Places to Visit in Rajasthan in Winters : इस पोस्ट में हमने सर्दियों में राजस्थान घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहों के बारें में बताया है...
Places to Visit in Rajasthan in Winters : सर्दिया शुरू होते ही लोग ऐसे जगहों की तलाश करते हैं जहां सर्दी कम पड़ती हो. सर्दी में घुमक्कड़ी के लिए लोगों की पहली पसंद राजस्थान रहता है. राजस्थान में ऐसी कई जगहें हैं जहां सर्दी भी कम होती है और छुट्टियों का मजा भी खूब आता है. आइए जानते हैं राजस्थान के ऐसे डेस्टिनेशंस के बारे में जहां आप सर्दियों में अपनी छुट्टियां बिता सकते हैं…
जयपुर पिंक सिटी (गुलाबी शहर) के नाम से ये दुनियाभर में फेमस है. जयपुर को गुलाबी रंग से रंगा गया है और यही इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है. जयपुर में मुख्य पर्यटन स्थलों में- हवा महल, आमेर किला, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, चोखी धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम व बिरला मंदिर आदि शामिल है.
यह शहर सुंदर किलों, मंदिरों और म्यूजियम आदि से अपनी शोभा बढ़ाता है. बापू बाज़ार यहां का सबसे फेमस बाज़ार है जो, राजस्थान की पारंपरिक वस्तुओं के लिए जाना जाता है. यहां मिलते हैं रंग-बिरंगे जयपुरी दुपट्टे, राजस्थानी गहनें.
उदयपुर राजस्थान का वो शहर है जिसे “झीलों का शहर” कहा जाता है. अरावली पहाड़ों से घिरा यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है. पिचोला झील में नाव पर सवारी कर जैसे आप प्रकृति के आंचल में समा जाएंगे. घाटी में बसा व चार झीलों से घिरे इस शहर को अगर “राजस्थान का कश्मीर” कहा जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं है.
राजस्थान के आकर्षक स्थलों में इस शहर का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है. यहां के मुख्य टूरिस्ट प्लेस हैं- सज्जनगढ़ किला, फतह सागर झील, विंटेज कार म्यूज़ियम, इकलिंग्जी मंदिर, दूध तलाई म्यूज़िकल गार्डन, जैसामंद झील आदि.
राजस्थान की “गोल्डन सिटी”… इसे ये नाम थार मरुस्थल में उड़ते सुनहरे पीले बालू टिब्बों के कारण दिया गया है. पाकिस्तान की सीमा के करीब बसा यह शहर राजस्थान का चर्चित पर्यटक स्थल है. यहां बहुत से हिस्टोरिकल प्लेस है जो सुनहरे पीले रंग के चूना-पत्थर से बने हैं.
ऊंट की सवारी कर मरुस्थल से होकर गुज़रना और रात के वक्त आसमान के नीचे कैंप में रात गुज़ारना एक कभी का भूलने वाला एक्सपिरियंस है. जैसलमेर का किला यहां का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण है. जैन मंदिर, नेशनल गार्डन, गदीसर झील, बड़ा बाग आदि अन्य प्लेस हैं.
यह राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी इलाका है. हरे-भरे व ठंड़े वातावरण से ये पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. राजस्थान के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पर्यटन स्थल में यहां दिलवारा मंदिर शामिल है. यह ऐतिहासिकता और अतुलनीय आर्किटेक्चर का प्रतीक है, जो पूरे भारत में बेहद मशहूर है.
अगर आप इतिहास के शौकिया नहीं हैं तो आप नक्की झील में बोटिंग व सनसैट प्वाइंट से सनसेट देखकर नज़ारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं. यह आपके और आपके पार्टनर के लिए एक रोमांटिक डेस्टिनेशन है.
