Bhimtal Trip : भीमताल (Bhimtal) उत्तराखंड के नैनीताल जिले (Nanital District) में समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक शहर है. ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 1814 और 1816 के बीच हुए एंग्लो-नेपाली युद्ध के बाद इस शहर पर ब्रिटिश लोगों का शासन था. अपने पड़ोसी शहर नैनीताल से भी पुराना, भीमताल अभी भी काठगोदाम (Kathgodam), कुमाऊं हिल्स (Kumaon Hills), नेपाल को जोड़ने वाली पुरानी सड़क जुड़ती है.
यह भी कहा जाता है कि भीमताल कभी प्रसिद्ध प्राचीन रेशम मार्ग (Resham Route) का हिस्सा था. अब नैनीताल जिले का एक छोटा मुख्यालय है. इस प्राचीन शहर का नाम पौराणिक भीम के नाम पर रखा गया है, जो पांडवों (पांच भाइयों के साथ-साथ हिंदू महाकाव्य महाभारत के प्रसिद्ध पौराणिक पात्रों) में से एक थे. माना जाता है कि भीमेश्वर मंदिर इस क्षेत्र में बनाया गया था जब भीम पांडवों के निर्वासन के दौरान यहां आए थे.
भीमताल में पर्यटक विक्टोरिया बांध को देख सकते हैं, जो भीमताल झील के अंत में स्थित है. बांध लुभावने दृश्य समेटे हुए है. पर्यटक एक एक्वेरियम भी देख सकते हैं जो भीमताल झील के द्वीप पर स्थित है. झील कई ट्रांस हिमालयन पक्षियों को आकर्षित करती है. टूरिस्ट यहां बोटिंग भी कर सकते हैं.
यहां एक मंदिर है जिसे कक्रोता नाग मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह नाग देवता, कर्कोटक महाराज को समर्पित है. ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर इस मंदिर में कई भक्त आते हैं. लोक संस्कृति का म्यूजियम रॉक कला, लोक चित्रों, पुरातात्विक वस्तुओं और प्राचीन पांडुलिपियों की छवियों को प्रदर्शित करता है.
पर्यटक म्यूजियम में देवी-देवताओं के कई चित्र भी देख सकते हैं. पर्यटक सत्तल भी जा सकते हैं, जो भीमताल से 3 किमी की दूरी पर स्थित है. यह सात झीलों में गिना जाता है. सत्तल प्रवासी पक्षियों और कई प्रजातियों की तितली के लिए भी मशहूर है.
किंगफिशर, भूरे सिर वाले बारबेट्स, ब्लू व्हिसलिंग-थ्रश, इंडियन ट्री पीज़ और रेड-बिल्ड ब्लू मैगपाई जैसे पक्षी आमतौर पर यहां देखे जाते हैं. इस क्षेत्र में स्तनधारियों और तितलियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं.
इस झील के पास एक पहाड़ी है जिसे हिडिम्बा पर्वत के नाम से जाना जाता है. मान्यता के अनुसार, पहाड़ी का नाम राक्षस हिडिम्बा से लिया गया है, जो महान महाकाव्य ‘महाभारत’ का एक पौराणिक चरित्र है. वर्तमान में, एक साधु के साथ-साथ एक पर्यावरणविद्, वनखंडी महाराज पहाड़ी में रहते हैं. उन्होंने पहाड़ी के चारों ओर एक वन्यजीव अभयारण्य भी बनाया है. अब यह क्षेत्र वनखंडी आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है.
विक्टोरिया डैम भीमताल झील के अंत में स्थित एक 40 फीट ऊंचा डैम है. बांध के दोनों ओर सीढ़ीदार फूलों के बगीचे हैं. यह डैम पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला व्यू दिखाता है. घाटी के सुंदर जंगली फूल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. भगवान शिव को समर्पित भीमेश्वर मंदिर बांध के बगल में स्थित है.
