Honeymoon in Khajuraho : खजुराहो भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. यह अपने वास्तुकला के सुंदर मंदिरों के साथ दुनियाभर से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित करता है. आज, खजुराहो भारत में सबसे लोकप्रिय हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. खजुराहो में हनीमून, विवाहित जवन की रोमांटिक यात्रा पर जाने के लिए सही जगह है. अपने जीवन साथी को जानने, एक-दूसरे को पसंद करने और नापसंद करने के लिए यह सही जगह है.
खजुराहो में हनीमून यात्रा, शानदार और भव्य रूप से भव्य मूर्तियों के साथ शानदार पत्थर के मंदिरों के लिए नवविवाहित जोड़ों के बीच लोकप्रिय है. कामुक और कामुक पत्थर की मूर्तियां विभिन्न प्रेम मुद्राओं में जोड़े को दर्शाती हैं. इस तरह की मूर्तियां निश्चित रूप से खजुराहो में आपके हनीमून टूर के लिए कुछ जुनून और उत्साह बढ़ाने वाली हैं.
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खजुराहो भारत के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश स्टेट का एक बहुत ही खास शहर और पर्यटक स्थल है जो अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए देश भर में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है. मध्यप्रदेश में कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादिकाल से दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है. छतरपुर जिले का यह छोटा सा गांव स्मारकों के अनुकरणीय कामुक समूह के कारण विश्व-प्रसिद्ध है, जिसके कारण इसने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अपना स्थान बनाया है.
खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर मूल रूप से मध्य प्रदेश में हिंदू और जैन मंदिरों का एक संग्रह है. ये सभी मंदिर बहुत पुराने और प्राचीन हैं. जिन्हें चंदेल वंश के राजाओं द्वारा 950 और 1050 के बीच कहीं बनवाया गया था.
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पुराने समय में खजुराहो को खजूरपुरा और खजूर वाहिका से जाना-जाता था. खजुराहो में कई सारे हिन्दू धर्म और जैन धर्म के प्राचीन मंदिर हैं. इसके साथ ही ये शहर दुनिया भर में मुड़े हुए पत्थरों से बने हुए मंदिरों की वजह से विख्यात है. खजुराहो को खासकर यहाँ बने प्राचीन और आकर्षक मंदिरों के लिए जाना-जाता है.
विश्वनाथ मंदिर, कंदरिया महादेवा मंदिर, नंदी मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, जगदंबिका मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, चरणनाथ योगिनी मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, वराह मंदिर, पार्वती मंदिर, वामन मंदिर, जवेरी मंदिर जैसे स्थापत्य के सुंदर मंदिरों की खोज करके, खजुराहो में आपकी हनीमून की छुट्टी घंटाई मंदिर, आदिनाथ मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, चतुर्भुज मंदिर आदि, कामुक मूर्तियों की खोज और कामुक और कामुक मुद्राओं से सबक सीखकर खजुराहो में अपना रोमांटिक हनीमून मना सकते हैं.
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आसपास के पर्यटन स्थलों जैसे ओरछा, पन्ना नेशनल पार्क, केन नेचर ट्रेल, केन घड़ियाल अभयारण्य, बानिसागर झील, पांडव जलप्रपात, गंगाऊ डैम, धुबेला डैम, अजयगढ़ किला, कालिंजर जैसे पर्यटन स्थलों का भ्रमण करके खजुराहो में अपने हनीमून पर्यटन को और अधिक रोचक और आकर्षक बना दें, फोर्ट, राजगढ़ पैलेस, राणेह फॉल्स अपने हनीमून के दौरान घूम सकते हैं.
खजुराहो में बने हुए मंदिर काफी प्राचीन है. यहां का इतिहास लगभग 1000 साल पुराना है. खजुराहो प्राचीन समय में चंदेल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. पृथ्वीराज रासो में मध्यकाल के दरबारी कवि चंदबरदाई में चंदेल वंश की उत्पत्ति के बारे में बताया है. उन्होंने इसमें यह लिखा है कि काशी के राजपंडित की बेटी हेमवती बेहद खूबसूरत थी.
जब एक दिन वो गर्मियों के मौसम में रात के समय कमल-पुष्पों से भरे एक तालाब में नहा रही थी तो उसकी खूबसूरती देख कर भगवान चन्द्र उनकी ओर आकर्षित हो गए. हेमवती की सुंदरता से मोहित हुए भगवान् चन्द्र ने धरती पर आकर मानव रूप धारण कर और हेमवती का हरण कर लिया. हेमवती एक विधवा थी और एक बच्चे की मां भी थी. उन्होंने चन्द्रदेव पर चरित्र हनन करने और जीवन नष्ट करने का आरोप लगाया.
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चन्द्रदेव को अपनी गलती का पश्चाताप हुआ और उन्होंने हेमवती को यह वचन दिया कि वो एक वीर पुत्र की मां बनेगी. हेमवती से चन्द्रदेव ने कहा कि वो अपने पुत्र को खजूरपूरा ले जाये. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उसका पुत्र एक महान राजा बनेगा. उन्होंने कहा कि यह महान राजा बनने के बाद ऐसे मंदिरों का निर्माण करवाएगा जो बाग और झीलों से घिरे हुए होंगे. चन्द्रदेव ने यह भी कहा कि वो राजा बनने के बाद वहां विशाल यज्ञ करेगा जिससे तुम्हारे सारे पाप धुल जायेंगे. चन्द्र की बातों को सुनकर हेमवती ने पुत्र को जन्म देने के लिए अपना घर छोड़ दिया इसके बाद उसने एक छोटे से गांव में पुत्र को जन्म दिया.
