Mcleodganj Travel Blog : दोस्तों संग मस्ती करने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है मैकलोडगंज
Mcleodganj Travel Blog : हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में बसे हुए Mcleodganj ने तिब्बत और बौद्ध संस्कृति को अपने अंदर बसा लिया है। शिवालिक पर्वतों पर बसी हुई ये जगह स्वर्ग से थोड़ी भी कम नहीं है। बौद्ध मठों, खूबसूरत वादियों और बेहतरीन मौसम को ओढ़े हुए मैक्लोडगंज पर प्रकृति भी काफी ज्यादा मेहरबान है। यहां पर सन् 1959 में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा अपने हजारों अनुयाइयों के साथ तिब्बत से आकर रहने लगे थे। तिब्बत की राजधानी ल्हासा की तर्ज पर ही इस जगह को मिनी ल्हासा कहते हैं। यहां की सबसे मशहूर जगह दलाई लामा का मंदिर और उस से सटी नामग्याल मोनेस्ट्री है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से करीब 9 किलोमीटर दूर मशहूर पर्यटक स्थल Mcleodganj, जहां पर बारिश की जैसे ही कोई फुहार पड़ती है तो हर हिस्सा खुद ही खिल उठता है और अपने आप मन सैर करने के लिए मचलने लग जाता है।
how to reach Mcleodganj
दिल्ली से Mcleodganj की दूरी करीब 450 किलोमीटर की है। ट्रेन से आने वाले लोगों के लिए पठानकोट सबसे करीबी स्टेशन है, जहां से टैक्सी या बस के माध्यम से आप पहुंच सकते हैं। वहीं सड़क के रास्ते जाने वाले लोग चंडीगढ़ से होते हुए सीधे धर्मशाला और वहां से mcleodganj पहुंच सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी हवाई अड्डा भी पठानकोट का ही है।
Perfect time to travel mcleodganj
गर्मियों में मैकलॉडगंज जाने का सही समय मार्च से जून के बीच में है क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान 22°C-38°C के बीच में रहता है। साथ ही ये वक्त उनके लिए सबसे अच्छा है जो ट्रेकिंग और एडवेंचर के शौकीन है। वहीं सर्दियों में मैकलॉडगंज जाने का सही समय दिसम्बर से फरवरी है क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान जीरो डिग्री रहता है। सर्दी में ये जगह हनीमून कपल्स के लिए एकदम सही है।
घूमने के लिए कहां-कहां जाएं
Bhagsu Waterfall
ऊंचाई से गिरता हुआ पानी और आस-पास की हरियाली इस जगह को काफी ज्यादा खास बना देती है। इस झरने के पास ही भगवान शिव का ‘भाग्सू मंदिर’ भी बना हुआ है। मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि एक बार नागों के देवता और राजा भाग्सू के बीच इस झरने के पानी को लेकर लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में राजा की हार हो गई लेकिन नागों ने राजा को माफ कर दिया था और उन्हें उनका राज्य सौंप दिया था। इस लड़ाई के बाद ही राजा ने मंदिर बनवाया था और इस झील का पानी काफी मीठा होता है। उंचाई से पानी के गिरने की वजह से यहां पर एक अलग सा संगीत गूंजता है जिसे सुनने के लिए पर्यटक घंटों रुकते हैं।
St. John Church
Mcleodganj के पास बना हुआ ये चर्च काफी ज्यादा खूबसूरत है। इसे साल 1852 में बनाया गया था। ये चर्च Lord Elgin के वक्त में बना था। जंगलों में बने इस चर्च में क्रिसमस के दिन काफी ज्यादा भीड़ होती है और यहां पर लोग प्रार्थना करने आते हैं। जंगल के सन्नाटे में बजती चर्च की घंटियां पर्यटकों को बहुत लुभाती हैं।
Triund
त्रियुंड सैलानियों के बीच में ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है और यहां की चढ़ाई काफी कठिन है। यहां पर आने से पहले आप अपने आप को mcleodganj के मौसम के हिसाब से ढाल लें तभी आगे बढ़ें। धौलाधार की पहाड़ियों पर बर्फ जमी रहती है। इसलिए यहां पर आने से पहले सर्दी झेलने के लिए तैयार रहें। अगर आप मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील हैं तो दिसम्बर जनवरी में यहां की ट्रिप न बनायें। 4 घंटों की लगातार चढ़ाई के बाद हिमालय दिखना शुरू होता है और हर तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आती है। ऐसा लगता है कि किसी ने सफेद चादर से पहाड़ी को ढक दिया है। आराम करने के लिए यहां पर आप टेंट किराये पर ले सकते हैं।
Central Tibetan Secretariat
चीन का तिब्बत पर अवैध कब्जा है जिसके खिलाफ दलाई लामा और तिब्बती नागरिक लड़ाई लड़ रहे हैं। चीन की सरकार ने दलाई लामा और उनके समर्थकों को निर्वासन दिया है जिसके कारण वो भारत के शरणार्थी हैं। तिब्बत के चीन के कब्जे में होने की वजह से तिब्बत की सरकार भारत से चलाई जा रही है। तिब्बती संस्कृति और दर्शन को करीब से समझने के लिए यहां से अच्छी जगह कोई नहीं है। यहां भारत से चलने वाला तिब्बती सरकार का Headquarter भी है। Gangchen Kyishong, Tibetan Works और Archives की लाइब्रेरी है, जहां पर तिब्बती इतिहास की किताबों और धार्मिक हस्तलेखों को सुरक्षित रखा गया है।
Dalai lama temple
यहां का सबसे प्रमुख आकर्षण दलाई लामा मंदिर है जहां शाक्य मुनि, अवलोकितेश्वर और पद्मसंभव की मूर्तियां हैं। यहां भारत और तिब्बत की संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है। मार्च से जुलाई के बीच में यहां पर ज्यादा संख्या में सैलानी आते हैं। इन दिनों यहां का मौसम बेहद सुकून भरा होता है।
Sunset point
यहां के दलाई लामा के मंदिर से सनसेट का नजारा देखना अपने आप में अद्भूत है। ये नजारा देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पर आते हैं। यहां आने वाले सैलानी तो यहां शाम के समय तक जरूर रुकते हैं।
Brijeshwari temple
ब्रिजेश्वरी मंदिर शक्ति पीठो में से एक है। ये मां दुर्गा को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। साल 1905 में एक एक भूकम्प मे ये मंदिर क्षतिपूर्ण हो गया था, जिसके बाद अब इस मंदिर का रखरखाव सरकार के द्वारा किया जा रहा है।
minkini pass
त्रिउंड केअलावा टूरिस्ट मिनकीनी पास ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। इसकी ऊंचाई समुद्री तल से लगभग 14250 फीट है। इस ट्रेकिंग के जरिये आप धौलाधार पहाड़ियों से घिरे हुए mcleodganj को बखूबी निहार सकते हैं।