सातताल हिमालय की निचली रेंज में एक अट्रैक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है और समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह साइट एक दूसरे से जुड़ी हुई सात खूबसूरत झीलों को देखने का अवसर प्रदान करती है. इन सात झीलों के नाम गरुड़ ताल, पूर्ण ताल, सीता ताल, राम ताल, लक्ष्मण ताल, नल दमयंती ताल और सुखा ताल हैं. सत्तल मेहरागांव घाटी में स्थित है और ओक के जंगलों से घिरा हुआ है. यह ब्रिटिश शासन के दौरान चाय बागान के लिए भी प्रसिद्ध था.
समुद्र तल से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित भीमताल झील, नैनीताल के आसपास की सबसे बड़ी प्राकृतिक झीलों में से एक है. इसका नाम पांडवों के भाइयों में से एक भीम के नाम पर पड़ा. झील, जो नैनीताल से 22 किमी की दूरी पर स्थित है, पैडलिंग और बौटिंग सुविधाएं हैं.
यह स्थान कई जलीय प्रजातियों को भी आप देख सकते हैं. कई ट्रांस हिमालयन और दूसरे पक्षियों जैसे काले ईगल, दीवार लता पक्षी, तावी मछली उल्लू, बुलबुल और पन्ना कबूतर को भी यह जगह आकर्षित करती है.
झील के केंद्र में तट से 91 मीटर की दूरी पर एक बड़ा द्वीप है. पर्यटक शानदार एक्वेरियम को देखने के लिए नाव से द्वीप तक पहुंच सकते हैं, जिसमें चीन, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका की कई दुर्लभ मछलियां हैं. इस जगह को घेरे हुए कुमाऊंनी पहाड़ियां शानदार व्यू दिखाई देते हैं.
एक पुराना नाग मंदिर कर्कोटक पहाड़ियों पर स्थित है. यह मंदिर नाग देवता नाग कर्कोटक महाराज को समर्पित है. पहाड़ी का नाम पौराणिक कोबरा कर्कोटक से लिया गया है. ऋषि पंचमी के अवसर पर, कई भक्त इस मंदिर में अपनी प्रार्थना करने के लिए आते हैं. किंवदंतियों के अनुसार नाग देवता सांप के काटने से मूल निवासियों की रक्षा करते हैं.
भीमताल के लोक कल्चर म्यूजियम की खासी चर्चा है. आगंतुक तस्वीरों के विशाल संग्रह के साथ कुछ कीमती कलाकृतियों को भी देख सकते हैं. म्युजियम में विभिन्न पुरातात्विक वस्तुओं और रॉक कलाओं का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसे उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के एकमात्र उद्देश्य से स्थापित किया गया था. पर्यटक यहां लोक पेंटिंग, लकड़ी की कलाकृतियां, प्राचीन पांडुलिपियां, देवी-देवताओं के चित्र, कृषि उपकरण और वेशभूषा भी देख सकते हैं.
भीमताल हवाई, ट्रेन और बस द्वारा पहुंचा जा सकता है. नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर हवाई अड्डा (Pantnagar Airport) है जो नियमित उड़ानों द्वारा नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन (Kathgodam Railway Station) से भी ट्रेनें उपलब्ध हैं.
यह रेलहेड भीमताल से 21 किमी की दूरी पर स्थित है. जगह पर पहुंचने का सबसे सुविधाजनक तरीका बस है. नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भीमताल के लिए बस मिलती हैं. दिल्ली शहर भीमताल से आलीशान पर्यटक बसों द्वारा भी जुड़ा हुआ है.
भीमताल का मौसम गर्मी, मॉनसून और सर्दी हैं. गर्मी के मौसम में अधिकतम और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है
मॉनसून के दौरान, भीमताल में भारी वर्षा होती है. यहां बर्फीली सर्दियां नवंबर के महीने में शुरू होती हैं और फरवरी तक रहती हैं. न्यूनतम तापमान -3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इसलिए, भीमताल की यात्रा की योजना बना रहे पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वह गर्मियों के दौरान ही इस जगह की यात्रा करें.
Amrit Udyan Open : राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान (जिसे पहले मुगल गार्डन… Read More
Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More
Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है. यह… Read More
Prayagraj Travel Blog : क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More
10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More
Mirza Nazaf Khan भारत के इतिहास में एक बहादुर सैन्य जनरल रहे हैं. आइए आज… Read More