Elephant Whisperers Shooting Location : कहां हुई है Oscar जीतने वाली डॉक्यूमेंट्री ‘एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की शूटिंग, जान लीजिए
Elephant Whisperers Shooting Location : ऑस्कर विनिंग शार्ट डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की चर्चा दुनिया भर में हो रही है. इस डॉक्युमेंट्री ने जब कामयाबी की नई गाथा लिख डाली है, तब इसके शूटिंग लोकेशन की चर्चा भला क्यों न हो? डॉक्युमेंट्री में दिखाया गया जंगल, गांव आखिर है कहां? इंटरनेट पर लोग इससे जुड़े सवाल पूछ रहे हैं. आइए आज हम जानते हैं द एलिफेंट व्हिस्परर्स डॉक्युमेट्री की शूटिंग लोकेशन (Elephant Whisperers Documentary Shooting Location) के बारे में… इसके साथ ही हम इस डॉक्युमेंट्री से जुड़ी और भी कई बातें भी आपको बताएंगे…
द एलिफेंट व्हिस्पर्स की शूटिंग लोकेशन || The Elephant Whisperers Shooting Location
Elephant Whisperers Documentary की शूटिंग तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वत में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (Mudumalai Tiger Reserve) के थेप्पाकडू हाथी शिविर (Theppakadu Elephant Camp) में की गई थी. मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर एशिया का सबसे पुराना हाथी शिविर है और 105 साल पहले स्थापित किया गया था. मोयार नदी के तट पर स्थित इस कैंप में अभी 28 हाथी हैं. महावतों का एक समर्पित समूह इन हाथियों को प्रशिक्षण देता है और इनकी देखभाल भी करता है. फिल्म के प्रोडूयसर, कार्तिकी गोंसाल्विस (Kartiki Gonsalves) डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए पांच साल तक मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में रही थीं.
40 मिनट की फिल्म दिखाने में लगे पांच साल || It took five years to show a 40-minute film The Elephant Whisperers
द एलिफेंट व्हिस्परर्स में रघु (हाथी के बच्चे) की कहानी दिखाई गई है. रघु के मां की करंट लगने से मौत हो गई है. वन विभाग ने रघु को जख्मी हालात में देखा, उसकी पूंछ को कुत्ते ने काट खाया था, उसे तमिलनाडु के मधुमलाई टाइगर रिजर्व स्थित थेप्पकाडु एलिफेंट कैंप में रखा गया. इस कैंप में अनाथ बिछड़े हुए हाथी को रखा जाता है.
रघु को जब इस कैंप में लाया गया तो वह काफी कमजोर और बीमार था. रघु के देखभाल का जिम्मा बोमन और बेली को दिया गया. बोमन की फैमिली पुश्तों से हाथियों की देखभाल करती आ रही है. वही बेली के पति को बाघ खा गया और उसकी बेटी की भी मौत हो गई.
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450 घंटे की फुटेज से 40 मिनट की फिल्म तैयार की || Made a 40-minute film from 450 hours of footage
डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्विस ने पांच साल तक रघु और बोमन, बेली के लाइफ को करीब से देखा और हर छोटे बड़े मोमेंट को रिकॉर्ड किया. कुल 450 घंटे की फुटेज तैयार हुई और 40 मिनट को तैयार किया गया और इसकी स्ट्रीमिंग 8 दिसम्बर 2022 को Netflix पर की गई.
बोमन और बेली ने रघु की अपने बच्चे की तरह देखभाल की.
बेली कहती है कि ‘रघु बिल्कुल मेरे बच्चे की तरह है, जब रघु मुझसे पहली बार मिला तो मुंह में दबाकर मेरी साड़ी खींच रहा था, बिल्कुल किसी बच्चे की तरह
इस फिल्म में भी दिखाया गया है कि बेली और बोमन रघु को खाना खिला रहे हैं, वह बच्चे की तरह नखरे कर रहा है, उसे जौ के गोले खिलाये जा रहे हैं लेकिन रघु बाल्टी में रखी नारियल और गुड़ के लड्डी खाना चाहता है. द एलिफेंट व्हिस्परर्स में दिखाया गया है कि जानवर में भी सभी इमोशन होते हैं. इन्हे भी हंसी,खुशी, उदासी महसूस होती है. फर्क सिर्फ इतना है कि ये बोल नहीं सकते हैं.
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इसमें जानवर के प्रति प्यार के अलावा नेचर की अहमियत को भी दिखाया गया है. इस डॉक्यूमेंट्री शॉट फिल्म में दिखाया गया है कि गर्मियों में जंगल सूखने की वजह से पशुएं चारा पानी के लिए परेशान हो जाते हैं, चारा पानी के बौखलाहट में हाथियों का झुंड गांव की ओर जाने लगते हैं इस दौरान कई अपने साथी से बिछड़ जाते हैं तो कई की मौत हो जाती है.
इस डॉक्यूमेंट्री शॉट फिल्म के डॉरेक्टर ने रघु के इमोशन को समझने के लिए बेबी एलिफेंट से दोस्ती की, उससे दोस्ती करने में लगभग एक साल का समय लगा.