Krem Liat Prah Cave: मेघालय ट्रिप ( Meghalaya Tour ) खत्म होने से 2 दिन पहले हम वापस शिलॉन्ग लौट आए थे. बांग्लादेश बॉर्डर ( India Bangladesh Border ) गए, डबल डेकर ब्रिज भी घूम लिया था, वाटरफॉल ( NohKaLikai Falls ) भी देख लिया था… अभी तक एक जिज्ञासा ही थी, जो शांत नहीं हो पाई थी. यह जिज्ञासा मेघालय की गुफाओं को देखने की था, जिसके लिए राज्य मशहूर है. इसी ख्वाहिश को लिए मैं सोच में डूबा था और इधर ट्रिप खत्म होने को था… गौरव से बात की तो उनका प्लान क्रांग सूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) जाने का था… मैंने भी सोचा और फिर तय किया कि मैं क्रेम लियाट प्रा ( Krem Liat Prah Cave ) गुफा देखने जाउंगा…
Google पर सर्च करने पर सबसे बड़ी गुफा यही बताई जा रही थी. अब भारत की सबसे बड़ी गुफा मेघालय में हो और यहां आकर भी वहां न जाना तो बेकार ही था. मैंने सर्च रिजल्ट का भरोसा किया और गौरव के साथ एक ही गाड़ी बुक कर ली. गौरव को क्रांग सूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) छोड़कर मुझे आगे बढ़ जाना था क्रेम लियाट प्रा गुफा ( Krem Liat Prah Cave) के लिए. ये गुफा जयंतिया हिल्स में है.
यहां मैंने पहली गलती की… जब टैक्सी बुक कर रहा था… तब ड्राइवर्स को भी इस गुफा के बारे में जानकारी नहीं थी. वे बस हां हां कर दे रहे थे. एक ड्राइवर जो मूलत: बिहार से थे, उन्होंने कहा कि सर, आप बता दें, गूगल मैप देखकर पहुंच ही जाएंगे.. उन्होंने कहा तो ईमानदारी से.. लेकिन मुझे यहां सोचने की जरूरत थी, कि आखिर क्यों किसी ड्राइवर को इस गुफा की जानकारी नहीं है.
और तो और… क्रेम लियाट प्रा ( Krem Liat Prah Cave ) के बारे में Youtube पर कोई ढंग का वीडियो भी नहीं था… लेकिन मैंने ठहरकर इसपर सोचने की जरा भी कोशिश नहीं की और बढ़ चला इस नए दिन के सफर पर… सुबह साढ़े 5 बजे कड़कड़ाती ठंड में मैं और गौरव बढ़ चले थे अपनी अपनी मंजिल की ओर…. गौरव को हमने सुबह 7:30 बजे के थोड़ा बाद क्रांग सूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) छोड़ दिया…. तब यहां कोई नहीं था. दुकानें भी नहीं खुली थी. मैंने उनसे पूछा कि समय कैसे काटोगे? उन्होंने कहा, हो जाएगा मैनेज…
इसके बाद, मैं निकल चला क्रेम लियाट प्रा केव ( Krem Liat Prah Cave ) के लिए… शिलॉन्ग से क्रांग सूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) की कुल दूरी ढाई घंटे की है, वाटरफॉल शिलॉन्ग से 86 किलोमीटर दूर है. और क्रेम लियाट प्रा केव की दूरी लगभग 4 घंटों की, यह शिलॉन्ग से 116 किलोमीटर दूर है. अब क्योंकि Jowai से एक रास्ता क्रांग सूरी वाटरफॉल के लिए निकलता है. यह रास्ता भी 28 किलोमीटर का है और इसमें 50 मिनट लगते हैं इसलिए मेरे लिए इस रास्ते में 56 किलोमीटर और जुड़ गए और 2 घंटे ज्यादा बढ़ भी गए.
क्रांगसूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) से पहले एक बोर्ड आया जिसपर लिखा था Welcome to Jaintia Hills… यह बोर्ड देखना भी रोमांचक था. जब मैं क्रांगसूरी वाटरफॉल से वापस लौट रहा था, उस बीच हम थोड़ा भटके भी. काफी आगे जाकर एक मारवाड़ी होटल आया. वहां खाना खाया. मारवाड़ी अंकल से बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि पहले कई मारवाड़ी यहां कोयले के काम में लगे हुए थे, लेकिन बैन के बाद काम बंद हो गया. कई लौट गए और जो हम जैसे बचे, वे इस तरह जिंदगी चला रहे हैं.
अंकल से बात करके मैं आगे चला. यहां हमें एक भी साइन बोर्ड नहीं दिखा, जो क्रेम लिया प्रा केव ( Krem Liat Prah Cave ) के बारे में जानकारी दे रहा हो. आगे बढ़ते जा रहे थे. सिर्फ Google Map का ही भरोसा था. Sutunga Road आई तो वहां से लेफ्ट हुए. जब लोकल लोगों से पूछा, तो उन्हें भी इस गुफा के बारे में नहीं पता था. यहां संदेह के बाद उभरने शुरू हुए. ड्राइवर भैया ने कहा कि यहां कोई केव नहीं है… अगर है तो ये सरकार की घोर लापरवाही है.