इस शहर को “गेटवे टू थार” के नाम से भी जाना जाता है. यहां का सबसे मशहूर स्थल है मेहरनगढ़ किला जो इतिहास व संस्कृति का संगम है. राजस्थानी आर्किटेक्चर का उपयोग कर इतनी महीनता इसे हर एक कोने को तराशा गया है कि आप देखते ही हैरान हो जाऐंगे. इस किले के अंदर ही दो मंदिर व एक म्यूज़ियम भी है.
किले के प्रवेश द्वार पर आपको राजस्थानी लोकगीत की झलक भी दिखेगी, जो आपको पसंद जाएगी. यह राजस्थान के सबसे बड़े किलों में से एक है. नीले आसमान के नज़ारे, नीली दीवारों व नीले घरों के कारण इस शहर को “ब्लू सिटी” भी कहा जाता है.
अरावली पहाड़ियों से घिरा यह शहर मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ के लिए मशहूर है. राजस्थान आकर अगर आप मुगल आर्किटेक्चर के गवाह बनना चाहते हैं तो अजमेर बेहद शांतिपूर्ण व आध्यात्मिक शहर है. राजस्थान के हृदय में बसा अजमेर हिंदू व मुस्लिम श्रद्धालुओं का स्थान है.
यहां प्रत्येक वर्ष भारी भीड़ उमड़ती है. इस शहर की एक और खासियत है और वो है यहां की संस्कृति व शिल्प कौशल यह एक धार्मिक स्थान है जहां आकर आपके मन को शांति मिल सकती है. यहां आप अकबर फोर्ट, अढ़ाई दिन का झोपड़ा, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आदि देख सकते हैं.
भारत के श्रेष्ठ टाईगर रिज़र्व में शामिल ये स्थान बहुत से पशु-पक्षी व पेड़-पौधों के लिए भी मशहूर है. विंध्य व अरावली की तलहटी में बसा यह स्थान नेशनल गार्डन, रणथंभोर किले के लिए भी प्रचलित है. छुट्टियां मनाने के लिए एक बेहतरीन स्थान जो आपकी सूची में शामिल होना चाहिए.
राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल ये जगह वन्यजीवों की तस्वीरें खींचने के शौकीन यात्रियों का केंद्र है. 392 किमी के क्षेत्र में फैला नेशनल गार्डन अद्भुत पक्षियों और जानवरों को उनके प्राकृतिक निवास में रहते देखने का सबसे अच्छा स्थान है.
बीकानेर संस्कृति व पर्यटकों का स्वर्ग माना जाता है. ऊंटों की सवारी कर बालू टिब्बों से गुज़रना आपको एक अनोखा अनुभव देगा. यहां के प्राचीन महल व किले आपको स्तब्ध कर देंगे. इस शहर को “ऊँटों का नगर” कहा जाता है. बीकानेर अपनी अद्भुत वास्तुकला, संस्कृति व कला के लिए प्रसिद्ध है. बीकानेर, अंतर्राष्ट्रीय ऊँटों के त्योहार के लिए भी मशहूर है, जिसे विश्वभर से लोग देखने आते हैं.
यह सबसे प्राचीन शहरों में से एक है जो पांच पवित्र धामों में से एक है. यही एकलौता शहर है जहां ब्रह्मा को समर्पित एक मंदिर है और इसी के लिए यह प्रसिद्ध है. नवंबर में यहां भारत का सबसे बड़ा ऊंटों के मेले का आयोजन होता है. छोटी-छोटी रंग-बिरंगी दुकानों पर सस्ते दामों पर शिल्प कौशल से बनी वस्तुएं मिलती हैं.
यहां की संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है. राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में इस शहर का नाम भी बड़ी प्रसन्नता से लिया जाता है क्योंकि इस शहर में वो खासियत है, जो यात्रियों का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित कर सके.
