Munnar Hill Station : मुन्नार घूमने के लिए कई विकल्प प्रदान करता है जो लोग भी यहां अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं, वो यहाँ ये यादगार लम्हें अपने साथ ले जाते हैं। मुन्नार के पर्यटन स्थलों की सैर बहुत सुखद अनुभव प्रदान करने वाली होती है। ज़्यादातर लोग यहां घूमने यहां के अच्छे और शानदार मौसम की वजह से आते हैं।
मुन्नार पर्यटकों की पसंदीदा लिस्ट में शुमार है। मुन्नार एक मलयालम शब्द है जिसका अर्थ होता है तीन नदियों का संगम। यहां आपको तीन नदियां देखने को मिलेंगीं ये हैं मधुरपुजहा, नल्लाथन्नी और कुंडाली। ये नदियां एक ही स्थान पर मिलती हुई दिखाई देंगी। मुन्नार केरल के इडुक्की जिले में स्थित है। यहां का हिल स्टेशन यहां की विस्तृत भू-भाग में फैली चाय की खेती, हरियाली, चारों ओर फैले बागान, औपनिवेशिक बंगले, छोटी नदियां, तालाब, झरनें और ठंड का मौसम।
मुन्नार अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण लोगों को स्वर्ग का अनुभव कराता है। दक्षिण भारत की अधिकतर जायकेदार चाय यहीं के बागानों से आती है। चाय के उत्पादन के कारण यहां चाय संग्रहालय भी स्थित है। यहाँ के वन्य जीव भी काफी प्रसिद्ध हैं। मुन्नार में आप वन्य जीवन को करीब से देख सकते हैं। एर्नाकुलम राष्ट्रीय उद्यान में जीव-जंतुओं की कई दुर्लभ प्रजातियां भी आपको देखने को मिल जायेंगीं। साथ ही साथ यहाँ आपको नीलगिरी बकरी भी देखने को मिल जाएगी।
इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान मुन्नार से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये स्थान देवीकुलम तालुक में पड़ता है। उद्यान के दक्षिणी क्षेत्र में अनामुडी चोटी भी है। यहाँ पर अधिक सख्त में पाते जाते हैं नीलगिरि बकरें यही कारण है कि इस पार्क का निर्माण नीलगिरी जंगली बकरों की रक्षा करने के लिए किया गया था। साल 1975 में उद्यान को अभयारण्य घोषित किया गया था। जंतुओं और वनस्पतियों के मह्त्व को देखते हुए साल 1978 में इसको राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया था। ये राष्ट्रीय उद्यान 97 वर्ग किमी में फैला हुआ है। ये अपने बागानों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। यहां पर दुर्लभ नीलगिरी बकरों को साक्षात देख पायेंगें। साथ ही यहां एडवेंचर के लिए ट्रैकिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।
मुन्नार अपने बागानों के लिए जाना जाता है। यहाँ चाय के बागानों को यहां की विरासत के रूप में माना जाता है। इस विरासत को ध्यान में रखते हुए, केरल के ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में चाय के बगानों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए यहां मुन्नार में टाटा टी द्वारा कुछ वर्ष पहले एक चाय संग्रहालय की स्थापना की गई थी। इस संग्रहालय में साल 1880 में मुन्नार में चाय उत्पादन की शुरुआत से जुड़ी जितनी भी पुरानी निशानियां थीं वो सजों कर इस संग्रहालय में रखी गयी हैं। संग्रहालय के पास ही स्थित टी प्रोसेसिंग ईकाई में चाय बनने की पूरी प्रक्रिया को करीब से देखा व समझा जा सकता है।
जब मुन्नार जायें तो इसके आस-पास स्थित पर्यटन स्थल इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, आनामुड़ी शिखर, माट्टूपेट्टी, पल्लिवासल, चिन्नकनाल, अनयिंरगल, टॉप स्टेशन, चाय संग्राहलय भी ज़रूर देखें।
वैसे तो यहाँ सैलानियों का जमावड़ा अक्सर ही देखने को मिलता है। मुन्नार हिल स्टेशन आप अगस्त से मई के बीच जा सकते हैं। इस महीनें यहाँ लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। वहीं जून और जुलाई में यहां बारिश अधिक होती है। इसलिए इस मौसम में पर्यटकों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है। सर्दियों के मौसम में यहां बहुत ज़्यादा ठंड पड़ती है। जिससे बचाव के लिए तमाम जरूरी गर्म कपड़े शॉल, स्वेटर और कम्बल रखना जरूरी होता है। वहीं गर्मियों में आप हल्के गर्म कपड़े भी रख सकते हैं।
अगर आप मुन्नार जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें मुन्नार सड़क मार्ग द्वारा दो राज्यों केरल और तमिलनाडु से जुड़ा हुआ है। मुन्नार के लिए अन्य शहरों से भी बसें आपको आसानी से मिल जाएगी। मुन्नार बहुत ज़्यादा पसंद किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। छुट्टियों में लोग यहां आना पसंद करते हैं। यही कारण है कि यहां की कई निजी बसें यहां की यात्रा का टूर पैकेज ऑफर भी देते हैं। अगर टूर पैकेज की बात करें तो यहां की यात्रा के लिए टूर पैकेज की शुरूआत 1000 रूपए से होती है।
यहां के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है तेनी (Theni) (तमिलनाडु), ये लगभग 60 किमी दूर है और चेंगनचेरी, लगभग 93 किमी दूरी पर स्थित है।
यहां के लिए निकटतम हवाईअड्डा है मदुरई (तमिलनाडु), ये लगभग 140 किमी दूर है और वहीं कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, यहाँ से लगभग 190 किमी दूरी पर स्थित है।
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