Pokhara Nepal Tour Guide: नेपाल में दुनिया के कुछ सबसे ऊंचे पहाड़ और कई खूबसूरत झीलें और नदियां हैं. नेपाल भौगोलिक विविधता (geographical diversity) का सबसे अच्छा नजारा पेश करता है. बात करें पोखरा की, तो इसे ‘नेपाल की पर्यटक राजधानी’ के रूप में जाना जाता है.
इस हिमालयी देश में, यह दूसरा सबसे बड़ा शहर है. झील के किनारे स्थित पोखरा और ओल्ड पोखरा, आर्थिक केंद्र भी हैं. एंडवेचर चाहने वालों के लिए पोखरा एक मशहूर ट्रेक स्पॉट है. पुराने पोखरा में कई दुकानें हैं जहां से पर्यटक प्रसिद्ध लकड़ी, हस्तशिल्प और ऊन के सामान खरीद सकते हैं. पोखरा में तिब्बती मिनी मार्केट एक प्रसिद्ध बाजार है.
समुद्र तल से 827 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान अपने आसपास की पर्वत श्रृंखलाओं के कुछ शानदार व्यू दिखाई देता है. पोखरा नेपाल में कुछ बहुत फेमस ट्रेक के प्रवेश द्वार के रूप में भी प्रसिद्ध है.
पोखरा में यहां के हवाईअड्डे से जुड़ी एक बदकिस्मती भी है. पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 15 जनवरी 2023 को 72 सीटों वाला एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें 70 से अधिक लोग मारे गए थे. यहां पर ये पहली दुर्घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार हो चुकी है.
मई, 2022 में नेपाली एयरलाइंस तारा एयर द्वारा संचालित एक विमान 9 एन-एईटी में सवार सभी 22 लोग, जिसमें 16 नेपाली, चार भारतीय और दो जर्मन थे, दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए थे. अप्रैल 2019 में सुलोखुंबु जिला के लुकला एयरपोर्ट पर एक विमान क्रैश हो गया. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.
मार्च 2018 में यूएस-बांग्ला एयरलाइंस का एक विमान काठमांडू के कुख्यात अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उसमें 51 लोगों की मौत हो गई थी. फरवरी 2016 में पोखरा से जोमसोम जा रहा विमान क्रैश हो गया था. इसमें सभी 23 यात्री की मौत हो गई थी. मई 2015 में भूकंप के बाद राहत और बचाव के काम में लगे अमरीकी सेना का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें छह अमरीकी सैनिक, दो नेपाली आर्मी अफसर और पांच नागरिकों की मौत हो गई थी.
आइए जानते हैं पोखरा (Pokhara Nepal Tour Guide) में घूमने की कुछ मशहूर जगहों के बारे में
फेवा झील नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी झील है और पोखरा आने वाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. यह एक मीठे पानी की झील है जो रानी बाण से घिरी हुई है. यहां, झील के क्रिस्टल साफ पानी में अन्नपूर्णा और धौलागिरी पर्वत श्रृंखलाओं का खूबसूरत प्रतिबिंब देखा जा सकता है.
हवाई अड्डे से 2 किमी की दूरी पर स्थित यह झरना पोखरा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है. नेपाली भाषा में इस झरने को ‘पटाले चांगो’ के नाम से जाना जाता है, जिसका अनुवाद ‘भूमिगत झरना’ के रूप में किया जाता है. इस झरने के बारे में एक असाधारण बात यह है कि यह अपने तल तक पहुंचते ही 500 फीट लंबी भूमिगत सुरंग बनाता है. इसका मतलब यह है कि इस झरने का पानी नदी या लैगून में नहीं बल्कि एक रहस्यमय अंधेरे छेद में बहता है जो अंततः गुफाओं में गायब हो जाता है.
इसे शांति पैगोडा के रूप में भी जाना जाता है, पोखरा का शांति स्तूप एक सुंदर बौद्ध स्मारक है जो अनाडू पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. मोरियोको सोनिन, एक निप्पोनज़न म्योहोजी भिक्षु द्वारा निर्मित, यह प्राचीन सफेद रंग का स्मारक पारंपरिक पगोडा स्थापत्य शैली का एक अच्छा उदाहरण है. यह देश का पहला और दुनिया का 71वां शांति शिवालय है. 115 फीट की ऊंचाई और 344 फीट के व्यास के साथ है और निश्चित रूप से पोखरा में घूमने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है.
म्यूज़ियम में अनोखी कलाकृतियों, रियल इक्विपमेंट, पर्वतों से जुड़ी अनसुनी कहानियां और फोटोज और कुछ ऐसे यात्रियों की तस्वीरें जो सबसे ऊंची माउंटेन रेंज तक पहुंच चुके हैं. म्यूज़ियम आपको हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बारे में बताएगा और 14 सबसे मशहूर व ऊँची चोटियों से परिचित करवाएगा. यह म्यूज़ियम मुख्य रूप से माउंटेनियर्स के क्षेत्र में हासिल की कई उपलब्धियों का रिकॉर्ड रखने के लिए बनाया गया है. यह देखने लायक जगह है, आप इसे अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें.
