Rishikesh Tour Blog : 20 नवंबर तक मैं यह तय कर चुका था कि महीने के आखिरी वीकेंड पर, मैं उत्तराखंड के दौरे पर रहूंगा. प्लान तो ये था कि इस दौरान मुझे कुछ व्लॉग शूट करने के साथ साथ नए बने Dobra Chanti Bridge को देखना था, जो कि देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज था और नवंबर में ही उसका उद्घाटन भी हुआ था.
इस डोबरा चांटी ब्रिज के बनने से, प्रताप नगर का 14 बरसों को वनवास भी खत्म हुआ जो उसे नई टिहरी से दूरी की वजह से भोगना पड़ा रहा था. खैर, पुल बनने के बाद, प्रताप नगर की दिवाली तो मैं नहीं देख सकता था लेकिन इस पुल को देखने की बेहद तमन्ना थी और इसीलिए मैंने अपना प्लान तय कर लिया था.
चूंकि मुझे हरिद्वार के लिए मेरे हिसाब से ट्रेन की टिकट नहीं मिल सकी थीं और आखिरी समय में होने वाले किसी भी संभावित फेरबदल से बचने के लिए, मैंने बस की यात्रा को ही चुना था. लेकिन कहानी उस वक्त असमंजस वाली बन गई जब इस यात्रा के दो दिन पहले ही दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू हो गया.
Rishikesh-Karnaprayag Rail Project – सिर्फ ढाई घंटे में पहुंचेंगे ऋषिकेश से कर्णप्रयाग
मैंने ये किस्सा अपने दोस्त वैभव से शेयर किया तो उसने तुरंत ही यात्रा कैंसल कर देने को कहा. मैं वैभव से बात कर ही रहा था कि संजय का कॉल आ गया. संजय यानी अपना संजू ही इस सफर में, यात्रा के लिए मेरे पार्टनर था. विक्की (वैभव) ने संजय को भी फोन पर न जाने की सलाह दी और कहा कि दोनों इस यात्रा को स्थगित कर दो. हालांकि दोस्त की राय को मद्देनजर रखते हुए मैंने उसे आश्वासन दिया कि पूरी तरह से सुनिश्चित हो जाने पर ही मैं यात्रा करूंगा. मैंने संजू को भी आश्वस्त किया कि वह चिंता न करे. और मुझे दो घंटे दे.
मैं दोपहर दो बजे विक्की और संजय से ये वादा कर रहा था और इसके बाद अगले आधे घंटे मैंने सिर्फ ट्विटर खंगाला. मुझे ऋषिकेश तक के रास्ते में मुजफ्फरनगर में आंदोलनरत किसानों की खबर दिखाई दी. मैंने और पड़ताल की तो पता चला कि कुछ देर पहले दिल्ली-हरिद्वार मार्ग भी बाधित हुआ था. इसके बाद तो मानों मैं खुद इस यात्रा को लेकर असमंजस की स्थिति में चला गया. लेकिन अगले ही पल दिखाई दिए एक फ्लैश ने मेरे चेहरे पर मुस्कान ला दी.
वह फ्लैश यह था कि दिल्ली-हरिद्वार मार्ग चालू हो गया है. इसके बाद मैंने गहनता से पता किया और पक्का हुआ कि आंदोलन सिर्फ हरियाणा से लगे दिल्ली बॉर्डर पर तेज है. इसके बाद मैंने संजू को कॉल किया और सामान पैक कर लेने को कहा. चूंकि मेरे घर के पास ही मोहन नगर है और यह जगह एक जंक्शन की तरह है. जहां आनंद विहार, कौशांबी बस अड्डे और कश्मीरी बस अड्डे दोनों जगह की बसें आपको मिल जाती है. इसीलिए मैंने संजू से यहीं मिलने को कहा.
Rishikesh Travel Guide – फ्री में घूमिए ऋषिकेश, आने-जाने-खाने की यहां नो टेंशन!
संजू की ऑफिस की शिफ्ट सवा बारह बजे रात को खत्म होनी थी इसलिए उसने मुझसे सवा एक तक मिलने को कहा था. लेकिन मैं अपनी वजह से फैमिली को भी परेशान नहीं करना चाहता था. सो, मैंने भाई से कहा कि वह बारह बजे मुझे मोहन नगर छोड़ दें. मैं रात बारह बजे मोहन नगर था. हालांकि संजू को आने में अभी भी सवा एक घंटे थे लेकिन मैं इस बीच यह पक्का करने में लग गया कि उत्तराखंड के लिए बसें आ रही हैं या नहीं. मैंने एक के बाद एक कई बसें देखीं. इसमें वॉल्वो से लेकर साधारण रोडवेज बसें तक शामिल थीं.
