Rohtang Pass Adventure Tour Guide : रोहतांग दर्रा, ‘दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ी रास्ता है, जो गर्मियों के दौरान पर्यटकों से भरा रहता है. यह दर्रा मनाली से 51 किमी दूर स्थित है और कुल्लू को लाहौल और स्पीति से जोड़ता है. रोहतांग दर्रा समुद्र तल से 4111 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से पहाड़ों, प्राकृतिक व्यू और ग्लेशियरों का सुंदर व्यू दिखाई देता है.
रोहतांग दर्रा एक ट्रेक बेस के रूप में काम करता है. पर्यटक इस स्थल पर माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग और स्कीइंग जैसी एक्टिविटी कर सकते हैं. यह दर्रा मई के महीने में पर्यटकों के लिए खुलता है और भारी बर्फबारी के कारण सितंबर में बंद हो जाता है. बर्फबारी और तेज रफ्तार हवाओं के कारण रोहतांग दर्रे से यात्रा खतरनाक हो सकती है. जोजिला दर्रे की तरह, रोहतांग भी लद्दाख के प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है.
रोहतांग नाम का अर्थ ‘लाशों का मैदान’ है. रोहतांग दर्रा हिमालय की पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर है.
अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाने वाला रोहतांग दर्रा भारत के लिए सैन्य महत्व रखता है. दर्रा ग्लेशियरों, चोटियों, लाहौल घाटी और चंद्रा नदी के खूबसूरत व्यू दिखाई देते हैं. रोहतांग से गेपन की जुड़वां चोटियां भी दिखाई देती हैं. दर्रा चिनाब नदी और ब्यास नदी के जल घाटियों के बीच वाटरशेड पर है.
रोहतांग जून से अक्टूबर तक खुला रहता है. हालांकि, ट्रेकर्स वाहनों के आवागमन के लिए खुलने से पहले ही पास के लिए निकल पड़ते हैं. मनाली, कुल्लू, लेह और आसपास के क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों के यात्रा कार्यक्रमों में रोहतांग दर्रा उच्च स्थान पर है. सड़क जाम से भरी रहती है. व्यू प्वांइट की यात्रा के अलावा, पर्यटक स्लेज राइड और स्कीइंग का भी आनंद ले सकते हैं. स्की सेट और स्लेज किराए मिलते हैं.
रोहतांग दर्रे में रहने का कोई ऑप्शन नहीं हैं जब तक कि आप अपना तम्बू नहीं लाते और सड़क के किनारे कैंप नहीं लगाते. मनाली नजदीक में बड़ा शहर है, यहां बहुत सारे होटल के ऑप्शन मिल जाएंगे. यहां लक्जरी रिसॉर्ट, नदी के किनारे कॉटेज, डीलक्स होटल और 3-सितारा बजट में शामिल हैं. मनाली होमस्टे भी प्रदान करता है जो स्थानीय लोगों की प्रकृति और कल्चर का आनंद लेने के लिए एक अच्छा विकल्प है.
रोहतांग दर्रे पर कोई भोजन स्टाल या रेस्टोरेंट नहीं हैं. रोहतांग दर्रा पार करते समय आपको अपना भोजन खुद ले जाना होगा.
रोहतांग दर्रा जब खुला होता है तब इसका समय सुबह 6:00 बजे और बंद होने का समय शाम 5:00 बजे तय किया गया है.
रोहतांग दर्रा अगर आप जाना चाहते हैं, तो यहां सुबह में जितनी जल्दी पहुंचे क्योंकि बहुत सारे पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं, जिसकी वजह से संकरे दर्रे में ट्रैफिक जाम लग जाता है.
अगर आप यहां पर घूमने के लिए जा रहे हैं, तो अपने साथ गर्म कपड़े जरूर लें जाए.
यहां घूमने जाते समय आप अपने साथ एक अच्छा सा कैमरा वाला फोन या कैमरा जरूर लेकर जाए, ताकि यादगार निशानी के रूप में यहां की खूबसूरती को आप कैद कर सके.
अगर आप चाय या कॉफी का शौकीन है, तो आप अपने साथ थरमस में गर्म चाय या कॉफी जरूर ले कर जाए ऐसा इसलिए क्योंकि आगे चलकर ये गर्माहट के लिए काफी उपयोगी होगा.
हवाई जहाज से रोहतांग दर्रा कैसे जायें
अगर आप रोहतांग दर्रा फ्लाइट से घूमने जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि रोहतांग दर्रा के आसपास कोई भी एयरपोर्ट नहीं है. इस दर्रा के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट की बात की जाए तो वह भुंतर हवाई अड्डा है, जो इस रोहतांग दर्रा से 104 किमी की दूरी पर है. आप फ्लाइट से भुंतर हवाई अड्डा पर उतर कर वहां से मनाली के लिए बस या टैक्सी पकड़कर मनाली आकर फिर मनाली से कोई भी बस या टैक्सी यहां के लिए आसानी से मिल जाएगी.
ट्रेन से रोहतांग दर्रा कैसे जायें
रोहतांग दर्रा ट्रेन से जाने के लिए आपको मनाली के नजदीकी जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन जो कि रोहतांग दर्रा से लगभग 103 किमी की दूरी पर है आना पड़ेगा. इसके बाद यहां से बस या टैक्सी बुक कर रोहतांग दर्रा जा सकते है.
सड़क मार्ग से रोहतांग दर्रा कैसे जायें
रोहतांग दर्रा सड़क मार्ग से जाने के लिए हिमाचल राज्य के सड़क परिवहन निगम की बसें मनाली से चलती है. इसके अलावा यहां जाने के लिए कई प्राइवेट बसें और टैक्सी भी चलती हैं, जिसे आप बुक कर आसानी से यहां पहुंच सकते हैं.
रेहला वाटर फॉल, लाहौल और स्पीति घाटी, सोलंग वैली, चंद्र और भागा नदियां आदि…
अगर आप भी रोहतांग दर्रा घूमने जा रहे है या रोहतांग दर्रा को पार कर लाहौल, स्पीति या लेह घाटी जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि ये दर्रा पूरे साल खुला नहीं रहता. भारी बर्फबारी एवं लैंडस्लाइड के कारण यह दर्रा नवंबर से अप्रैल महीने तक बंद रहता है. इसलिए आप यहां साल के किसी भी महीने में घूमने नहीं जा सकते है.
रोहतांग दर्रा मई से अक्टूबर तक अल्टरनेटिव खुला रहता है, इन महीने के बीच में जब कभी भी लैंडस्लाइड होता है, तो इसे बंद कर दिया जाता है और फिर नॉर्मल स्थिति होने पर फिर से खोल दिया जाता है.
अगर यहां जाने का अच्छा समय की बात किया जाए तो मई से जून महीना को माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय यहां का मौसम लगभग साफ रहता है.
रोहतांग दर्रा की साप्ताहिक बंदी भी होती है जो हर रविवार को होती है. इसके अलावा यह दर्रा पर्यटकों के लिए हर मंगलवार को भी बंद रहता है.
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