Tawang Tour Guide : हिमालय में बसा तवांग, अरुणाचल प्रदेश (Tawang in Arunachal Pradesh) का एक छोटा हिल स्टेशन है और इसे नॉर्थ ईस्ट भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है. अगर आप तवांग जाने का प्लान कर रहे हैं, तो इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी मिलेगी.
तवांग अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से 450 किमी दूर स्थित है. तवांग कई खूबसूरत मठों के लिए जाना जाता है और छठे दलाई लामा का जन्म इसी फेमस शहर तवांग (6th Dalai Lama born in Tawang) में हुआ था. तवांग का खूबसूरत शहर, जिसे दावांग के नाम से भी जाना जाता है.
तवांग मठ बौद्धों के लिए सबसे लोकप्रिय और पवित्र जगह है. तवांग एक ऐसी जगह है जो अध्यात्म की खुशबू में लिपटी अपनी नेचर की खूबसूरती से आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. तवांग नेचर प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है. यहां हम आपको तवांग घूमने की पूरी जानकारी (Tawang Tour Guide) देने जा रहे हैं. अगर आप तवांग घूमने जा रहे हैं तो आप इन सभी जगहों पर जा सकते हैं जिनकी जानकारी हम दे रहे हैं.
ऐसा कहा जाता है कि तवांग पर 500 ईसा पूर्व से 600 ईस्वी तक ल्होमोंस या मोन्युल्स का शासन था. तवांग नाम का अर्थ है ‘चुना हुआ घोड़ा’. 1962 के चीन-भारतीय युद्ध के दौरान तवांग कुछ समय के लिए चीनी नियंत्रण में आ गया, लेकिन युद्ध के अंत तक चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया, जिसके कारण तवांग पर फिर से भारत का दावा हो गया. तवांग जिले का गठन 1989 में अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले से अलग होने के बाद हुआ था.
सेला पास अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए एक जीवन रेखा है क्योंकि यह एकमात्र रास्ता है जो राज्य के तवांग जिले को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. सेला माउंटेन पास किसी स्वर्ग की तरह है. यहां की सुंदरता को देखकर पर्यटक खुश हो जाते हैं. ठंड के मौसम में सेला पर्वत श्रृंखला पर बर्फ की सफेद चादर बिछ जाती है.
साल के अधिकतर समय यह जगह बर्फ से ढंका होता है. हिमालय पर्वत श्रृंखला के इस पूर्वी हिस्से का बौद्ध धर्म में खास महत्व है. ऐसा माना जाता है कि सेला पास और आसपास में करीब 101 झील है और इनमें से हर एक झील का बौद्ध समुदाय में विशेष धार्मिक महत्व है.
चूंकि ठंड में सेला पास में भारी बर्फबारी नहीं होती है, इसलिए यह पूरे साल खुला रहता है. हालांकि कभी-कभार जमीन के खिसकने के कारण इसे अस्थाई तौर पर बंद कर दिया जाता है.
तवांग मठ अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के कोना में स्थित है. तवांग मठ जिसे गोल्डन नामग्याल ल्हात्से के नाम से भी जाना जाता है और यह अरुणाचल प्रदेश के रत्नों में से एक है.
इसे दुनिया के दूसरे सबसे प्रतिष्ठित मठों में गिना जाता है. यह मठ सबसे मेजर अट्रेक्शन में से एक है. यहां भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति जो 8 मीटर ऊंची है. हिमालय पर्वतमाला के बीच स्थित तवांग-चू घाटी का खूबसूरत व्यू यहां से दिखाई देता है.
नूरानांग फॉल्स तवांग शहर से 80 किमी दूर स्थित है. नूरानांग जलप्रपात देश के सबसे शानदार झरनों में से एक है, यह पानी की एक सुंदर सफेद चादर है जो लगभग 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता है.
फॉल्स पर आप आसपास के क्षेत्रों के लिए बिजली पैदा करने वाले हाइडल प्लांट की यात्रा कर सकते हैं. आप तवांग शहर से बस या टैक्सी बुक करके आराम से यहां पहुंच सकता है.