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हेमवती के पुत्र का नाम चन्द्रवर्मन था जो कि अपने पिता की तरह बहुत ही बहादुर, तेजस्वी और ताकतवर था. चन्द्रवर्मन 16 साल की उम्र में ही इतना शक्तिशाली था कि वो बिना किसी हथियार के शेर को मार सकता था. पुत्र की इस वीरता को देखकर चन्द्रदेव की आरधना की जिन्होंने चन्द्रवर्मन को पारस पत्थर भेंट किया और उसको खजुराहो का राजा बना दिया. पारस पत्थर की खास बात यह थी कि वो लोहे को सोने में बदल सकता था.
खजुराहो का राजा बनने के बाद चन्द्रवर्मन ने एक के बाद एक कई युद्ध लड़े जिसमें उसे विजय प्राप्त हुई. चन्द्रवर्मन ने कालिंजर नाम के विशाल किले का निर्माण भी करवाया और अपनी मां के कहने पर उसने खजुराहो में तालाबों और उद्यानों से घिरे हुए 85 अद्वितीय मंदिरों का निर्माण भी करवाया. इसके बाद उसने एक विशाल यज्ञ का आयोजन भी किया जिसने हेमवती को पाप से मुक्ति दिलाई. चन्द्रवर्मन अपने उत्तराधिकारियों के साथ मिलकर खजुराहो में अनेक मंदिर बनवाए.
खजुराहो का मंदिर करीब 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है.
यह हिन्दुओं का बेहद खास मंदिर है. इन मंदिरों की महत्वता इस बात से पता चलती है कि यूनेस्को ने इन्हें वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है.
खजुराहो के मंदिर दो भागो में बंटे हुए है. जिसमे से एक को वेस्टर्न ग्रुप और दूसरे को ईस्टर्न ग्रुप कहा जाता है.
वेस्टर्न ग्रुप में सबसे ज्यादा विशाल मंदिर है. यहां पर भगवान शिव और विष्णु के काफी ज्यादा मंदिर हैं. यहां पर स्थित जैन धर्म भी बेहद सुंदर है.
यहां स्थित कंदरिया महादेव मंदिर काफी विशाल और भव्य है.
यहां सूर्य मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और वाराह मंदिर भी देखने लायक हैं.
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एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल होने के नाते, खजुराहो तक पहुंचना काफी आसान है. खजुराहो का अपना घरेलू हवाई अड्डा है, जिसे खजुराहो हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन के रूप में जाना जाता है, जो इसे भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ता है. आइये जानते हैं विभिन्न माध्यम से खजुराहो कैसे पंहुचा जा सकता है.
By Train
खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर में है. खजुराहो का अपना रेलवे स्टेशन है, हालाँकि खजुराहो रेलवे स्टेशन भारत के कई शहरों से जुड़ा नहीं है. खजुराहो-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस नामक खजुराहो के लिए नई दिल्ली से एक नियमित ट्रेन है, जो खजुराहो पहुंचने के लिए लगभग 10 से 11 घंटे का समय लेती है.
By Flight
दिल्ली से खजुराहो कैसे पहुंचे यह एक बहुत ही सामान्य प्रश्न है. हालाँकि, यात्रियों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि खजुराहो हवाई अड्डा, जिसे सिविल एरोड्रम खजुराहो भी कहा जाता है, शहर के केंद्र से केवल छह किमी दूर है. दिल्ली से खजुराहो के लिए कम उड़ानें हैं क्योंकि यह छोटा घरेलू हवाई अड्डा भारत के कई शहरों से जुड़ा नहीं है, इसमें दिल्ली और वाराणसी से नियमित उड़ानें हैं. हवाई अड्डे के बाहर खजुराहो के लिए टैक्सी और ऑटो आसानी से उपलब्ध हैं. इसके अलावा आप मुंबई, भोपाल और वाराणसी से भी यहां पहुंच सकते हैं.
By Road
खजुराहो में मध्य प्रदेश के अन्य शहरों के साथ अच्छा सड़क संपर्क है. मध्य प्रदेश के आसपास और सतना (116 किमी), महोबा (70 किमी), झांसी (230 किमी), ग्वालियर (280 किमी), भोपाल (375 किमी) और इंदौर (565 किमी) जैसे शहरों से एमपी पर्यटन की कई सीधी बसें उपलब्ध हैं. एनएच 75 खजुराहो को इन सभी प्रमुख स्थलों से जोड़ता है. अगर आप रोड से खजुराहो जाना चाहते हैं तो, यह बिल्कुल भी समस्या वाला नहीं है क्योंकि खजुराहो तक पहुंचना काफी आसान है.
खजुराहो में होटल और रुकने की जगह: अगर आप यहां रुकने के व्यवस्था के बारे में भी जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आपको यहाँ टू स्टार से लेकर फाइव स्टार तक के होटल मिल जायेंगे. यहां मिलने वाले रूम की कीमत 1400 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक होती है. इस कीमत में आपको यहां बहुत ही अच्छे रूम मिल जायेंगे, जहां आप अपने परिवार के साथ रुक सकते हैं.
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