर से हुआ था.
कोंडा रेड्डी किला, जिसे कर्नूल किला या कोंडारेड्डी बुरुजू के नाम से भी जाना जाता है. कर्नूल रेलवे स्टेशन से सिर्फ 2 किमी दूर स्थित है और कुरनूल में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है. संरचना का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा किया गया था. मामूली दिखने वाली संरचना पहले एक सुरंग थी जो तुंगभद्रा नदी के नीचे से गुज़रती थी और अभी भी यहां एक वॉच टावर रखती है, जहां से शहर दिखाई देता है.
बुद्ध प्रतिमा एक सफेद मूर्ति है जिसके पीछे एक पहाड़ी है जिस पर ‘बेलम गुफा’ लिखा हुआ है. यह आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है. बुद्ध की मूर्ति कुछ बेहतरीन बौद्धों के साथ-साथ जैन अवशेषों का एक उदाहरण है. यह इन गुफाओं के प्रति भिक्षुओं द्वारा किए गए योगदान का एक सुंदर और आकर्षक प्रमाण है.
यह प्रतिमा कोलीमिगुंडला नामक गांव के पास स्थित है और बाईपास रोड तदिपत्री की ओर जाता है. कुरनूल में स्थित बुद्ध प्रतिमा 40 फीट की ऊंचाई की है. इसे आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम (APTDC) द्वारा बनाया गया था और इसका बजट लगभग 10 लाख था. इसकी सुंदरता देश भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है. प्रतिमा को वर्ष 2005 में सार्वजनिक किया गया था. यह एक बहुत प्रसिद्ध स्थलचिह्न है. मूर्ति की कुल ऊंचाई 60 फीट है.
अब्दुल वहाब का मकबरा हंदरी नदी के तट पर 17वीं शताब्दी की संरचना है. विस्तृत कारीगरी के साथ एक स्मारक, दो राजसी गुंबद, बरामदे, मेहराब और बहुत कुछ, कुरनूल के पहले नवाब अब्दुल वहाब खान की मृत्यु के बाद मकबरा बनाया गया था. मकबरे को हाल ही में पुनर्निर्मित किया गया था और अब यह काफी बेहतर स्थिति में है. यह मकबरा उस्मानिया कॉलेज के पास स्थित है और इसे गोल गुम्मज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह बीजापुर के गोल गुंबद जैसा दिखता है.
भगवान नरसिंह स्वामी को समर्पित अहोबिलम मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां देवता के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. माना जाता है कि अहोबिलम आदिशेष का मध्य है जो पूरे नलमल्ला पहाड़ियों में फैला हुआ है. मंदिर का निर्माण विजयनगर शैली की वास्तुकला के अनुसार किया गया था और इसमें भगवान नरसिंह स्वामी के सभी नौ रूपों की मूर्तियां हैं.
सुंदर परिवेश के बीच स्थित, साक्षी गणपति मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है. इस मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 10 सीढि़यों की मामूली चढ़ाई है. मंदिर के बारे में सबसे आकर्षक हिस्सा इसका स्थान है क्योंकि मंदिर घने जंगल के बीच स्थित है.
रणमंडला कोंडा इस क्षेत्र का धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण आकर्षण है. ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां अपने वनवास के दौरान भगवान राम ने एक तीर चलाया और देवी सीता को जल प्रदान करने के लिए एक झील का निर्माण किया. यह भी माना जाता है कि भगवान हनुमान ने राक्षसों से लड़ाई लड़ी थी. आकर्षण में प्रसिद्ध रणमंडल अंजनेय स्वामी मंदिर भी है जो बिना छत वाला एक मंदिर है.
हवाई जहाज से: कुरनूल, हैदराबाद हवाई अड्डे से नजदीक है. हैदराबाद कई घरेलू एयरलाइनों द्वारा जुड़ा हुआ है. टूरिस्ट पहले हैदराबाद पहुंच सकते हैं और फिर कुरनूल के लिए स्थानीय बस या कैब ले सकते हैं.
ट्रेन से: ट्रेन से कुरनूल की यात्रा करना एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि कुरनूल रेलवे स्टेशन भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों से ट्रेन से जुड़ा हुआ है. इनमें से कुछ शहरों में बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, नई दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, इंदौर और नागपुर शामिल हैं.
सड़क मार्ग से: कुरनूल में बसों का अच्छा नेटवर्क है. यहां के लिए आप कैब भी ले सकते हैं.
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