Kangra Valley Tour Guide: हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा वैली (Kangra Valley in Himachal Pradesh) घूमने के लिए खूबसूरत जगहों में से एक है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं. एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी ये जगह बहुत अच्छी है. आप यहां पर ट्रैकिंग, वॉटर स्पोर्टस और पैराग्लाइडिंग आदि का मजा ले सकते हैं.
ट्रैकिंग करने वालों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. यह जगह हिमाचल की खूबसूरत घाटियों में शुमार है. यहां पर कई टूरिस्ट प्लेस होने की वजह से इस जगह को देवभूमि भी कहते हैं. यहां पर घूमने के लिए कई एतिहासिक धरोहर भी हैं. यहां पर विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं. तो चलिए जानते हैं इस जगह के प्रमुख स्थलों के बारे में……
यहां पर आप महाराणा प्रताप सागर झील घूम सकते हैं. यह झील व्यास नदी पर बने बांध की वजह से बनी है. इस झील का पानी 180 से 400 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है. इस जगह को साल 1983 में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया था. यहां पर करीब 220 पक्षियों की प्रजातियां हैं .यहां पर एक करेरी नामक झील भी है जो हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता और पर्वत श्रृंखला मन मोह लेती है.
यहां पर शक्तिपीठ स्थल भी हैं. यहां का प्रमुख स्थल मां बृजेश्वरी देवी मंदिर है. ये मंदिर अति प्राचीन है. पहले के समय में ये मंदिर काफी समृद्ध था. इस मंदिर को कई बार विदेशी लुटेरों के द्वारा लूटा गया. इसके अलावा यहां पर कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसमें मां चामुंडा देवी, मां ज्वालाजी मंदिर भी अति प्रसिद्ध हैं. यहां पर आप महाकाल मंदिर, नूरपुर में भगवान श्री कृष्ण और मीरा का मंदिर, आशापुरी मंदिर और मां बगलामुखी का मंदिर आद जगहों पर भी घूम सकते हैं.
कांगड़ा में धर्मकोट, भागसूनाग और नड्डी आदि जगह पर्यटन के लिए बहुत बेहतरीन हैं. इन जगहों को मिनी इजराइल भी कहा जाता है. यहां पर पास ही में त्रियुंड नामक जगह है. यह कांगड़ा का छोटा सा हिल स्टेशन है.
ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह जगह बहुत बेहतरीन है. एतिहासिक धरोहरों की बात करें तो यहां पर नूरपुर का किला, बैजनाथ शिव मंदिर है. ये शिव मंदिर प्राचीन शैली को दर्शाता है.
यहां का मसरूर मंदिर, मैक्लोडगंज की चर्च भी एतिहासिक धरोहर हैं. मैक्लोडगंज कांगड़ा मुख्यालय के मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर है.
कांगड़ा के बैजनाथ में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पैराग्लाइडिंग टेक ऑफ साइट है. यहां पर आप पैराग्लाइडिंग का लुफ्त उठा सकते हैं. इसके अलावा यहां पर ट्रैकिंग करने की भी कई अच्छी जगह हैं, जहां पर आप पर्यटन विभाग के द्वारा पंजीकृत किए गए गाइडों या फिर ट्रैवल एजेंसियों की सहायता से जा सकते हैं. कांगड़ा में आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, पालमपुर, सौरभ वन विहार, बीड़, छोटा और बड़ा भंगाल घाटी, कांगड़ा कला म्यूजियम, डल झील, भागसूनाग वॉटर फॉल आदि जगहों पर भी घूम सकते हैं.
कांगड़ा के अन्य टूरिस्ट प्लेस धौलाधार रेंज, बृजेश्वरी मंदिर, नादौन, काथगढ़, ज्वाला जी मंदिर, कांगड़ा आर्ट गैलरी, सुजानपुर फोर्ट, न्यायाधीश न्यायालय, और शिव मंदिर हैं. इन के साथ, धर्मशाला, बेहना महादेव, पोंग झील अभयारण्य, सिद्धान्त मंदिर, मक्लॉयड गंज, तारागढ़ पैलेस, और नागरकोट फोर्ट क्षेत्र के अन्य प्रमुख आकर्षण हैं. इंटरनेशनल हिमालयन फेस्टिवल, दिसंबर के महीने में प्रतिवर्ष आयोजित, इस क्षेत्र का एक लोकप्रिय त्योहार है.
यह त्योहार दलाई लामा को उनके शांति प्रयासों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की याद में मनाया जाता है. इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य तिब्बतियों के बीच सामंजस्य बढ़ाना है. दर्शनीय स्थलों के अलावा, आगंतुक ट्रैकिंग कर सकते हैं, जहां कांगड़ा से गुजरने के क्रम में यहां के शानदार परिदृश्य की खोज कर सकते हैं. कई साहसिक ट्रेकिंग मार्ग करेरी झील और मसरूर मंदिर जैसी जगहों तक जा सकते हैं.
फ्लाइट से कांगड़ा कैसे पहुंचे – अगर आप हवाई मार्ग से कांगड़ा घूमने जाना चाहते हैं तो बता दें कि इसका नजदीकी हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है, जो कांगड़ा शहर से 11 किमी की दूरी पर स्थित है. गग्गल हवाई अड्डा देश के अधिकांश हवाई अड्डों के साथ हवाई अड्डा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.
ट्रेन से कांगड़ा कैसे पहुंचे – जो भी पर्यटक ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो उनके लिए बता दें कि कांगड़ा शहर का अपना रेलवे स्टेशन है, जो कांगड़ा घाटी के भीतर स्थित है. लेकिन यह एक टॉय ट्रेन स्टेशन है, जिसकी वजह से यह देश के अन्य शहरों से रेल मार्ग से नहीं जुड़ा है. कांगड़ा का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है जो कांगड़ा से 87 किमी की दूरी पर है. पठानकोट से कांगड़ा पहुंचने के लिए टैक्सी किराये पर लेना सबसे अच्छा रहेगा.
सड़क मार्ग से कांगड़ा कैसे पहुंचे – कांगड़ा, नई दिल्ली से लगभग 450 किमी दूर है इसलिए आप नई दिल्ली से बस में यात्रा करके यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. इसके अलावा कांगड़ा के नजदीक दूसरा प्रमुख शहर चंडीगढ़ सिर्फ 6-7 घंटे की दूरी पर है जो सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
अगर आप कांगड़ा का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां जाने के लिए सितंबर से जून तक का समय सबसे अच्छा हैं. मई-जून की गर्मियों के महीनों में यहां का तापमान 22-30 डिग्री सेल्सियस रहता है जो ट्रेकर्स द्वारा पसंद किया जाता है.
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