मेघालय में बना Nokrek National Park अपनी खूबसूरती के लिये जाना जाता है. ये पार्क गेरो की पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है. नॉर्थ ईस्ट का ये नेशनल पार्क फोटोग्राफी के लिये काफी प्रसिद्ध है. यहां के जंगल, नदियां और झरने आप को प्रकृति के इतने करीब ले जायेंगे कि आप भूल जायेंगे की आप किसी नेशनल पार्क में बैठे हैं.
नोकरेक नेशनल पार्क के आस-पास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के फूल देखने को मिल जाएंगे. इसके साथ ही नोकरेक गारो हिल्स पर तूरा क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है. यह पश्चिम गारो हिल्स जिले में आती है. तूरा रेंज इस पहाड़ की प्रमुख आकर्षणों में से एक है. इसकी लंबाई 50 किलोमीटर के करीब है. यह पूर्व से पश्चिम दिशा में सीजू से तूरा तक फैला हुआ है.
तूरा की पहाड़िया अभी नोकरेक नेशनल पार्क के प्रबंधन के तहत आती हैं. नोकरेक की चोटी और इसका बेस तूरा के दक्षिण पूर्व में 13 किलोमीटर क्षेत्र में पसरा हुआ है. मेघालय में नोकरेक की चोटी न सिर्फ तूरा रेंज की सबसे ऊंची चोटी है, बल्कि यह पूरे गारो हिल्स में सबसे उंची है. नोकरेक चोटी का सबसे ऊपरी सिरा समुद्र तल से 1412 मीटर ऊंचा है.
यह बेहद घने ,हरे भरे जंगल से घिरा है. इसे देश की धरोहर के रूप में स्वीकार किया जाता है और देखरेख और प्रबंधन मेघालय का वन विभाग करता है.नोकरेक चोटी और आसपास नीबू प्रजाति का एक बहुउपयोगी फल पाया जाता है. इसे स्थानीय भाषा में मेमांग नारंग भी कहा जाता है.
इस फल को दुनिया में पाए जाने वाले नीबू वंश के सारे फलों में श्रेष्ठ और सबसे पुराना माना जाता है. इस फल की प्रजाति को संरक्षित रखने के लिए यहां जीन सैंक्चुरी या अभयारण्य स्थापित किया गया है जो दुनिया में अपनी तरह का अकेला है.
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आप नोकरेक चोटी तक देरिबो असांग्रे तूरा रोड से पहुंच सकते हैं. वैसे चोटी पर पहुंचने के लिए देरिबो गांव से साढ़े तीन किमी बेहद कठिन रास्ता है, जिसमें आपको ज्यादातर ट्रैकिंग करनी होती है. यह जंगली हाथी समेत कई वन्य प्राणियों और ऑर्किड समेत कई बेशकीमती फल फूल और जड़ी बूटियों की शरणस्थली है.
चेरापूंजी में नोकरेक नेशनल पार्क अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है. स्थानिक मेमांग नारंग, जिसे साइट्रस इंडीकी के नाम से भी जाना जाता है. नेशनल पार्कका आकर्षण सिम्संग नदी का खेल रिजर्व, नोकरेक पीक, नॉरबगंग पार्क और रोनाबंग डेयर झरने हैं. गारो हिल्स में कई प्राकृतिक चूना पत्थर की गुफाएं हैं, जिनमें से सिजू गुफा प्रसिद्ध है. गुफा की पूरी लंबाई पानी में समा गई है.
यहां अपना घर बनाने वाली पशु प्रजातियां लाल पंड, एशियाई हाथी, कैप्ड लंगूर, क्लाउडेड तेंदुआ, तेंदुआ बिल्ली, मछली पकड़ने-बिल्ली, गोल्डन कैट, पैंगोलिन, जंगली भैंस, अजगर, हाथी, सीरो और बाघ हैं.
जिन पक्षियों को देखा जा सकता है वह हैं ग्रीन कबूतर जैसे हॉर्नबिल, मोर, तीतर, होललॉक और कई और. इसके साथ ही कई पहाड़ी सांप पार्क को अपना घर बनाते हैं.
पश्चिम गारो पहाड़ियों जिले में तुरा से 45 किलोमीटर दूर स्थित, नोकरेक नेशनल पार्क आसानी से पहुंचा जा सकता है. नजदीक शहर विलियम नगर लगभग 15 किमी की दूरी पर है. पास का रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है जो 160 किलोमीटर दूर है. नजदीक हवाई अड्डा गुवाहाटी में 170 किलोमीटर दूर है.
मेघालय में साल के सभी मौसमों का घूमा जा सकता है. नोकरेक नेशनल पार्क के जंगल में जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के महीनों के दौरान है.
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