माधुरी झील तवांग से सिर्फ 30 किमी उत्तर-पूर्व में समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. माधुरी झील देश की सबसे दूरस्थ झीलों में से एक है और शायद दुनिया में भी. झील को बॉलीवुड फिल्म कोयला में दिखाया गया था जिसके बाद यह झील और फेमस हो गई.
तवांग युद्ध स्मारक तवांग शहर से 25 किमी की दूरी पर स्थित है. स्मारक 40 फीट की रंगीन संरचना है. युद्ध स्मारक 1962 के भारत-चीन युद्ध के सभी शहीदों को समर्पित है. हिमालय की खूबसूरत चोटियों की गोद में बसा यह स्मारक तवांग-चू घाटी का खूबसूरत नजारा देता है. जब आप तवांग में हों तो तवांग युद्ध स्मारक अवश्य जाना चाहिए.
गोरीचेन पीक अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है और यह तवांग से 164 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह पीक समुद्र तल से 22,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. चोटी को स्थानीय रूप से सा-नगा फु के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है देवता का राज्य.
अगर आप तवांग में हैं तो इस चोटी पर ट्रेकिंग और माउंटेनिग का मजा ले सकते हैं. यह चोटी अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच स्थित है. आप तवांग से बस या टैक्सी से यह पीक पर पहुंच सकते है.
पेंग टेंग त्सो झील तवांग शहर से लगभग 25 किमी दूर स्थित है, यह स्थान एक परफेक्ट टूरिस्ट प्लेस है. इस झील का शांत पानी और हिमालय का शानदार व्यू यहां से दिखता है. यह झील एक खूबसूरत टूरिस्ट अट्रेक्शन है जिसे आपको तवांग में देखने से नहीं चूकना चाहिए. आप तवांग से बस या टैक्सी से झील तक पहुंच सकते है.
आपको बता दें कि तवांग जाने के लिए आपको इनर लाइन परमिट की जरूरत होगी. तवांग में यात्रा करने के लिए इनर लाइन परमिट के लिए गुवाहाटी या तेजपुर में अरुणाचल के रेजिडेंट कमिश्नर के ऑफिस से संपर्क करना होगा.
तवांग जाने के समय स्टेट बॉर्डर क्रॉसिंग पर इनर लाइन परमिट की जांच होती है. आप अरुणाचल की आधिकारिक वेबसाइट arunachalilp.com से ऑनलाइन भी इनर लाइन परमिट बना सकते हैं.
तवांग घूमने के लिए मार्च से सितंबर का समय सबसे अच्छा है. तवांग गर्मियों और मानसून के मौसम के दौरान घूमने की एक परफेक्ट जगह है. अगर आप बर्फबारी के दौरान तवांग जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि नवंबर से जनवरी के बीच से काफी बर्फबारी होती है. उसी दौरान तापमान 1-3 डिग्री सेल्सियस हो जाता है.
अगर आपने तवांग जाने के लिए ट्रेन को चुना है तो आपको बता दें कि तवांग का नजदीकी रेलवे स्टेशन तेजपुर रेलवे स्टेशन है जो तवांग से 330 किमी की दूरी पर स्थित है. आप असम के किसी भी शहर से ट्रेन से तेजपुर पहुंच सकते हैं. स्टेशन पहुंचने के बाद आप स्टेशन के बाहर से टैक्सी या अरुणाचल के लोकल ट्रांसपोर्ट (APSTC) से तवांग पहुंच सकते हैं.
अगर आपने तवांग जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो आपको बता दें कि तवांग उत्तर-पूर्व के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. तवांग पहुंचने के लिए आप असम के तेजपुर शहर से बस या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं.
अगर आप तवांग फ्लाइट से जा रहे हैं तो आपको बता दें कि गुवाहाटी हवाई अड्डा नजदीकी हवाई अड्डा है और देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. हवाई अड्डे से आप तवांग तक आगे की यात्रा के लिए तेजपुर तक कार या बस किराए पर ले सकते हैं. तेजपुर से आप टाटा सूमो या बस से तवांग तक जा सकते हैं.
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