सारंगकोट एक छोटा सा गांव है जो पोखरा के बाहरी इलाके में स्थित है. यह अन्नपूर्णा, धौलागिरी और मानसलु पर्वत श्रृंखला और पोखरा घाटी के खूबसूरत व्यू के लिए जाना जाता है. समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान पैराग्लाइडिंग के लिए टेक-ऑफ साइट है. इसके अलावा, सारंगकोट दुनिया की सबसे तेज़ ज़िप लाइनों में से एक होने के लिए भी फेमस है. कुल मिलाकर, यदि आप नेपाल में कुछ रोमांच की तलाश में हैं, तो यह एक ऐसी जगह है जहाँ आपको अपनी यात्रा पर अवश्य जाना चाहिए.
यह एक तिब्बती बौद्ध मठ है जिसे लोगों को बौद्ध और तिब्बती कल्चर से अवगत कराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था. यह पोखरा, नेपाल में सबसे अधिक देखने वाली जगहों में से एक है. शांत वातावरण के साथ, यह मठ टूरिस्ट को शहरी जीवन की हलचल से दूर कुछ समय बिताने के दौरान मन की शांति पाने का मौका देता है.
बेगनास ताल पोखरा घाटी के पूर्वी किनारे पर स्थित मीठे पानी की झील है. फेवा झील के बाद, यह पोखरा घाटी में दूसरी सबसे बड़ी और नेपाल में तीसरी सबसे बड़ी झील है. यह झील पोखरा में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है. इस झील की पश्चिमी धारा पर बना खुदी खोला बांध जल स्तर को नियंत्रित करता है. यह सिंचाई का प्रमुख स्रोत है. बेगनास ताल के आसपास के दलदलों को हरे-भरे धान के खेतों में बदल दिया गया है, जबकि झील के कुछ हिस्सों का उपयोग मछली पालन के लिए किया जाता है. कुल मिलाकर यह झील स्थानीय लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत के रूप में काम करती है.
यह पोखरा शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. यह मंदिर काली के अवतार, देवी बिंध्यबासिनी को समर्पित है, और बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं. माना जाता है कि 18वीं शताब्दी के अंत में इस मंदिर का निर्माण राजा पृथ्वी नारायण शाह ने करवाया था. आज के समय में, यह मंदिर महान धार्मिक महत्व रखता है और पोखरा में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है.
गुप्तेश्वर महादेव डेविस फॉल्स के पास स्थित एक गुफा मंदिर है. यह वह स्थान है जहां सेटी नदी जमीन से निकलती है. भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर 16वीं शताब्दी के आसपास पाया गया था और वर्तमान समय में, यह पोखरा में दर्शनीय स्थलों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है. यहां, कोई भी स्वयं-उभरते शिवलिंग को उस स्थिति में देख सकता है, जहां यह मूल रूप से पाया गया था, और यह शिवलिंग लगभग 3 किमी लंबी गुफा में स्थित है.
चमेरे गुफा के रूप में भी जानी जाने वाली बैट गुफा पोखरा के कास्की जिले में स्थित एक गुफा है. जैसा कि नाम से पता चलता है, इस गुफा के अंधेरे और नम कक्षों की छत और दीवारों से हजारों चमगादड़ उल्टे लटके हुए मिल सकते हैं. घोड़े की नाल वाले चमगादड़ों के आवास के लिए जानी जाने वाली यह गुफा नेपाल के पोखरा में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बन गई है.
कोई भी 150 नेपाली रुपये का प्रवेश शुल्क देकर इस गुफा में जा सकता है, शूरू में पर्यटकों को एक मशाल दी जाती है, जिसके उपयोग से वे एक बार गुफा के अंदर अपना रास्ता बना सकते हैं. एक्जिट प्वॉइंट तक पहुंचने में लगभग 10 मिनट लगते हैं.
यह अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला में एक टफ लेकिन लोकप्रिय हिमालयी ट्रेक है. यह पगडंडी आपको बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों और कई मठों से घिरी धुंध भरी घाटियों की अद्वितीय सुंदरता को देखने का मौका देगी. अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंख्ला में यह हिमालय ट्रैक का सबसे मशहूर स्थान है जो ट्रैकर व माउंटेनियर्स का मुख्य केंद्र है. पर्वत की ऊंचाई छूने के एक अलग ही अनोखा-सा अनुभव होता है. उसी अनुभव को पर्यटक यहाम जीने आते है. अपने साथ कैमरा लेकर जाए और अधिक-से-अधिक तस्वीरों को बटोरकर अपने साथ लेकर आए. ता
सेटी गंडकी नदी नेपाल की सबसे पवित्र नदी में से एक है. इस नदी की भगवान् विष्णु के रूप में पूजा की जाती है. यह नदी बेहद खास इसलिए है क्योंकि कई पवित्र स्थानों के करीब है. महाभारत में भी इस नदी के जिक्र किया गया है. यहां जाने के बाद आप झिझिरका गांव के सुंदर दृश्यों का मजा ले सकते है. यह नदी त्रिसुली नदी में मिलती है.