मैंने इसके बाद, संजू को मैसेज किया कि बसें अवेलेबल हैं. और फिर मैं वहीं खड़ा होकर आगे देखने लगा. इतने में एक पल ऐसा आया जब बस का इंतजार कर रहे सभी यात्री चले गए और मैं ही वहां अकेला बचा. अजीब सी स्थिति पैदा हो गई. समय भी करीब बारह बजकर बीस मिनट था. मैं थोड़ा कॉन्शियस हो गया. फिर, मेरी नजर पीछे वर्ल्ड स्क्वेयर मॉल पर गई. वहां मेन गेट पर गार्ड ड्यूटी दे रहे थे. मैं सामान लेकर उनके पास गया और उनसे अनुरोध किया कि क्या मैं थोड़ा अंदर आकर बैठ सकता हूं.
Rishikesh Tour : ऋषिकेश जाएं तो इन 10 जगहों पर घूमना न करें Miss
गार्ड ने मेरी बात सुनी लेकिन ये कहकर उन्होंने इनकार कर दिया कि अंदर सीसीटीवी लगे हैं और कल को इसपर पूछताछ उन्हीं से होगी कि इतनी रात को कौन यहां बैठा था. मैंने उनकी बात समझ ली और वहीं गेट पर बाहर ही खड़ा हो गया. संजय ने मुझे अपनी कैब की लाइव लोकेशन का लिंक भी भेज दिया था सो मैं उसे ट्रैक करने लगा. संजू को आने में लगभग पैंतालीस मिनट थे. मैं वहीं खड़े बाकी सभी को देखने लगा.
मुझे नींद में ऊंघकर ड्यूटी करता गार्ड दिखाई दिया. मॉल के बैंक्वेट में चल रही शादी के फंक्शन से लौटते लोग. कोई बाइक से, तो कोई कार से. मॉल के बाहर कंबल ओढ़कर खुले में सोते लोग. कुछ लोग ऐसे जो बस पकड़ने तो आए थे लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे उनकी कोई मंजिल ही न हो. ये दुनिया सचमुच अलग अलग तरह के कलेवर लिए बैठी है. मैंने अपना पैंतालीस मिनट यही सब करके पास किया. लेकिन तसल्ली तभी हुई जब संजू मेरे सामने खड़ा हो गया.
इसके बाद, मेरा हौसला बढ़ गया. हम दोनों रोड के किनारे खड़े हो गए. सच में, कोई साथी मिलने से आपको हिम्मत तो मिलती ही है. हरिद्वार की एक बस आई लेकिन मैंने ये सोचकर छोड़ दिया कि जब जाना ऋषिकेश है तो हरिद्वार की बस क्यों लें. लेकिन जब अगले बीस मिनट कोई बस नहीं आई तो हमने फैसला किया कि अब जो बस आएगी, चाहे हरिद्वार या ऋषिकेश, बैठ जाना है.
इतने में, हरिद्वार की एक बस आ भी गई. हम फटाफट उसमें बैठ गए. बस में बैठते ही, मैंने शॉल ओढ़ी और संजू ने अपना कंबल और हम एक दूसरे के सहारे सिर टिकाकर सो गए. हालांकि, रात में मेरी गर्दन मुड़ भी गई थी. सुबह हम हरिद्वार पहुंचे, वहां से ऋषिकेश की बस ली और पहुंच गए ऋषिकेश बस स्टेशन. ऋषिकेश पहुंचकर रात की थकान को मिटाने के लिए हम कोई चाय की दुकान ढूंढने लगे.
मुझे चमक धमक, बड़े बैनर लगी दुकानें रास नहीं आतीं. इसीलिए, मैंने एक ठेठ दुकान ढूंढी और वहां चाय पी. चाय पीकर सबसे पहला काम मैंने वाइफ को कॉल करने का किया. हालांकि, उन्होंने वीडियो कॉल पिक नहीं किया. इतनी सुबह अक्सर ही वह नहीं उठती हैं. इसके बाद, मैंने विक्की को कॉल किया. विक्की अभी सोकर उठा ही था. मैंने उसे अपने पहुंचने की सूचना दी और साथ ही, आसपास का व्यू और चाय का कप भी दिखाया.
विक्की चेहरे पर एक मुस्कुराहट लिए था और मैं भी. इसके बाद विक्की को विदा कर हम बढ़ चले नटराज चौक की तरफ…
Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More
Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More
Chhath Puja 2024 : महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More
Dev Diwali 2024: देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More