Dainkund Peak : डैनकुंड पीक जहां पहले चुड़ैलों का था वास, अब है एक पफेक्ट टूरिस्ट प्लेस
Dainkund Peak : डैनकुंड पीक ये नाम सुनने में कोई डरावनी जगह लगती है. डैनकुंड पीक जिसे सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है जो डलहौजी में समुद्र तल से 2755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
डलहौज़ी में सबसे ऊंचा जगह होने के कारण यहां से घाटियों और पहाड़ों के बेहतरीन व्यू को देखा जा सकता है. नेचर प्रेमियों के लिए शांत जगह स्वर्ग के सामान है.
डलहौजी क्षेत्र में स्थित डैनकुंड सचमुच देखने लायक जगह है, जो अपनी खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है. डैनकुंड पीक हर साल भारी संख्या में देश भर से पर्यटकों को अपनी तरफ अट्रैक्ट करती है.
सर्दियों के मौसम में यह अधिकतम बर्फबारी होती है. मान्यता है कि प्राचीन समय में इस जगह पर चुड़ैलों का वास था, जो ग्रामीणों को परेशान करतीं थीं. फिर पोहलानी देवी ने चुड़ैलों को मार कर ग्रामीणों को बचाया. डायन कुंड डलहौजी से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है.
बता दें कि डैनकुंड पीक डलहौजी में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है, डैनकुंड से खजियार झील का ऐसा आकर्षक दृश्य नजर आता है कि हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश करता है.
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डैनकुंड पीक पर ट्रैकिंग ट्रेक || Dainkund Peak Trek
अपनी यात्रा को यादगार और रोमांचक बनाना चाहते हैं तो ट्रेकिंग करना एक अच्छा ऑप्शन है.चोटी से दो किलोमीटर नीचे कैंपिंग के लिए एकदम सही जगह है. डैनकुंड चोटी के लिए 4.5 किमी का रास्ता एक आसान ट्रेक है, जिस पर पर्यटक हरे-भरे देवदार के जंगलों से होकर गुजरते हैं.
डैनकुंड की चढ़ाई लक्कड़ मंडी को पार करने के बाद शुरू होती है. लगभग 6 किलोमीटर चलने के बाद मोटर योग्य सड़क खत्म हो जाती है, आपको भारतीय वायु सेना के बैरियर पर अपनी कार खड़ी करनी होगी. यहां से 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी, जिसमें एक किलोमीटर की चढ़ाई काफी खड़ी है, हालांकि यह ट्रेक काफी सुरक्षित है.
डैनकुंड की यात्रा के लिए टिप्स || Tips For Dainkund Peak
डैनकुंड की यात्रा करते समय गर्म कपड़े कैरी करें क्योंकि उंचाई पर तापमान काफी कम हो जाता है.
यदि आप ट्रैकिंग करने जा रहें हैं तो अपने साथ ट्रेकिंग जूते लें जाएं.
इमरजेंसी स्थिति के लिए कुछ दवाएं जरूर लें जाएं.
डैनकुंड चोटी के आसपास प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल || Places To Visit Near Dainkund Peak
डैनकुंड चोटी डलहौजी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.अगर आप इस डैनकुंड चोटी के अलावा डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इन जगहों पर जा सकते हैं जैसे, सच पास चामुंडा देवी मंदिर, रॉक गार्डन,खजियार,बकरोटा हिल्स और सुभाष बावली.
डैनकुंड पीक डलहौजी कैसे पहुंचे || How To Reach Dainkund Peak Dalhousie
डलहौजी भारत में सबसे ज्यादा देखें जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है. यह हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में स्थित बहुत ही सुंदर जगह है जो यहां आने वाले पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनती .अगर आप डलहौजी जाने की योजना बना रहे हैं तो यहां हम डलहौज़ी पहुxचने के तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
फ्लाइट से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे || How To Reach Dainkund Peak By Air
हवाई जहाज से डलहौजी पहुंचने के लिए कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डा इसका सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है. यह हवाई अड्डा शहर से 13 किमी दूर है और यहां से डलहौजी हिल स्टेशन तक पहुंचने के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं.
इसके अलावा आप अन्य हवाई अड्डे चंडीगढ़ (255 किमी), अमृतसर (208 किमी) और जम्मू (200 किमी) के लिए भी उड़ान ले सकते हैं.
ट्रेन से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे || How To Reach Dainkund Peak By Train
डलहौजी का सबसे नजदीकी रेल स्टेशन पठानकोट है.जो इस पहाड़ी शहर से 80 किमी दूर स्थित है और भारत के विभिन्न शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई और अमृतसर से कई ट्रेनों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.
पठानकोट रेलवे स्टेशन से डलहौजी पहुंचने के लिए आपको बाहर से टैक्सियां मिल जायेंगी.
सड़क मार्ग से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे || How To Reach Dainkund Peak By Road
डलहौजी सड़क मार्ग की मदद से आसपास के प्रमुख शहरों और जगहों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.राज्य बस सेवा और लक्जरी कोच डलहौजी को आसपास की सभी प्रमुख जगहों और शहरों से जोड़ते हैं. दिल्ली से डलहौजी के लिए रात भर लक्जरी बसें भी उपलब्ध हैं. इस मार्ग पर टैक्सी और निजी वाहन भी मिल जाते हैं.
डैनकुंड पीक पर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय || Best Time To Visit Dainkund Peak
डलहौजी में स्थित डैनकुंड की यात्रा आप साल में कभी भी कर सकते हैं. यहां पर गर्मी का मौसम अप्रैल से शुरू होता है और जून तक रहता है. अगर आप बर्फ से ढके पहाड़ों और ताजगी भरी हरियाली के खूबसूरत व्यू का मजा लेना चाहते हैं, तो अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों के दौरान डैनकुंड पीक की यात्रा करने की योजना बनाये.