Janaki Setu : उत्तराखंड में टिहरी-पौड़ी जिले की सीमा को जोड़ने वाले जानकी सेतु पुल के खुलने का इंतजार खत्म हो गया है. 20 नवंबर को दोपहर 12 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु का उद्घाटन किया.
इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि इस पुल के खुलने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सहूलियत होगी. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में मुनिकीरेती पूर्णानंद से स्वर्गाश्रम वेद निकेतन के लिए गंगा के ऊपर लगभग 49 करोड़ की लागत से करीब 346 मीटर लंबे जानकीसेतु का निर्माण हुआ है.
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घुप अंधेरे में आवागमन करेंगे सैलानी करीब 49 करोड़ की लागत से लोनिवि नरेंद्रनगर ने जानकीसेतु का निर्माण किया. शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका उद्घाटन भी कर दिया, लेकिन विभागीय अधिकारियों को पुल के मध्य में लाइटिंग की व्यवस्था करने का ध्यान नहीं आया.
ऐसे में ऋषिकेश आने वाले श्रद्धालु जब स्वर्गाश्रम, परमार्थ निकेतन जाएंगे तो उन्हें पुल के मध्य में अंधेरे में गुजरना होगा. वहीं लोनिवि नरेंद्रनगर के ईई मो. आरिफ खान ने बताया कि पुल की लाइटिंग के लिए बजट ज्यादा आ रहा था, इसलिए लाइट की व्यवस्था नहीं की गई.
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दोपहर सवा 12 बजे सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मुनिकीरेती की साइड जानकीसेतु का उद्घाटन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री और यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूरी और स्वर्गाश्रम, गैंडखाल, सिलोगी और द्वारीखाल के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ वेद निकेतन आश्रम की ओर चले गए. इस दौरान सुरक्षा ड्यूटी में लगी एक महिला कांस्टेबल पंडाल के पास अचानक गस खाकर नीचे जा गिरीं और बेहोश हो गईं. उसके साथ ड्यूटी पर तैनात अन्य महिला कांस्टेबलों ने उसे विभागीय कार से अस्पताल पहुंचाया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद कांस्टेबल को होश आया.
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गले में पोस्टर टांगकर वैश्विक महामारी कोरोना की जंग में जागरूकता दूत बन महामारी के खिलाफ मुहिम चला रहे बुजुर्ग समाज सेवी कमल सिंह राणा कार्यक्रम स्थल पर सबके आकर्षण का केंद्र बने रहे. वह अन्य दिनों की भांति आज भी दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी का संदेश लिखी तख्ती टांगकर कार्यक्रम में पहुंचे थे. सबसे आगे की पंक्ति में बैठे राणा पर जिसकी भी नजर पड़ी, वह एक बार के लिए अपना मास्क चेक करना नहीं भूला.
सेतु की कुल लंबाई – 346 मीटर
सेतु का मुख्य स्पान – 274 मीटर
सेतु की चौड़ाई – 3.90 मीटर
दाई ओर से एप्रोच रोड- 24 मीटर
बाईं ओर से एप्रोच रोड- 48 मीटर
सेतु के टावर की ऊंचाई- 30 मीटर
सेतु की सुरक्षा जाली की ऊंचाई – 2.10 मीटर
सेतु के चौड़ाई के तीन भाग- 2 गुणा 1.20 मीटर और 1.50 मीटर
स्वीकृति वर्ष -2013
पुनरीक्षत स्वीकृत वर्ष -2018
-कुल लागत- 48.85 करोड़
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