इस शहर को “पक्षियों के स्वर्ग” के नाम से जाना जाता है. यह संस्कृति से भरपूर शहर है. ये केवलादेव नेशनल गार्डन के लिए मशहूर है. यहां पशु-पक्षियों की 370 प्रजातियां हैं पर यह बर्ड सेंक्चुरी के नाम से ज़्यादा प्रचलित है. आपको यहां ढेर सरे अनोखे पक्षी देखने को मिलेंगे. यहां पक्षियों की 230 प्रजातियां हैं, 200 प्रकार के अन्य जानवर जैसे-मछली, कछुए, सांप, छिपकलियां, आदि व 350 प्रकार के फूलों के पौधों का स्थान है.
अलवर शहर राजस्थान में घूमने की जगह में अपना एक ऐतिहासिक महत्त्व लिए हुए शान से खड़ा है. हालांकि यहां आपको घूमने के बहुत ज्यादा ऑप्शन तो नहीं मिलने वाले लेकिन फिर भी यहाे आपको कुछ एतिहासिक पर्यटन स्थल मिल जायेंगे. सिलिसर लेक पैलेस यह एक झील है. अलवर का किला या इसे बाला किला भी कहा जाता है. अलवर में घूमने की जगहें भानगढ़ का किला, सरिस्का पैलेस, सरिस्का वाइल्ड लाइफ सेंचुरी सिली पैलेस इसे विनय विलास महल भी कहा जाता है. विजय मंदिर महल और पुरजन विहार या कंपनी गार्डन.
उदयपुर शहर से लगभग 80-85 किलोमीटर की दूरी पर यह एतिहासिक किला स्थित है. जब भी उदयपुर आयें तो कुम्भलगढ़ भी देख लें. अगर हम यहां घूमने की जगह के बारे में बात करे तो आप कुम्भलगढ़ में किले के अन्दर आप गणेश मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, बावन देवी मंदिर, वेदी मंदिर, बादल महल, कुम्भ महल आदि देख सकते है.
बूंदी पर्यटन स्थल कोटा से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है. इस शहर की स्थापना हाडा सरदार रामदेव ने की थी. यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र तारागढ़ किला है. इस किले अलावा भी बूंदी में आपको कुछ स्थल देखने चाहिए जैसे नवल सागर झील, चतुर्भुजा मंदिर, दधवन्तु मंदिर, लक्ष्मीनाथ मन्दिर, बादल महल, मोती महल, हाथी पोल, गढ़ पैलेस, भुरजी का कुण्ड, फूल महल, शिक बुर्ज, सुख महल, चौरासी खम्भों की छत्री, रानीजी की बोरी आदि.
श्रीनाथ जी का विश्व विख्यात मंदिर नाथद्वारा में ही है यह वैष्णव सम्प्रदाय का एक जाना माना मंदिर है. यहां आप पहुंचने के लिए पहले उदयपुर आइए, फिर उदयपुर से 50 किलोमीटर और आगे आइए, तब आपको मिलेगा नाथद्वारा. यहां का मुख्य मंदिर जो की श्रीनाथ जी को समर्पित है वह बहुत ही बड़ा है लेकिन साधारण तरीके से बना हुआ है.
पाली जिले में स्थित बेरा एक छोटा सा शहर है, जो पिछले कुछ वर्षों से तेंदुए के देश के रूप में लोकप्रिय हो रहा है. यह उदयपुर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दो घंटे के भीतर पहुंचा जा सकता है. जगह अभी तक एक वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित नहीं की गई है.
इस स्थान को जवाई के नाम से भी जाना जाता है, जिसका नाम इस क्षेत्र से बहने वाली जवाई नदी के नाम पर रखा गया है. दोनों की मंजिल एक ही है. बेरा में आपको छोटे-छोटे गांव मिल जाएंगे और जवाई वह क्षेत्र है जहां तेंदुए रहते हैं. यह जगह गुफाओं वाली पहाड़ियों से ढकी हुई है, जो इसे तेंदुओं के लिए आदर्श आवास बनाती है. बेरा के पास एक अन्य पर्यटन स्थल जवाई बांध भी है.
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