Kirat Lake : महोबा के कीरत सागर में मिली पारस पत्थर की कहानी
Kirat Lake : महोबा (Mahoba) चंदेल राजपूतों की राजधानी थी, जिन्होंने 10वीं से 16वीं शताब्दी तक बुंदेलखंड पर शासन किया था. चंदेल राजा विजयपाल (1035-1045) ने विजय-सागर जलाशय का निर्माण किया. चंदेल शासकों द्वारा बनाई गई महोबा में कई झीलें हैं राजा परमर्दी के शासनकाल के दौरान, दिल्ली और अजमेर के चौहान राजा पृथ्वीराज चौहान ने महोबा पर कब्जा कर लिया. 1182 में अपने सेनापतियों आल्हा और उदल के बल पर चंदेलों ने कुछ साल बाद महोबा पर फिर से कब्जा कर लिया, लेकिन 1203 में मुस्लिम जनरल कुतुब-उद-दीन ऐबक ने शहर पर कब्जा कर लिया.
कीरत सागर (Kirat Lake) महोबा शहर का एक हिस्टोरिकल प्लेस है. यह एक बहुत बड़ी झील है. यह झील मुख्य महोबा शहर में स्थित है.यह झील बहुत खूबसूरत है. कीरत सागर झील के किनारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं. यहां पर शिव मंदिर बना हुआ है. कीरत झील का निर्माण चंदेल वंश के राजा कीर्ति वर्मन के द्वारा किया गया था.
इस झील का निर्माण 1060 से 1100 ईसवी के मध्य करवाया गया है. यह झील करीब 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. इस झील के किनारे सीढ़ियां और घाट बनाए गए हैं. इस झील के पास में ही पृथ्वीराज चौहान और परमार राजा का युद्ध हुआ था. यहां पर कजरी मेला लगता है, जिसमें बहुत सारे लोग आते हैं और यह मेला बहुत फेमस है.
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कीरत झील (Kirat Lake) के पास गार्डन बना हुआ है, जहां पर चेयर लगी हुई है. जहां पर आप बैठकर झील का सुंदर दृश्य देख सकते हैं. यहां पर आई लव महोबा का सेल्फी प्वाइंट बना हुआ है, जहां पर आप सेल्फी खिंचा सकते हैं. यहां पर आप अच्छा समय बिता सकते हैं.
कीरत झील और पारस पथर|| Kirat Lake and Paras Pathar
ऐसा कहा जाता है कि चंदेल शासकों के पास पारस पथर था. जिसके बारे में कहा जाता था कि जिसके छूने से लोहा सोना बन जाता था. दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान ने हार का बदला लेने के लिए महोबा में चढ़ाई कर दी थी. तब राजा परमाल ने पारस पथर (Paras Pathar)को कीरत सागर के गहरे पानी में फिकवा दिया था.हालांकि आज भी इस बात का कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं मिलता है.
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