Dharamshala Tour- धर्मशाला एक शांत और बेहद सुंदर जगह है. यह सिर्फ टूरिस्ट की ही पसंद नहीं है बल्कि बौद्ध धर्म का केंद्र होने की वजह से ये इस धर्म की तरफ रुझान रखने वालों का केंद्र भी है. ये हिमाचल प्रदेश राज्य के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. यह कांगड़ा जिले का मुख्यालय है. इसके साथ ही यहां पर केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय है, Dharamshala Tour इसलिए भी खास है क्योंकि क्योंकि यह स्थान दलाई लामा का निवास है, जिस कारण यहां पर बड़ी संख्या में तिब्बती आबादी निवास करती है. यह पहले भागसू के नाम से जाना जाता था. साल 2017 में शिमला के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य की दूसरी राजधानी के रूप में Dharamshala का नाम घोषित किया गया है. इस जगह को और विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा “स्मार्ट सिटीज मिशन” के रूप में शामिल किया गया है.
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Dharamshala Tour से जुड़े इस लेख में आप यहां की कई खास बातों को जानेंगे. यह शहर मुख्य रूप से कांगड़ा घाटी ऊपरी हिस्से में है और घने जंगलों से घिरा हुआ है. यहां पर दुनिया की सबसे ऊंचाई और खूबसूरती से घिरा हुआ क्रिकेट स्टेडियम है जो धर्मशाला के मुख्य आकर्षण का केन्द्र है. यहां पर कई अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा नगर निगम में कई उपनगर है जैसे, मैक्लोडगंज, भागसूगनाग और धर्मकोट के रूप में उभरते पर्यटन स्थल है. धर्मशाला अपने चाय के बगानों के लिए भी जाना जाता है. यहां पर कई तरह के चाय का उत्पादन किया जाता है. यहां के चाय पूरे देश में काफी लोकप्रिय है
Dharamshala, हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों में धर्मशाला एक आश्चर्यजनक जगह है. गर्मियों के दौरान यहां दोस्तों के समूह या सोलो ट्रिप में जाने का अपना ही मजा है. फरवरी से जून तक का समय धर्मशाला घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है जो आपको इस जगह पर सबसे अच्छा स्थान बनाने का मौका देगा. वहां जाने के लिए 12 सबसे सर्वोत्तम स्थानों के बारे में नीचे विस्तार से दिया हुआ है.
1 वर्ग किलोमीटर में फैले करेरी डल झील का नाम कश्मीर के डल झील के नाम पर रखा गया है. यह झील धर्मशाला से 9 किमी. की दूरी पर है. इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2934 मी. है. इस झील को आम तौर पर पहाड़ों की बर्फ के पिघलने से ही पानी प्राप्त होता है. यह trekking destination के लिए काफी प्रसिद्ध है. यह झील दिसंबर से मार्च तक बर्फ से जमी रहती है. यहां का वातावरण काफी शांत व मनमोहक है.
स्थान: कांगड़ा जिला
मिस न करें: बोटिंग, पिकनिक
खुलने का समय: 24 घंटे खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं
भगवान शिव को समर्पित भागसूनाग मंदिर, सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है और धर्मशाला में देखने के लिए सबसे अधिक पर्यटन स्थलों में से एक है. हर साल हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं, जो ऊंची पहाड़ियों और घुमावदार पगडंडियों में बसे होते हैं. इस मंदिर की आसपास की सुंदरता ने इसे धर्मशाला में सबसे अधिक आकर्षक पर्यटन आकर्षणों में से एक बना दिया है.
स्थान: पालमपुर – धर्मशाला, भागसू नाग, मैकलॉड गंज, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: पूल में डुबकी लगाए, यदि आप सितंबर में वहां जाते हैं, तो भागसूनाग मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक मेले में शामिल जरूर हों.
खुलने का समय: सुबह 6 से शाम 7 बजे तक खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: फ्री
स्थान: कांगड़ा जिला
मिस न करें: बोटिंग, पिकनिक और काली-शिव मंदिर.
खुलने का समय: 24 घंटे खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं
भागसू झरने के नाम से प्रसिद्ध यह प्राकृतिक झरना भागसूनाग मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह सबसे महत्वपूर्ण धर्मशाला दर्शनीय स्थलों में से एक है. झरना 20 मीटर की ऊंचाई पर है और प्राचीन प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. मानसून के दौरान दूधिया सफेद पानी का शानदार झरना सबसे आकर्षक लगता है. इसके अलावा, मैक्लोडगंज में भागसूनाग एक लोकप्रिय ट्रेकिंग की जगह है जो धर्मशाला में देखने के लिए शानदार स्थानों में से एक है.
