Sach Pass Adventure Tour : स्नो फाल किसे पसंद नहीं होता, लेकिन स्नोफाल देखने के लिए हम सभी कड़ाके की ठंड यानी दिसम्बर-जनवरी का इंतजार करना होता है. लेकिन एक जगह है जहां आप गर्मियों में भी बर्फबारी का जमकर मजा ले सकते हैं. इस जगह का नाम सच पास जहां आप बर्फबारी का मजा जुलाई से अक्टूबर तक ले सकते हैं. उत्तर भारत की गर्मी से राहत चाहिए तो साच पास जरूर जायें.
सच पास हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थल रोहतांग से भी कई गुना खूबसूरत है.जून-जुलाई के महीने में इस खूबसूरत पर्यटन स्थल पर बर्फ की मोटी चादर देखी जा रही है जिसकी ऊंचाई 10 से 15 फीट तक है. यहां आप बर्फबारी का जमकर मजा उठा सकते हैं.
सच पास हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले पीर पंजाल रेंज के पास में स्थित है जोकि समुद्री ऊंचाई से 14,500 फीट पर स्थित है.यह चंबा घाटी को हिमाचल प्रदेश, भारत के पंगी घाटियों से जोड़ता है.
यह पर्यटकों के घूमने के लिए लास्ट जून में खुलता है और अक्टूबर में बंद होता है. इस बीच यहां पर्यटकों की खूब आवाजाही रहती है. इसके साथ ही अप यहां भीषण गर्मी में भी बर्फबारी का मजा ले सकते हैं.
सच पास ट्रेक हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हिमालय के पीर पंजाल में स्थित है. सच पास ट्रेक हिमाचल में मुश्किल ट्रेक में से एक है जो लाहौल और पांगी घाटियों को चंबा घाटी से जोड़ता है. यहां केवल वही लोग जा सकते हैं जो अपने जीवन में असली एडवेंचर के तलाश में रहते हैं.
सैक दर्रा सबसे पुराना रास्ता है जिसका उपयोग स्थानीय ग्रामीणों द्वारा चंबा घाटी से पांगी घाटी या इसके अपोजिट पार करने के लिए किया जाता था. यह खूबसूरत ट्रेकिंग ट्रेल हर साल कई ट्रेकर्स को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है. सच पास ट्रेकिंग ट्रेल हरे भरे व्यू, घने जंगलों, पुरानी बस्तियों और कुछ फलों के बागों के माध्यम से अपना रास्ता बनाता है.
सच पास ट्रेक जून/जुलाई से अक्टूबर तक खुला रहता है और सच पास ट्रेक की यात्रा का सबसे अच्छा समय सितंबर के महीने में है. जून में, बर्फ देखने की काफी संभावनाएं हैं लेकिन सड़कों की स्थिति खराब हो सकती है. लैंडस्लाइड और बादल फटने की भारी संभावनाओं वाले क्षेत्र में भारी मानसून के कारण मानसून में यात्रा करने से बचें.
धर्मशाला पहुंचें, धर्मशाला से चंबा के लिए अपनी ड्राइव शुरू करें. यह हिमाचल प्रदेश का सबसे पश्चिमी भाग है, यहां उत्तर में चिनाब और दक्षिण में रावी बहती है. रात का खाना और रात भर चंबा में रुकना.
नाश्ते के बाद, त्रैला की यात्रा शुरू करें. पांगी घाटी में दोपहर का भोजन. फिर शाम तक त्रैला पहुंचें, रात का खाना और रात भर ट्रैला में रुकें.
नाश्ते के बाद, सतरुंडी के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. ट्रेकिंग ट्रेल आपको गांव भनोदी के बीच से ले जाता है. भनोदी में दोपहर का भोजन करें और सतरुंडी के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. रात का खाना और रात भर सतरुंडी में रुकना.
नाश्ते के बाद, बिंद्राबनी के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. सतरुंडी से पगडंडी ऊपर की ओर है, लेकिन ऊपर आपको पीर पंजाल रेंज, बर्फ से ढके पहाड़ों और लटकते ग्लेशियरों के व्यू दिखाई देंगे. रास्ते में दोपहर का भोजन करें और फिर बिंदरपानी के ग्लेशियरों को पार करें. रात का खाना और रात को बिंदरपानी में रुकना.
नाश्ते के बाद, किलार के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. ट्रेकिंग ट्रेल आपको 2400 मीटर की ऊंचाई पर चिनाब नदी की एक गहरी और संकरी घाटी में ज़िग-ज़ैग ट्रेल के बीच से ले जाती है. यहां अपने कैंप लगाएं और दिन, रात का खाना और रात भर किल्लार में रुकें.
नाश्ते के बाद पुरथि के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. पुरथि एक खूबसूरत जगह है जो अपनी वन नर्सरी और एक गेस्ट हाउस के लिए फेमस है. ट्रेक पर कुछ पड़ावों के दौरान अपना लंच पैक करें. रात का खाना और रात भर पुरथि में रुकना.
नाश्ते के बाद, पूर्ति से रावली के लिए अपना ट्रेक शुरू करें. ट्रेक 14 किमी लंबा है जिसे पूरा करने में 5 से 6 घंटे लगते हैं. रात का खाना और रात भर रावली में रुकना.
नाश्ते के बाद, केलांग होते हुए मनाली की यात्रा शुरू करें.
सच पास ट्रेक ट्रेकिंग, हाई एल्टीट्यूड ट्रेक, कैम्पिंग के नाम से टूरिस्टों के बीच फेमस है.
सच पास ट्रेक विदेशियों, फ्रेंडस के साथ आने के लिए परफेक्ट जगह है.
साच पास जाने के लिए पठानकोट से बनीखेत से या चुवाड़ी-जोत से होते हुए पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा आप लाहुल-स्पीति या जम्मू कश्मीर होते हुए भी आप पांगी जा सकते हैं. यहां से साच पास की दूरी बहुत कम है.पठानकोट से बस या टैक्सी से बनीखेत करीबन 212 किमी दूर है.जिल मुख्यालय से साच पास की दूरी 119 किमी है.कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट से साच पास की दूरी करीब 238 किलोमीटर है.
चम्बा-127किमी
डलहौजी-175किमी
पठानकोट-246किमी
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