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Ooty Hill Station : यूनेस्को के वर्ल्ड हैरीटेज में शामिल है Ooty का नाम

Ooty Hill Station :  जब दक्षिण भारत की बात होती है तो दिमाग में सबसे पहला नाम ऊटी का आता है। ऊटी दक्षिण भारत का सबसे फेमस हिल स्टेशन है। ये तमिलनाडु में स्थित है। ऊटी अपने बगानों और लाल रंग की छत वाले बंगलों के लिए बहुत मशहूर है।

पहाड़ो की रानी ऊटी || Ooty Queen of hills 

ऊटी हिल स्टेशन नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर शहर है। इस शहर का आधिकारिक नाम उटकमंड है तथा पर्यटकों की सुविधा की वजह से इसका संक्षिप्त नाम ऊटी दिया गया
ये भारत के दक्षिण में स्थित हिल स्टेशन हैै यहां हर साल कई पर्यटक आते हैं। ये शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है। आपको ऊटी शहर के आस-पास चारों नीलगिरी पहाड़ियां देखने को मिलेगी यही कारण है कि इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। यहां स्थित पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) के नाम से भी जाना जाता है।

ऊटी में स्थित अन्य पर्यटन स्थल || Place around Ooty 

जब भी आप ऊटी जायें तो इसके आस-पास के कुछ बेहतरीन स्थल हैं यहां भी एक बार ज़रूर जाएं। इनमें बोटेनिकल गार्डन, डोडाबेट्टा उद्यान, ऊटी झील, कलहट्टी प्रपात और फ्लॉवर शो
काफ़ी मशहूर स्थल है इनकी वजह से ही ऊटी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। साथ ही साथ एवलेंच, ग्लेंमोर्गन का शांत और प्यारा गाँव मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान भी ऊटी के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

ऊटी की झील देखकर मन मारता है हिलौरे || The heart is thrilled to see the lake of Ooty

ये  झील ऊटी में एक आकर्षण का केंद्र माना जाता है। ये किसी सितारे से कम नहीं लगती है। इसकी चमक सैलानियों के मन मोह लेती है। इस झील के सौंदर्य को देखकर हर किसी का दिल हरा-भरा हो जाता है। इस झील में आप बोटिंग भी कर सकते हैं यहां बोटिंग की अच्छी व्यवस्था है। साथ ही साथ आप यहाँ घुड़सवारी का आनंद उठा सकते हैं।

यहां का फेमस लेक गार्डन ||  Famous lake garden 

ऊटी अपनी दूर तक फैली हसीन वादियां और उन वादियों में ढके आकर्षण वृक्ष और पहाड़ों के लिए जाना जाता है। यहीं पर स्थित है लेक गार्डन। ये गार्डन सैलानियों के मन को पहुंचाता है सुकून। वैसे तो ये गार्डन अपनी खूबसूरती से बच्चों को आकर्षित करता ही है परन्तु इससे बड़े बूढ़े भी अछूते नहीं रह पाते। ये पिकनिक मनाने और घूमने के लिए एक बहुत ही खूबसूरत स्थल है।

यूनेस्को के वर्ल्ड हैरीटेज में शामिल है ऊटी || Ooty’s name in UNESCO world heritage 

ऊटी को यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल भी किया गया है। आईटी में आप टॉय ट्रेन का मज़ा भी ले सकते हैं। ऊटी में देश का सबसे पुराना बोटैनिकल गार्डन भी स्थित है।

यहां आप पेड़ पौधे और कई फूलों की एक से एक वैरायटी भी देख सकते हैं।यहाँ की मशहूर लेक भी अपनी खूबसूरती की वजह से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां चलने वाली टॉय ट्रेन को नीलगिरि माउंटेन ट्रेन के नाम से जानते हैं। नीलगिरि पर्वत लागता है ऊटी की खूबसूरती में चार-चाँद ऊटी नीले पर्वतों की श्रृंखला पर स्थित है। ये नीलगिरि पर्वतमाला पर बसा हुआ है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है। हर तरफ आपको शांत वातावरण देखने को मिलेगा। यहां साल भर मौसम सुहाना ही बना रहता है। वहीं सर्दी के समय यहां का तापमान शून्य डिग्री से भी नीचे चला जाता है। वनस्पति, चाय के बागान और यहां की हसीन वादियां ऊटी को और भी सुंदर बनाती हैं।

कैसा रहता है ऊटी का मौसम || Weather of Ooty 

ऊटी का मौसम पूरे साल भर बहुत अच्छा रहता है। लेकिन ठंड में दक्षिण भारत के अन्य हिल स्टेशन की तुलना में यहाँ का मौसम अधिक ठंडा रहता है। आप यहां कभी भी घूमने जा सकते हैं।

कैसे जाएं ऊटी || How to reach Ooty 

ऊटी जाने के लिए आप सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग या फ़िर हवाई मार्ग चुन सकते हैं। ऊटी का रास्ता आपको साफ सुथरा मिलेगा। क्योंकि ये अन्य शहरों और नगरों से अच्छे रास्तों द्वारा जुड़ा हुआ है। विभिन्न शहरों जैसे चेन्नई, कोयंबटूर, मैसूर, बैंगलोर, कोच्चि और कालीकट से ऊटी तक आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इसलिए कोई भी यहां आसानी से पहुंच सकता है। कई लोग ऊटी राज्य परिवहन की बसों से जाते हैं। क्योंकि वे आरामदायक होने के साथ-साथ निजी टैक्सियों की तुलना में सस्ती भी होती हैं। इसी कारण इनका किराया भी कम होता है। वहीं अगर आप अपने स्वयं के वाहन द्वारा रास्ते से यात्रा करने जाना चाहते हैं तो ऊटी की यात्रा प्रारंभ करने के पहले आप विभिन्न रास्तों के बारे में पता लगा लें।

Anchal Shukla

मैं आँचल शुक्ला कानपुर में पली बढ़ी हूं। AKTU लखनऊ से 2018 में MBA की पढ़ाई पूरी की। लिखना मेरी आदतों में वैसी शामिल है। वैसे तो जीवन के लिए पैसा महत्वपूर्ण है लेकिन खुद्दारी और ईमानदारी से बढ़कर नहीं। वो क्या है कि मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखती हूँ, मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहज़े याद रखती हूँ, ज़रा सा हट के चलती हूँ ज़माने की रवायत से, जो सहारा देते हैं वो कंधे हमेशा याद रखती हूँ। कुछ पंक्तिया जो दिल के बेहद करीब हैं। "कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये"

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