Difference between General Coach and 2S Sitting: जनरल कोच और 2S सिटिंग में क्या अंतर है?
Difference between General Coach and 2S Sitting: दोस्तों, भारतीय रेलवे में आप कई तरह की बोगियां देखते होंगे, जैसे स्लीपर कोच (Sleeper Coach in Indian Railways), AC कोच (AC Coach in Indian Railways), जनरल (General Coach in Indian Railways), दिव्यांग कोच (Divyang Coach in Indian Railways), महिला कोच (Ladies Coach in Indian Railways), सेकेंड स्लीपर कोच (Second Sleeper Coach in Indian Railways), आदि…. बाकी सब तो क्लियर है लेकिन यात्रियों को अक्सर ही सेकेंड स्लीपर और जनरल कोच में अंतर पता नहीं चलता है और वह दुविधा में पड़ जाते हैं… .
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे जनरल कोच 2S सिंटिग में क्या अंतर होता है. जनरल कोच में काफी लोग सफर करते हैं क्योंकि इसका किराया कम है. इसके लिए आपको ऑनलाइन टिकट बुक करने की अवश्कता नहीं होती है आपको स्टेशन पर जाकर ही टिकट लेना होता है. इस कोच में आपको बहुत भीड़ देखने को मिल जाएगी.
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भारतीय रेलवे में 2S सिंटिग क्लास क्या है || 2S Sitting Class in Indian Railways
इस कोच को चेयरकार कोच कहते हैं. इसमें बैठने के लिए रिजर्वेशन की जरूरत पड़ती है. इसमें कोई खास सुविधा नहीं होती है, यह जनरल कोच के मुकाबले अधिक आरामदायक होता है. इस तरह के कोच जनशताब्दी और इंटरसिटी ट्रेनों में देखने को मिल जाएंगे. सेकंड सीटिंग कोच उन ट्रेन में लगे होते हैं जो ट्रेन शॉर्ट डिस्टेंस को कवर करने हैं. उदाहरण के तौर पर दिल्ली से आगरा. इसमें बैठकर आपको लगेगा की आप बस में सफर कर रहे हैं. सेकंड सिंटिग में सोने की व्यवस्था नहीं होती है.
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भारतीय रेलवे में जनरल कोच क्या है || General Coach in Indian Railways
जनरल का मतलब सामान्य होता है. इसीलिए इसे साधारण कोच कहते हैं. यह ट्रेन का वह कोच है, जो आम यात्रियों के लिए होता है. इसमें सफर करने के लिए सबसे कम धनराशि वसूली जाती है. इसीलिए सामान्य कोच में यात्रियों की भीड़ सबसे ज्यादा होती है. इस कोच में यात्रा करने के लिए कोई रिजर्वेशन की जरूरत नहीं होती है. इसी कारण इस कोच में यात्रियों की कोई सीट निर्धारित भी नहीं होती है. अगर ट्रेन में अधिक भीड़ है तो 24 घंटे के अंदर संबंधित रूट पर किसी अन्य ट्रेन के जनरल कोच में यात्रा की जा सकती है.