Interesting Travel Facts

Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj – मोहम्मद रफी को ब्रेक देने वाले संगीतकार भाईयों की गुमनाम हवेली

Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj – पहाड़गंज की मेरी यात्रा से जुड़े मैंने दो ब्लॉग साझा किए हैं. इसमें से एक रामाकृष्ण आश्रम पर था जबकि दूसरा पहाड़गंज के ऐतिहासिक बाराही देवी मंदिर पर. इस ब्लॉग में हम एक ऐसी हवेली ( Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj ) के बारे में जानेंगे जो हिंदी फिल्मों की पहली संगीतकार जोड़ी की है और पहाड़गंज में मौजूद है. हालांकि परिवार ने जुलाई 2021 में इसे बेच दिया लेकिन ऐसी कई यादें हैं जो इस हवेली में आज भी गूंज रही हैं.

Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj

पहाड़गंज के इंपीरियल सिनेमा हॉल के बराबर वाले रास्ते की दूसरी तरफ स्थित है ये हवेली ( Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj ). इस हवेली में कुछ किराएदार या केयरटेकर ही मिलते हैं. मैंने नीचे की दुकानों पर मौजूद लोगों से सबसे पहले इस हवेली की जानकारी लेने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि ये हवेली हुस्नलाल भगतलाल की है. ये जानकार मेरी रोचकता और बढ़ गई. 60 साल से यहां एक सिलाई की दुकान है. उसमें काम कर रहे सरदार जी ने कहा कि आज भी हवेली में कील बेहद मुश्किल से ठोंक पाते हैं.

Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj Tour

बातचीत के बाद, मैं ऊपर सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा. वहां मुझे किरायेदार और केयरटेकर भी मिले. एक घर में किराएदार का परिवार था जिसमें एक बुजुर्ग शख्स थे, उन्हें हाल में अटैक आया था जिसकी वजह से वह बोल नहीं पा रहे थे. उनके घर में सिर्फ एक बिटिया ही थी, जो उनकी नातिन थी. पड़ोस में ही केयरटेकर का परिवार था. ये हवेली ( Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj ) पूरी तरह से खंडहर हालत में है. इस हवेली के बारे में कई दिलचस्प जानकारियां हैं, जो आज भी इस वीरान हवेली में बीते दौर की कहानी कहती हैं.

पंजाब में जन्मे थे भगतराम

पंजाब के जालंधर में भगतराम का जन्म हुआ था. वह रिश्ते में हुस्नलाल के बड़े भाई लगते थे. भगतराम का जन्म 1914 में हुआ था और हुस्नलाल का साल 1920 में. शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दोनों ने पंडित दिलीप चंद्र वेदी से ली थी. इनके बड़े भाई पंडित अमरनाथ अपने वक्त के बड़े संगीतकार थे और दोनों ने उनसे भी बारीकियां सीखी. पहाड़गंज का घर ( Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj ) पंडित अमरनाथ ने ही बनवाया था. हुस्नलाल वायलिन और भगतराम हारमोनियम में रुचि रखते थे. दोनों की धुनों में पंजाबी लोक संगीत का असर साफ दिखाई देता था. तबले और ढोलक की ताल पर सजी धुन, गीत को एक अलग ही रंग देती थी.

इस संगीतकार जोड़ी को अपना पहला ब्रेक साल 1944 में आई फिल्म ‘चांद’ से मिला. इस फिल्म का गीत ‘दो दिलों की ये दुनिया’ लोगों के बीच काफी मशहूर हुआ लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. ऐसे में हिट गाने के बावजूद हुस्नलाल और भगतराम को अभी भी काम मिलने में दिक्कत हो रही थी. फिर साल 1948 में आई फिल्म ‘प्यार की जीत’. इसमें उनकी बनाई धुन पर लिखा गया गाना ‘एक दिल के टुकड़े हजार हुए’ ने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई और इसी फिल्म के बदौलत हुस्नलाल-भगतराम ने इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली.

मोहम्मद रफ़ी को भी दिया था ब्रेक

हिन्दी फिल्मों के महान गायक मोहम्मद रफी को शुरुआती दौर में कामयाबी दिलाने में हुस्नलाल-भगतराम का अहम योगदान रहा है. चालीस के दशक के अंतिम सालों में जब मोहम्मद रफी फिल्म इंडस्ट्री में पार्श्वगायक के तौर पर अपनी पहचान बनाने में लगे थे तो उन्हें काम ही नहीं मिलता था, तब हुस्नलाल-भगतराम की जोड़ी ने ही उन्हें अवसर दिया था एक गैर हिंदी फिल्म में अपनी आवाज़ देने का. साल 1948 में जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इस जोड़ी ने मोहम्मद रफी को राजेन्द्र कृष्ण द्वारा रचित गीत सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों बापू की अमर कहानी गाने का अवसर दिया. मोहम्मद रफी सुबह चार बजे ही इस संगीतकार जोड़ी के घर तानपुरा लेकर चले जाते थे और संगीत की रियाज़ करते थे.

आजादी के वक्त दंगों में खय्याम को प्रेम कुमार नाम से यहीं दी गई थी पनाह

देश के बंटवारे के वक्त जब दंगे हो रहे थे जब खय्याम साहब को प्रेम कुमार बनाकर इस घर ( Husnlal Bhagatram Haveli Paharganj ) में चार महीने तक रखा गया था. ऐसे थे दोनों भाई. संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन के शंकर पृथ्वीराज थिएटर में तबला बजाते थे और रोल भी करते थे. वो भी इनके मुंबई में आते थे, सीखते थे. वायलिन बजाते थे. लक्ष्मीकांत भी वहां आते थे. वायलिन सीखते थे. लताजी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर भी मुंबई वाले घर पर वहां आते थे, सीखते थे. खुद लता भी आती थीं उस घर में सीखने. खासतौर पर पंजाबी भाषा और उसके टोन सीखती थीं. वह परिवार के कई कार्यक्रमों में भी आती थीं.

 

Recent Posts

Amrit Udyan Open : अमृत उद्यान आम जनता के लिए खुला, जानें समय और ऑनलाइन कैसे करें

Amrit Udyan Open : राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान (जिसे पहले मुगल गार्डन… Read More

19 mins ago

Pushkar Full Travel Guide : पुष्कर आएं तो जरूर करें यह 18 चीजें, झूम उठेंगे

Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More

2 days ago

Artificial Jewellery Vastu Tips : आर्टिफिशियल ज्वैलरी रखते समय रखें इन बातों का ध्यान

Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है.  यह… Read More

4 days ago

Prayagraj Travel Blog : प्रयागराज में घूमने की ये जगहे हैं बहुत फेमस

Prayagraj Travel Blog :  क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More

6 days ago

10 Best Hill Stations In India : भारत के 10 बेस्ट हिल स्टेशन जिन्हें आपको अपनी लाइफ में एक बार जरूर देखना चाहिए

10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More

1 week ago

Mirza Nazaf Khan : महान सैन्य जनरल मिर्जा नज़फ खां ने कैसे बदल डाला भारत का इतिहास?

Mirza Nazaf Khan भारत के इतिहास में एक बहादुर सैन्य जनरल रहे हैं. आइए आज… Read More

1 week ago