Benefits of Thai Massage : कहते हैं कि अगर थाईलैंड जाकर आपने थाई मसाज का मजा नहीं लिया तो फिर कुछ भी नहीं किया. इसलिए जब भी आप थाईलैंड जाने का प्लान बनाएं तो अपने ट्रिप में थाई मसाज लेने को जरूर एड करें (Benefits of Thai Massage) लेकिन उससे पहले थाई मसाज की खासियत के बारे में जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी है.
क्या आपने कभी सोचा है कि थाई मसाज में ऐसा क्या खास है कि दुनियाभर के लोग स्पेशली थाई मसाज का मजा लेने के लिए थाईलैंड जाते हैं. कहा जाता है कि थाई मसाज की शुरुआत भगवान महावीर बुद्ध के वैद्य चिकित्सक ‘शिवगो कोमरपाज’ ने की थी.
उस समय इस मसाज को शरीर पर अलग तरीके अप्लाई किया जाता था और समय के साथ साथ इसमें कई तरह के बदलाव आए हैं. हालांकि इसे करने का तरीका आज भी पारंपरिक ही है. ऐसा कहा जाता है कि थाई मसाज बॉडी और मन, दोनों को एकसाथ बैलेंस कर सकता है. थाई मसाज में आपकी मांसपेशियों, नरम टिश्यू और लिगामेंट्स को रिलैक्स करती है.
इस मसाज से आपका पूरा शरीर आराम की स्थिति में पहुंच जाता है. शरीर की सारी थकान उतर जाती है और आप फ्रेश फील करने लगते हैं.
थाई मसाज में तेल मालिश नहीं होती बल्कि इसमें थैरेपिस्ट योगासन और स्ट्रेचिंग के माध्यम से शरीर के प्रेशर प्वाइंट पर कुछ इस तरह मसाज करते हैं कि आपकी सारी मांसपेशियों को आराम मिलता है और थकान मिनटों में दूर हो जाती है. थाई मसाज बिस्तर पर लेटाकर नहीं बल्कि एक प्रकार की विशेष चटाई पर बैठाकर किया जाता है.
थाई मसाज से बॉडी में एनर्जी आती है.
थाई मसाज से शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.
इससे शारीरिक आराम के साथ साथ मानसिक आराम भी मिलता है.
शरीर और मांसपेशियों की कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में थाई मसाज मदद करती है.
इससे मांसपेशियों में तनाव कम होता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
थाई मसाज वज़न कम करता है.
थाईलैंड का पटाया शहर थाई मसाज के लिए फेमस है. वैसे तो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी आपको कई जगह पर थाई मसाज कराने की सुविधा मिलेगी लेकिन पटाया में थाई मसाज देने वाले थैरेपिस्ट को दुनियाभर से आए लोगों की तारीफ मिलती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए थाई मालिश की नहीं करवानी चाहिए.
कहा जाता है कि थाई मसाज और थाई मेडिसिन की स्थापना की गई थी, लेकिन 2500 साल पहले के एक चिकित्सक, प्रसिद्ध शिवागो कोमारपज. वह उत्तर भारत से थे और बुद्ध के मित्र और प्राइवेट डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे. उन्होंने मगध राजा बिंबसार और बौद्ध भिक्षुणियों और भिक्षुओं के साथ भी काम किया जिन्हें संघ कहा जाता है.
यद्यपि चीनी, भारतीय और दक्षिण पूर्व एशियाई संस्कृति से थाई दवा के प्रभावों का एक योग है, ज्यादातर कोमारपज को श्रेय दिया जा रहा हैय थाई मालिश का अधिकांश रिकॉर्ड इतिहास 1767 में अयुथिया में बर्मी हमले के दौरान खो गया था. ऐसे रिकॉर्ड थे जो बच गए और बैंकॉक में एक मालिश मंडप साला मोह नुआत में अंकित थे.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद थाईलैंड पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन गया, जिससे थाई मालिश एक विश्व प्रसिद्ध तकनीक बन गई. यह 1980 के दशक के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंचा.
थाई मालिश पारंपरिक थाई चिकित्सा की चार ब्रांच में से एक है. यह एक ट्रीटमेंट टेक्निक है जिसे डॉक्टरों के सामने प्रैक्टिस किया गया था. थाई मालिश फर्श पर एक सख्त गद्दे या चटाई पर होता है.
यह एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जो आराम देता है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा करता है. यह एनर्जी, ब्लोकेज, वीक, ऑर्गन, शरीर दर्द और, स्ट्रेस समस्याओं और पोस्टुरल एलीगमेंट का भी इलाज करता है.
– यह 2500 से अधिक वर्षों से प्रचलित है.
– इसे मैट या फ़्यूटन गद्दे पर किया जाता है.
– यह मालिश करने से एनर्जी आती है.
– यह मसल्स, ज्वाइंट पर ध्यान केंद्रित करता है और यहां तक कि आपके पेट, सिर, उंगलियों, पैर की उंगलियों और कानों की मालिश भी करता है.
– यह सर्कुलेशन, हेल्थ और कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करता है.
– इसमें योग टेकनीक शामिल है.
– यह मसल्स के फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है.
– यह आपको मजबूत बनने में मदद करता है.
– यह आपके पूरे शरीर को आराम देता है.
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