स्थान: मंदिर, भागसुनाग के पास, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: प्राकृतिक सुंदरता जो चारों ओर से घेरे हुए है. ठंडे पानी में एक डुबकी लगाएं. आप धार के पास एक छोटे से पिकनिक का आनंद ले सकते हैं और इसके ठीक बगल में स्थित कैफे से कुछ खाना भी खा सकते हैं.
प्रवेश शुल्क: फ्री
यह खूबसूरत मठ धर्मशाला में देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है. गयुतो मठ, करमापा का निवास है. यह धर्मशाला में बौद्ध दर्शन, तांत्रिक अनुष्ठानों और तांत्रिक साधना पर अपने शोध के लिहाज से काफी लोकप्रिय स्थान है. यह मठ उन सैनिकों की याद में बनाया गया था जिन्होंने अपना जीवन तिब्बत स्वतंत्रता युद्ध में समर्पित कर दिया था.
मठ परिसर शांत और सुंदर है और यहां की सजावट, शैली और वास्तुकला अद्भुत है. इसकी पृष्ठभूमि में मंत्रमुग्ध धौलाधार वाला मठ धर्मशाला के बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है.
स्थान: सिदबारी, हिमाचल प्रदेश
खुलने का समय: सुबह 8 से 11 बजे तक खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: निशुल्क
कांगड़ा किला विस्मयकारी इतिहास और अद्भुत विरासत का गवाह है, जो धर्मशाला में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. यह एक प्राचीन संरचना है. भारत के सबसे पुराने किलों और हिमालय के सबसे बड़े किले के रूप में, वास्तुकला का यह शाही नमूना कभी कांगड़ा के शाही परिवार-काटोच वंश का निवास था. इस किले में जिस तरह की ऐतिहासिक घटनाएं देखने को मिलीं, वह खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं. इस जगह जाकर और स्थानीय लोगों द्वारा बताई गई कहानियों को सुनकर कांगड़ा किले के इतिहास के बारे में जानें. यह धर्मशाला के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.
स्थान: पुराना कांगड़ा, कांगड़ा,
मिस न करें: मांझी और बाणगंगा नदी और महाराजा संसार चंद कटोच संग्रहालय, परिसर में कई प्राचीन मंदिर भी हैं.
खुलने का समय: सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 150 रुपए प्रति व्यक्ति और विदेशियों के लिए 300 रुपए प्रति व्यक्ति
धर्मशाला बस स्टैंड के पास स्थित, कांगड़ा कला संग्रहालय एक शानदार केंद्र है जो तिब्बती और बौद्ध संस्कृति की वस्तुओं को प्रदर्शित करता है. अपने विरासत मूल्य के कारण, यह धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है. यहां आने वाले पर्यटक खूबसूरत कांगड़ा कलाम आर्टवर्क का लुत्फ़ ले सकते हैं.जो अपने मनमोहक आकर्षक रंगों और आंकड़े के लिए प्रसिद्ध हैं.
यहां दिखने वाले कई आर्ट वर्क ऐसे भी हैं जो पांचवी सदी के हैं. यहां एक पुस्तकालय और समकालीन कलाकारों, वास्तुशिल्पियों, और फोटोग्राफरों के कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक अलग खंड है, जिसका भी आनंद यहां आने वाले पर्यटक ले सकते हैं. इसके अलावा यहां आने वाले लोग खूबसूरत तिब्बती और बौद्ध संस्कृतियों की कलाकृतियां को भी देख सकते हैं जो किसी का भी दिल जीत सकती हैं.
स्थान: कोतवाली बाजार,धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: सिक्कों, नृविज्ञान वस्तुओं, मिट्टी के बर्तनों और जनजातीय आभूषणों का दुर्लभ संग्रह
खुलने का समय: सुबह 10 बजे से 1.30 बजे और दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक संग्रहालय सोमवार और प्रत्येक सार्वजनिक अवकाश के दिन बंद रहता है
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 10रु प्रति व्यक्ति और विदेशियों के लिए 50रु प्रति व्यक्ति
मसरूर मंदिर कांगड़ा के दक्षिण में 15 किमी की दूरी पर मसरूर टाउन में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. 15 शिखर मंदिरों वाली यह संरचना गुफाओं के अंदर स्थित हैं जो मसरूर मंदिर के रूप में जाना जाता है. 15 मंदिरों में, ठाकुरद्वार मंदिर जिसमें हिंदू देवी-देवताओं राम, लक्षमण, और सीता की काले पत्थर की छवियां हैं, जबकि भगवान शिव की मूर्ति के बीच में है.