पोखरा के टॉप पर्यटन स्थल में इस मंदिर का नाम भी शामिल हैं. इसके अन्य नाम है – झील मंदिर व वराही मंदिर. यह मंदिर वराही देवी को संमर्पित है जिन्हें माँ दुर्गा का ही रूप माना जाता है. यह दो मंज़िला पगोड़ा मंदिर है जो फेवा झील के छोटे-से द्वीप पर स्थित है. इस मंदिर की मान्यता हिन्दूओं व बौद्धिष्टों, दोनों के बीच है. यह मंदिर अराधना का केन्द्र है. इसकी मुख्य मूर्ति पारंपरिकता की झलक बिखेरती है जो लकड़ी, ईंट व पत्थर से बनी है. यह मान्यता है कि माँ दुर्गा ने वराही का अवतार राक्षसों को मारने के लिए लिया था. यह मंदिर शक्ति का प्रतीक है.
पर्यटन की शुरुआत के साथ, पोखरा काफी विकसित हुआ है. कुछ बदलाव निश्चित रूप से फायदेमंद थे लेकिन पोखरा का असली आकर्षण खो गया है और जो सामने दिख रहा है वह यातायात और भीड़ है. एक क्षेत्र में, जिसे ओल्ड पोखरा के नाम से जाना जाता है, स्थानीय लोगों ने किसी तरह पोखरा के पुराने शहर की अपील को बनाए रखा है. पुराने पोखरा में, मोर्डनाईजेशन की चपेट में आने से पहले यह कैसा था, इसकी एक झलक मिल सकती है.
पोखरा झील के किनारे स्मारिका दुकानों (विशेष रूप से चाय की दुकानों) से भरा हुआ है और आप घर वापस परिवार और दोस्तों के लिए बहुत सारे गिफ्ट्स ले सकते हैं.
पोखरा साल भर में कभी भी जा सकते हैं, क्योंकि इस जगह पर अलग-अलग मौसम में अलग-अलग चीजें मिलती हैं. हालांकि, पोखरा जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल और सितंबर से नवंबर तक है. इन महीनों के दौरान, टूरिस्ट प्लेसों की यात्रा, ट्रेकिंग और अन्य आउटडोर एक्टिविटी के लिए टेंपरेचर एकदम सही रहता है. मानसून के मौसम में इस जगह पर जाने से बचना बेहतर है क्योंकि उस समय पोखरा में भारी वर्षा होती है.
जीवन में कम से कम एक बार पोखरा जैसी जगह तो जरूर घूमनी चाहिए.
पोखरा का अपना एक डोमेस्टिक हवाई अड्डा है, लेकिन आपको काठमांडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधी उड़ान लेकर वहां पहुंचना होगाय पोखरा हवाई अड्डा काठमांडू और पोखरा के बीच प्रतिदिन उड़ानें चलती है. यदि आप हवाई जहाज चुनते हैं तो केवल 40 मिनट में आप काठमांडू से पोखरा पहुंच सकते हैं.
पोखरा पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी सबसे अच्छा ऑप्शन है. यह शहर सड़क मार्ग से आसपास के शहरों और राजधानी काठमांडू से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. पोखरा पहुंचने के लिए आप काठमांडू से आसानी से बस चुन सकते हैं. भारत से भी आप सड़क मार्ग से पोखरा पहुंच सकते हैं. खूबसूरत जगह पोखरा की सड़क यात्रा के अनुभव का आनंद लेने के लिए यह सबसे अच्छा ऑप्शन है.
पोखरा पहुंचने के लिए कोई सीधा ट्रेन से ऑप्शन नहीं है. अधिक ऊंचाई वाला शहर होने के कारण रेलवे सीधे पोखरा से नहीं जुड़ा है. क्रॉसिंग बॉर्डर तक, आप ट्रेनों के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं.
भारत नेपाल का नजदीकी और अच्छी तरह से जुड़ा हुआ देश है इसलिए भारत से आप अलग-अलग तरीकों से आसानी से पोखरा पहुंच सकते हैं. आइए नजर डालते हैं कि वे क्या हैं,
दिल्ली से, आपके पास सीधी उड़ानें और बस ऑप्शन हो सकते हैं. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली से एक सप्ताह में पोखरा और दिल्ली के बीच 8 उड़ानें चलाई जाती है. बस के माध्यम से, आप सीधी बस ले सकते हैं लेकिन पहुंचने में लगभग 20 घंटे लगते हैं. अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आपको गोरखपुर जाने के लिए ट्रेन लेनी होगी. वहां से आपको सुनौली सीमा तक पहुंचना होगा, फिर आप पोखरा के लिए दूसरी बस ले सकते हैं.
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