मणिपुर की शादी क्यों होती है खास,आइए जानते हैं
मणिपुर की शादियां दुल्हन के घर होती हैं.
शादियों में हेजियापोट, बोर बैटन और लीलेंगा, लुहोंगबा, फामनंडो की जैसी कई रस्में होती हैं.
जिसमें सबसे खास रस्म लीलेंगा की होती है.
लीलेंगा में दुल्हन अपने और दुल्हे के लिए दो माला बुनती है.
एक पुजारी की उपस्थिति में अपने वैवाहिक जीवन के लिए पवित्र प्रार्थना करती है.
इसके बाद शादी समारोह का फक्शंन होता है.
शादी समारोह में विवाह मंडप या बैठने की व्यवस्था एक तुलसी के पौधे के चारों ओर की जाती है.
दूल्हा पुजारी के साथ बैठता है और दुल्हन को बाद में बुलाया जाता है.
दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के हाथों पर हाथ रखते हैं और दुल्हन की मां इसे धागे से बांधती है...
और जोड़े को एक थाली देकर आशीर्वाद देती है.
इसमें एक नारियल, केला और सुपारी होता है.
एक बार जोड़े को दुल्हन की मां द्वारा आशीर्वाद दिया जाता है.
फिर अन्य बुजुर्ग उन्हें भी आशीर्वाद देते हैं. और थाली में पैसे भी देते हैं.
दुल्हन बैठे हुए दूल्हे के चारों ओर 7 चक्कर लगाती है.
दूल्हा और दुल्हन वरमाला का आदान-प्रदान करते हैं.
इसके बाद शादी सम्पन्न हो जाती है.