Gilgit Baltistan | भारत में कश्मीर के बारे में बहुत बात होती है. कश्मीर 1947 से ही भारत का हिस्सा है. लेकिन इससे लगा हुआ एक हिस्सा देश की आजादी के वक्त ही पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास चला गया था. हम बात कर रहे हैं 10 लाख से अधिक की आबादी वाले गिलगित-बाल्टिस्तान ( Gilgit Baltistan ) की. बेहद शांत इस इलाके में कुदरत ने जमकर अपने नेमतें बरसाई हैं. इस इलाके की खूबसूरती देखकर आप शायद वो सारी जगहें भूल जाएं जिन्हें आप आजतक देख चुके हैं. क्या आप ये जानते हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान ( Gilgit Baltistan ) में दो स्वतंत्रता दिवस मनाए जाते हैं. एक 14 अगस्त को, जब भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है और एक अन्य पहली नवंबर को जब इलाका 1947 में हासिल की गई अपनी आजादी को याद करता है. यह आजादी महज 21 दिन तक टिक पाई थी.
अगर आपने सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान देखी है तो उसमें जिस हिस्से की बात की गई है, वो गिलगित-बाल्टिस्तान ( Gilgit Baltistan ) ही है. ये इलाका खूबसूरती में कहीं से भी भारत के कश्मीर प्रांत से कम नहीं है. गिलगित-बाल्टिस्तान ने सिंधु नदी को अपने दामन में समेटा हुआ है. इस इलाके में बेहद खूबसूरत और माउंट एवरेस्ट से कुछ ही कम ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं हैं. पहले इसे उत्तरी इलाका (नार्दन एरियाज) कहा जाता था. इसके उत्तर में चीन और अफगानिस्तान, पश्चिम में पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और पूरब में भारत है, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध का स्थल सियाचिन शामिल है.
गिलगित एक बहुत ही सुंदर स्थान वाला क्षेत्र है. यहां 4900 फीट की ऊंचाई वाले काराकोरम की छोटी-बड़ी पहाड़ियां हैं. यहां सिंधु नदी है जो भारत के लद्दाख से निकलकर बाल्टिस्तान और गिलगित से होकर बहती है. गिलगित-बाल्टिस्तान के उत्तर में अफगानिस्तान का वखान कॉरिडोर बॉर्डर, उत्तरी क्षेत्र में ही चीन के झिनझियांग प्रांत का उइगर क्षेत्र, इसके दक्षिण-दक्षिणपूर्व में भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर क्षेत्र, दक्षिण में ही गुलाम कश्मीर का क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र में पाकिस्तान की सीमाएं लगती हैं. गिलगित-बाल्टिस्तान में ही बालटॉरो नाम का एक सुप्रसिद्ध ग्लेशियर भी है. कराकोरम क्षेत्र पर ही हिंदूकुश और तिरिच मीर नाम के वाले दो ऊंचे पर्वत भी हैं जो दुनिया की 33वीं ऊंची पर्वत श्रृंखला हैं. गिलगित में ही गिलगित घाटी भी है जो सुंदर झरनों, फूलों की सुंदर घाटियां भी हैं. दुनियाभर के ट्रैकर्स की पसंद ये क्षेत्र है.
आइए हम उन कुछ तस्वीरों को देखते हैं जो भारत के इस पुराने अंश की खूबसूरती बयां करती हैं.
शिगार घाटी का नाम शिगार नदी के नाम पर पड़ा है. बाईं ओर की तस्वीर इसी इलाके की है. ये घाटी 170 किलोमीटर तक फैली है जो स्कार्दू से असकोल तक जाती है और यहीं से काराकोरम पर्वत श्रृंखला की शुरुआत होती है. शिगार का कस्बा घाटी की सबसे बड़ी बसावट है. हालांकि ये इलाका सुदूर क्षेत्र में है और आम लोगों की पहुंच से दूर है लेकिन फिर भी यहां कई गांव मौजूद हैं. अब शिगार एक जिला बन चुका है.
ये तस्वीर अलटिट किले की है जो हुंजा घाटी में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है. यह यहां पूर्व में शासकों का घर रह चुका है जो मीर नाम लगाते थे. यहां का अलटिट किला कम से कम 1100 साल पुराना है और ये गिलगित-बाल्टिस्तान की सबसे पुरानी धरोहर है.
स्कार्दू एयरपोर्ट एक घरेलू नागरिक हवाईअड्डे के साथ साथ गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान का एयरबेस भी है. ये पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से जुड़ा है. पाकिस्तान की इंटरनेशनल एयरलाइन फ्लाइट के साथ साथ ये पाकिस्तान एयरफोर्स के लिए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस के रूप में भी काम करता है.
वर्तमान में गिलगित-बल्तिस्तान, सात ज़िलों में बंटा हैं, इसकी जनसंख्या लगभग दस लाख और क्षेत्रफल 28,000 वर्ग मील है.
गिलगित नदी, जिसे गिजर नदी भी कहा जाता है, ये गुलाम कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बहती है. यह सिन्धु नदी की ही एक उपनदी है. गिलगित शहर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है. गिलगित नदी 12,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित शंदूर झील से शुरू होती है और आगे चलकर इसमें पहले दाई तरफ से गिजर नदी और फिर बाई तरफ से हुन्जा नदी मिलती है.
गिलगित-स्कार्दू रोड एक बेहद खूबसूरत लेकिन भयानक सड़क मार्ग है. यह 167 किलोमीटर लंबा है. इसे स्ट्रैटिजिक हाइवे (एस-1) के नाम से भी जाना जाता है. ये सड़क काराकोरम हाईवे, गिलगित-बाल्टिस्तान से शुरू होती है और नेमसेक जिले तक जाती है जो 1500 मीटर की ऊंचाई पर है. इस सड़क में कई तरह के खतरनाक रास्ते हैं. ये सिंधु नदी के साथ साथ चलती है. कई जगह ये चौड़ी दिखाई देती है तो कहीं बेहद दुर्गम, कहीं ये इतनी संकरी हो जाती है कि इसमें से सिर्फ एक वाहन एक बार में गुजर सकता है. इसे दुनिया के सबसे जोखिम भरे रास्तों में गिना जाता है.
ये तस्वीर हुंजा घाटी की है. ये एक पर्वतीय घाटी है जो पाकिस्तान के सुदूर उत्तरी हिस्से में है. ये अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर से लगता है और चीन के शिन्जियांग प्रांत से भी लगा हुआ है.
हुसैनी पुल को दुनिया के सबसे खतरनाक पुलों में गिना जाता है. ये ऊपरी हुंजा में स्थित है. पहले ये बेहद संकरा और साधारण था लेकिन रिपेयरिंग के बाद इसपर काफी लोग आसानी से जा सकते हैं.
काराकोरम हाईवे दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित एक पक्की अंतरराष्ट्रीय सड़क है. यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला से होकर गुजरती है व चीन-पाकिस्तान को खुंजराब दर्रे के माध्यम से आपस में जोड़ता है. यहां इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4693 मीटर है. यह गुलाम कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान के साथ चीन के शिंजियांग क्षेत्र को जोड़ता है. इसके साथ ही यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है. काराकोरम राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में N-35 और चीन में चीन का राष्ट्रीय राजमार्ग 314 (G314) के नाम से जाना जाता है.
फंदेर झील, फंदेर गांव में ही स्थित है. ये गिजर जिले में है. इस झील में आपको हमेशा शुद्ध जल मिलेगा. ये झील 44 मीटर तक गहरी है जिसमें बड़े बड़े पेड़ भी हैं.
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More