ये पूरा इलाका कोयले की बेल्ट है. यहां जहां तहां कोयले का खनन किया जा रहा था. हम सपाट रास्तों से होकर पहाड़ी रास्तों पर पहुंच गए.. ऊपर से पूरे इलाके में कोयले का धुआं उठता दिखाई दे रहा था… एक बार तो मन में डर भी आया लेकिन ईश्वर का नाम लेकर मैंने आगे बढ़ने का फैसला लिया…
Google Map ने हमें लाकर ऐसी जगह छोड़ा जहां से वॉकिंग डिस्टैंस पर ही Krem Liat Prah Cave की दूरी बाकी थी. ड्राइवर भैया और मैं आगे बढ़े… लेकिन वह तो जरा सी दूरी में ही थक गए. ऐसा लगा कि उन्हें पैदल की बिल्कुल भी आदत नहीं थी. उनकी सांसे फूलने लगी. बोतल में दो घूंट पानी था. एक मैंने पिया, एक उन्होंने. और आगे बढ़े… तो उन्होंने कहा कि मुझसे नहीं हो पाएगा.. आप ही जाओ…. मैंने उनसे कहा कि आप जाइए और कोई शख्स मिले तो उसे भेजिए… भले ही कुछ पैसे क्यों न ले ले.. लेकिन वह हमें गुफा ( Krem Liat Prah Cave ) तक हुंचा दे.
भैया तो चले गए लेकिन मैंने कोशिश जारी रखी. यहां आसपास कोई नहीं था. दूर तक भी कोई दिखाई नहीं दे रहा था. दूर कहीं कोयले की खुदाई होते जरूर दिखाई दे रही थी. यहां तो गजब सन्नाटा था. सुबह के 11 बजे ऐसी दहशत की थी कि पूछिए मत… मैं नीचे ऐसी ढलान पर गया जहां घने पेड़ थे और वहां निश्चित ही सांप और बिच्छू भी रहे होंगे. जब कुछ नहीं मिला तब थक हार कर मैंने वापस लौटकर उस शख्स का इंतजार करने का फैसला लिया जिसे ड्राइवर भैया भेजने वाले थे.
शिलॉन्ग में भीषण सर्दी थी और यहां झुलसा देने वाली गर्मी. कमाल है कुदरत का ये भी. मैं थोड़ा ऊपर आकर छांव में बैठ गया और लार से ही गला तर करने लगा. इतने में देखा कि सामने से एक कोई 50 साल के लगभग का शख्स चला आ रहा था. जब वह नजदीक आए तो मैंने उन्हें नमस्ते कहा. उन्होंने भी नमस्ते कहा. इसके आगे उन्होंने क्या क्या बोला और मेरी क्या क्या बात उन्हें समझ आई… भगवान ही जाने… भाषा का बहुत संकट है यहां मेघालय में.
वह मुझे वापस उसी ढलान वाली जगह पर ले गए जहां बांस की बल्लियों से घेराबंदी की गई थी और केले के पेड़ थे. यहां कहीं कहीं बांस की बल्लियां टूटी थी. मैं समझा कि मेरी तरह कोई और भी यहां जरूर आया होगा. ये अंकल झाड़ियों में ऐसे घुसे जैसे यह उनका रोज का काम हो. मैं तो फंस गया. वह आगे बढ़ते गए और मैं पीछे पीछे. यहां भी जूझते हुए मैंने इसे पार किया.
अब एक मुहाना आया और अंकल ने इशारा कि यही है क्रेम लियाट प्रा केव ( Krem Liat Prah Cave ). उन्होंने हिन्दी में पूछा, अंदर जाएगा..? मैंने कहा कि अगर आप जा पाएं तो सिर्फ एक रिकॉर्डिंग छोटी सी कर लें. उन्होंने कहा कि नहीं मैं नहीं जा पाउंगा. मैंने क्रेम लियाट प्रा केव को बाहर से ही राम राम कहा और वापस लौट आया. दोस्तों, यहां मैंने तय किया कि इस तरह जान जोखिम में डालकर कभी सफर नहीं करूंगा… ये वादा मैंने खुद से किया.
आपसे विनती है कि पहली बात को क्रेम लियाट प्रा केव जाने की कोई जरूरत नहीं है और अगर फिर भी आपका मन न माने तो पूरी तैयारी के साथ ग्रुप में ही जाएं.
Krem Liat Prah Cave क्यों न जाएं
यहां कोई साइनबोर्ड नहीं है
गुफा तक जाने का कोई रास्ता नहीं
मेघालय की इस गुफा का हाल बेहाल है
टैक्सी का किराया 3500 से ज्यादा लग जाता है
इतने समय में आप चेरापूंजी में कोई दूसरी गुफा जा सकते हैं
यहां आना ही एक तरह से जोखिम को न्यौता देना है
Krem Liat Prah Cave पर दी गई हमारी ये जानकारी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं… ऐसे ही दिलचस्प ब्लॉग के लिए फॉलो करें हमारी वेबसाइट www.TravelJunoon.com को और अगर आप ट्रैवल पर बने कमाल के वीडियो देखना चाहते हैं, तो Youtube पर हमारे चैनल Travel Junoon को सब्सक्राइब करें. मिलते हैं अगले ब्लॉग में. धन्यवाद
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