Dharamshala Tour के दौरान इंडो -आर्यन वास्तुकला की शैली का प्रतिनिधित्व करते हुये, 10 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण पत्थर के एक ठोस टुकड़े का उपयोग करके किया गया था, इसकी स्थापत्य शैली के कारण, इसे अजंता-एलोरा मंदिर की याद ताजा करने वाला कहा जाता है. इस जगह को भारतीय कला का एक शानदार स्थल बनाते हैं और निश्चित रूप से प्रमुख धर्मशाला में से एक हैं.
स्थान: मसरूर, लाहलपुर, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: रामायण के दृश्यों को दर्शाने वाली नक्काशियों में राम, लक्ष्मण और सीता को दिखाया गया है.
खुलने का समय: सुबह 9 बजे – शाम 7 बजे खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: फ्री
Dharamshala Tour नड्डी एक शांत और बिल्कुल मनमोहक गांव है, जो कि मुख्य शहर के चटर से दूर पहाड़ी के ऊपर स्थित है. धर्मशाला के पास घूमने के लिए सबसे मनोरम स्थानों में से एक है. नड्डी पहाड़ी एक सुदूर गांव में स्थित है, जहां आपको ऊंचे पहाड़, गहरी आलीशान कांगड़ा घाटी और शानदार देवदार जंगलों के शानदार दृश्य देखने को मिलेगा. आप धौलाधार पर्वतमाला की बर्फीली चोटियों को भी देख सकते हैं, यही कारण है कि यह धर्मशाला में देखने के लिए सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है.
स्थान: हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: आस-पास का मनोरम दृश्य
प्रवेश शुल्क: फ्री
धर्मशाला शहर में पहाड़ों में स्थित धर्मशाला क्रिकेट मैदान है जो शहर में आकर्षण केंद्र है. यह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में घूमने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक है. यह ऊंचाई पर स्थित है, यह दुनिया के सबसे ऊंचे क्रिकेट मैदानों में से एक है. यह 1,457 मीटर की ऊंचाई पर है. धर्मशाला स्टेडियम का परिवेश जगह की सुंदरता में चार चांद लगाता है.
स्थान: तहसील, एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम, जिला-कांगड़ा, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
खुलने का समय: सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है
कांगड़ा जिले के धर्मशाला में, यह एक बौद्ध लाइब्रेरी है. इस लाइब्रेरी में बहुत से ऐतिहासिक जो लगभग 12 वीं शताब्दी की तारीखों की कलाकृतियों और पांडुलिपियों स्तिथ है. यह लाइब्रेरी तिब्बती वर्क्स और अभिलेखागार की लाइब्रेरी बौद्ध धर्म के अध्ययन और अनुसंधान में एक प्रसिद्ध संस्था है. जिनमें सुंदर रूप से तैयार किये गए रेशम और एप्लिक थैग्कास और अवलोकितेश्वर के तीन आयामी, लकड़ी के नक्काशीदार मंडल शामिल किये गए हैं. जो बौद्ध धर्म के सबसे प्रतिष्ठित और दयालु बोधिसत्व में से एक हैं. यह स्थान बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक बहुत ही उपयोगी स्थान है. यह स्थान धर्मशाला घूमने आए सैलानियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है. इस स्थान में 80,000 से अधिक पांडुलिपियों के साथ, 600 बौद्ध कलाकृतियां स्तिथ है. धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.
स्थान: गंगचेन किशॉन्ग, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: प्राचीन तिब्बती कलाकृतियां
खुलने का समय: सुबह 9 से शाम 5 बजे (रविवार बंद)
प्रवेश शुल्क: फ्री
Dharamshala Tour आप धर्मशाला में रहकर त्रिउंड की सैर कर सकते हैं. यह धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है जो आपको हिमालय की झलक देखने का एक सही मौका देती है. 2828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, त्रिउंड वास्तव में ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए जगह है, इसके साथ ही लोग यहा पर कैंपेनिंग का अनुभव भी कर सकते हैं. कृपया ध्यान दें कि वर्तमान में त्रिउंड में कैंपेनिंग लगाने की अनुमति नहीं है.
स्थान: कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
मिस न करें: गालू मंदिर, रोडोडेंड्रोन और ओक वन
खुलने का समय: सुबह 7:00 बजे – शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं
कांगड़ा में ज्वाला देवी मंदिर देशभर के यात्रियों को लुभाता है, जिसे धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक कहा जाता है. धर्मशाला में छुट्टियां मनाते समय मंदिर जरूर जाएं. मंदिर धर्मशाला से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कांगड़ा में यह मंदिर ज्वाला देवी को समर्पित है.
स्थान: शक्तिनगर, सोनभद्र जिला, उत्तर प्रदेश
मिस न करें: आरती
खुलने का समय: गर्मी: 5:00 सुबह – 10:00 रात और सर्दी: 6:00 सुबह – 9:00 रात खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं
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