Coorg Hill Station : कुर्ग ( Coorg ) मानसून में घूमने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। ये जगह यहां पर बिखरी हरियाली के लिए के प्रसिद्ध है। साउथ के लोगों के बीच ये जगह है काफी पसंद की जाती है। लोगों का पसंदीदा हॉलिडे डेस्टिनेशन है कूर्ग।
कूर्ग कर्नाटक के बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कुर्ग कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है। ये समुद्र स्तर से लगभग 900 मीटर से 1715 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।पर्यटकों को क्यों भाता है कूर्गxकुर्ग में आपको बेहद सुंदर घाटियां, रहस्यमयी पहाड़ियां, बड़े-बड़े कॉफी के बागान, पानी का शोर मचाते झरने, चाय के बागान, चारो ओर फैली हरियाली, संतरे के पेड़, बुलंद चोटियां और तेजी से बहने वाली नदियां यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। ये जगह दक्षिण भारत के लोगों का बेहद पसंदीदा वीकेंड गेटवे माना जाता है। दक्षिण में स्थित कन्नड़ के लोग यहां विशेष रूप से वीकेंड मनाने यहीं आते है।
Hong Kong से जुड़े 31 Fact जिन्हें जानना जरूरी है
जानें कुर्ग ( Coorg ) के इतिहास के बारे में
कुर्ग या कोडगू नाम की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियां कहीं जाती है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि कोडगू शब्द की उत्पत्ति क्रोधादेसा से हुई है। इसका अर्थ होता है कदावा जनजाति की भूमि। वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना ये भी है कि कोडगू शब्द सामान्यता दो शब्द से मिलकर बना है – कोड यानि देना और अव्वा यानि माता। जिससे की इस स्थान को माता कावेरी को समर्पित माना जाता है। कुछ समय बाद से कोडगू को कुर्ग के नाम से जाना जाने लगा।
कुर्ग ( Coorg ) के आस-पास भी हैं घूमने की कईं जगहें
कुर्ग में पर्यटकों के लिए काफी दिलचस्प और दर्शनीय पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां आकर पर्यटक पुराने मंदिरों, ईको पार्क, झरनों और सेंचुरी की खूबसूरती में खो जाते हैं। अगर आप कूर्ग की घूमने जाएं तो अब्बे फॉल्स, ईरपु फॉल्स, मदीकेरी किला, राजा सीट, नालखंद पैलेस और राजा की गुंबद की सैर करना ना भूलें। कुर्ग में कई धार्मिक स्थल भी बहुत प्रसिद्ध हैं जिनमें से भागमंडला, तिब्बती गोल्डन मंदिर, ओमकारेश्वर मंदिर और तालाकावेरी प्रमुख हैं।
कुर्ग का भ्रमण करेंगें तो ये इसको आप किसी यूरोपीय देश से कम नहीं पायेंगें। ये यूरोपीय हिल स्टेशन से ही प्रतीत होता है। इसी वजह से इसको भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है। यूरोप घूमना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। इसलिए आप कुर्ग में ही यूरोप के मज़े ले सकते हैं। अगर आप पहाड़ियों के आनन्द लेना चाहते हैं तो कुर्ग से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं हो सकता। यहां का शांत वातावरण और हरी-भरी वादियां आपका मन मोह लेंगीं।बारिश का मौसम है कुर्ग की यात्रा के लिए बेहतरकुर्ग जाने के लिए जून से फरवरी के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है। बरसात कुर्ग की यात्रा के लिए बेहतर माना जाता है। क्योंकि यहां की बारिश घूमने के मज़े को कई ज़्यादा बढ़ा देती है। वैसे तो यहां कभी भी बारिश हो जाती है, इसिलए यहाँ जाते वक़्त छाता ले जाना ना भूलें।
अगर आप हवाई यात्रा से कूर्ग जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको मंगलोर एयरपोर्ट सबसे नज़दीक पड़ेगा।ये यहां से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा इंटरनैशनल एयरपोर्ट बेंगलुरु है जो यहां से लगभग 265 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आपको दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद जैसे शहरों से एयरपोर्ट्स की डायरेक्ट फ्लाइट भी मिल जाएगी।
यहाँ से आप कर्नाटक के मैसूर तक ट्रेन से जा सकते हैं। मैसूर स्टेशन से कुर्ग के सबसे नजदीक है। दोनों के बीच की दूरी लगभग 95 किलोमीटर है।यही पर स्थित मैसूर स्टेशन देश के लगभग सभी बड़े स्टेशनों से कनेक्टेड है। मैसूर के अलावा मंगलौर स्टेशन तक की भी ट्रेन यहां जाने के लिए ले सकते हैं।
बस पकड़कर भी आप कुर्ग की सैर कर सकते हैं। अगर आप बेंगलुरु से ड्राइव करके कुर्ग जाना चाहते हैं तो आपको करीब साढ़े चार घंटे का समय लग सकता है। आप चेन तो कुर्ग तक की डायरेक्ट बस भी ले सकते हैं।
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